कुछ फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने 3 तस्वीरों के साथ हिंदी में यह लिखते हुए पोस्ट किया, “मेरिट धारी कारोना बीमारी के नाम पर कीडनिया निकाल कर बेचता था. पुलिस के हत्थे चढ़ा 100 से ज्यादा मर्डर करने वाला ‘दरिंदा ‘ डॉक्टर देवेंद्र शर्मा हत्या कर मगरमच्छ को खिलाता था लाशें अवैध किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले गिरोह में शामिल हो कर जयपुर बल्लभगढ़ और गुरुग्राम में 125 लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट करवाईं.”

उत्तर प्रदेश जन अधिकार पार्टी (लोकतंत्र) के सदस्य वीरेंद्र प्रजापति के इस फ़ेसबुक पोस्ट को 500 से ज्यादा बार शेयर भी किया गया. (आर्काइव लिंक) उन्होंने देवेंद्र शर्मा की किडनी रैकेट के मामले में गिरफ्तारी पर एक न्यूज़ रिपोर्ट भी पोस्ट की थी.

इसी तरह एक ट्विटर यूज़र ने भी इन तस्वीरों को शेयर किया जिसे 200 से अधिक बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव लिंक)

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर(+917600011160) पर और मोबाइल ऐप पर इसके फ़ैक्ट चेक के लिए कई रिक्वेस्ट भी आई.

ऑल्ट न्यूज़ ने जब कीवर्ड ‘डॉक्टर देवेंद्र शर्मा किडनी’ सर्च किया तो कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 30 जुलाई 2020 को छपी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सन् 2000 में एक आयुर्वेद के डॉक्टर ने कथित रूप से 50 टैक्सी ड्राइवरों की हत्याएं प्लान की थीं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि देवेन्द्र 1990 के दौरान गैर-कानूनी किडनी ट्रांसप्लांट का धंधा चलाता था जिसका नेटवर्क जयपुर, बल्लभगढ़ और गुड़गांव में फैला था. देवेन्द्र शर्मा और उसके साथी सबूत मिटाने के लिए शवों को मगरमच्छ से भरी नहरों में फेंक देते थे. देवेन्द्र को 2004 में एक टैक्सी ड्राइवर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गयी थी. जयपुर की जेल में 16 साल सज़ा काटने के बाद 28 जनवरी 2020 को वो 20 दिन की परोल पर बाहर आया. इसके बाद वो गायब हो गया. उसे 29 जुलाई 2020 को दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया.

ऑल्ट न्यूज़ ने डीसीपी (क्राइम ब्रांच) राकेश पवरिया से बात की. उन्होंने साफ़ किया, “देवेन्द्र शर्मा केस का कोई भी कोविड-19 एंगल नहीं है.” उन्होंने कहा, “शर्मा जयपुर की जेल में 16 साल से उम्र कैद की सजा काट रहा है. जनवरी में परोल तोड़कर भागा और उसे हाल ही में वापस गिरफ़्तार किया गया.”

कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह घटना कोविड-19 से संबंधित है. ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल हो रही तस्वीरों में से दो का रिवर्स इमेज सर्च किया- पहली, पीली टी-शर्ट पहने शख्स की जिसके पीछे 5 लोग मास्क पहने खड़े हैं. और दूसरी, वो तस्वीर जिसमें किडनी दिख रही है. पहली तस्वीर का इस्तेमाल 30 जुलाई को कई मीडिया आउटलेट्स ने किया जिसमें द हिंदू और द आउटलुक भी शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार पीली टी-शर्ट पहने व्यक्ति ही देवेन्द्र शर्मा है.

वहीं दूसरी तस्वीर का रिवर्स सर्च करने पर वह हमें फ़ॉक्स न्यूज़ के एक आर्टिकल पर ले गई. इस आर्टिकल के अनुसार “ब्रिटेन में डॉक्टर्स ने एक बच्ची का किडनी ट्रांसप्लांट करते हुए पाया था कि जिस ऑर्गन को वह लगाने के लिए तैयार कर रहे हैं वह असमान है. इसमें पांच रिनल आर्टरी (धमनियां) हैं.”

इन्हीं तस्वीरों के साथ एक हिंदी न्यूज़ प्लेटफार्म जागरण पर भी रिपोर्ट पब्लिश की गई.

सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा कि देवेंद्र शर्मा ने कोविड-19 की आड़ में किडनी का गैरकानूनी रैकेट चलाया, गलत सूचना है. शर्मा को 29 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया. जब वह परोल से भागा हुआ था. पिछले महीने भी मानव अंगों की तस्करी के मामले को कोरोना वायरस से हुई मौतों के साथ जोड़कर पोस्ट शेयर किए जा रहे थे जिसका ऑल्ट न्यूज़ ने खुलासा किया था.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.