24 फ़रवरी को दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में हिंसा शुरू हुई. लगातार दूसरे दिन भी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थक और विरोधियों के बीच झड़प बरकरार रही. इस दिन का एक वीडियो सामने आया जिसने सुर्ख़ियों में जगह बनायी. जाफ़राबाद में एक व्यक्ति हाथ में बन्दूक लिए दिल्ली पुलिस की तरफ़ आगे बढ़ रहा था और उसने कुछ गोलियां भी चलाईं. ये वीडियो ख़ूब वायरल हुआ. वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने पहले तो रोड की दूसरी तरफ़ खड़ी भीड़ के सामने बन्दूक तानी लेकिन बाद में वो पुलिस की तरफ़ बन्दूक तान देता है. कहा जा रहा है कि शूटर ने आठ बार गोलियां चलाई हैं. ‘द हिन्दू’ से जुड़े पत्रकार सौरभ त्रिवेदी ने ये पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि CAA विरोधी प्रदर्शनकारी ने जाफ़राबाद में खुलेआम गोलियां चलाईं.

भाजपा और RSS के ख़िलाफ़ आरोप

इस घटना के तुरंत बाद, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतउल्लाह ख़ान ने इस घटना की धुंधली तस्वीरें ट्वीट कर ये भी कहा कि शूटर भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ हो सकता है. उन्होंने लिखा -“बीजेपी के लोग दिल्ली में फ़साद करा रहे हैं गोली चलाने वाले आदमी का रिश्ता ज़रूर कपिल मिश्रा और बीजेपी से निकलेगा तभी ये दिल्ली पुलिस के सामने गोली चला रहा है फ़सादियों को दिल्ली पुलिस प्रोटेक्शन दे रही है।” आर्टिकल लिखते वक़्त तक इस ट्वीट को करीब 2,200 बार रीट्वीट किया जा चुका है.

लेखक-ऐक्टिविस्ट हंसराज मीना ने इसी घटना के एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा -“देखिए भाजपा और आरएसएस के आतंकवादी किस कधर पुलिस और सीएए के विरोध कर रहे आंदोलनकारियों पर सरेआम गोलियां बरसा रहे है.” बाद में उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया था.

‘भगवा झंडे’

शाहीन बाग के ऑफ़िशियल हैन्डल ने त्रिवेदी द्वारा शेयर किए गए वीडियो को ट्वीट कर ये सुझाव दिया कि शूटर ‘CAA समर्थक गुंडा’ है. हैन्डल ने दावा किया कि इस बात का पता शूटर के बैकग्राउंड में दिख रहे भगवा झंडों से लगता है.

पोलिटिकल फ़िगर सलमान निज़ामी ने भी ‘भाजपा सरकार’ पर आरोप लगाते हुए लिखा -“भगवा झंडों के साथ गुंडों ने दिल्ली पुलिस पर गोलियां चलाईं.”

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को रिकॉर्ड करने वाले सौरभ त्रिवेदी से संपर्क किया. त्रिवेदी ने घटना का हाई रिज़ोल्यूशन वीडियो भेजा. अपने इस आर्टिकल में हम दो दावों की जांच करेंगे.

1. भीड़ ने भगवा झंडे पकड़े हुए थे.
2. शूटर CAA का समर्थक था.

वो भगवा झंडे नहीं बल्कि प्लास्टिक के डब्बे थे

हमने वीडियो को ध्यान से देखा और मालूम हुआ कि भीड़ ने भगवा झंडे नहीं बल्कि प्लास्टिक के बॉक्स पकड़े हुए थे. हाई रिज़ोल्यूशन वीडियो से लिए गए स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखने पर प्लास्टिक के बक्से साफ़ तौर पर दिखाई देते है.

कई और फ़्रेम में ये बक्से साफ़ दिखाई देते है.

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए त्रिवेदी ने बताया कि -“ये वो प्लास्टिक के बक्से है जिसका इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों ने पत्थरों से बचाव के लिए किया था.”

भीड़ की पहचान: CAA के समर्थक या विरोधी?

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने दावा किया कि शूटर CAA की समर्थक भीड़ का हिस्सा था. ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया के दावे की सच्चाई जानने के लिए ग्राउन्ड पर मौजूद रिपोर्टर से संपर्क किया.

त्रिवेदी ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया -“ये व्यक्ति CAA के विरोधी गुट की तरफ़ से आया था. उसने कई बार गोलियां चलाईं. तकरीबन आठ बार. उसने CAA समर्थक भीड़ पर गोलियां चलाईं, जहां पर एक पुलिसकर्मी भी खड़े थे. उसने पुलिसकर्मी की ओर बन्दूक तानी और कहा, ‘भाग जाओ वरना मार दूंगा.’ लेकिन पुलिसकर्मी खड़े रहे और उसके बाद वो शूटर पलट गया. पुलिसकर्मी पीछे हट गए और अन्य पुलिसकर्मियों को मदद करने और शूटर को पकड़ने के लिए बुलाना शुरू कर दिया.”

ये पूछने पर कि उन्होंने कैसे शूटर की पहचान CAA के विरोधी के रूप में की, तो उन्होंने बताया -“ये इंसान उस साइड से आ रहा था जहां पर जाफ़राबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर CAA विरोधी प्रदर्शकों ने रास्ता बंद किया हुआ था. वो व्यक्ति भीड़ की अलग साइड से आया था. मैं पुलिस के साथ दूसरी साइड पर मंदिर के पास मौजूद था, जहां CAA समर्थक ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे. दोनों ओर से लोग एक दूसरे पर पत्थरबाज़ी कर रहे थे.”

द क्विंट की संवाददाता ऐश्वर्या एस अय्यर ने भी जाफ़राबाद की हिंसा को अपनी आंखों से देखा. उन्होंने ट्वीट किया, “On one side are anti-CAA protesters from Jafrabad & on the other side are pro-CAA protesters from Maujpur.” (अनुवाद – जाफराबाद की ओर CAA विरोधी प्रदर्शनकारी हैं और मौजपुर की ओर CAA समर्थक प्रदर्शनकारी मौजूद हैं.)

अय्यर इस झड़प के दौरान जाफ़राबाद से मौजपुर की तरफ़ आती हुई भीड़ को रिकार्ड कर रही थीं. ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने खुद की तस्वीरों और वीडियो में दिख रही भीड़ को CAA के ख़िलाफ प्रदर्शनकारियों का बताया. अय्यर ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें कई लोगों को स्कल कैप (इस्लाम धर्म से जुड़ी हुई टोपी) पहने हुए देखा जा सकता है.

ये पता करने के लिए कि त्रिवेदी और अय्यर द्वारा ली गई भीड़ की तस्वीर और अय्यर की लोकेशन एक है, हमने ‘PTI’ द्वारा शेयर की गई तस्वीर और अय्यर की खींची तस्वीर का मिलान किया. दोनों तस्वीरों में पीले रंग की टी-शर्ट और हेलमेट पहने व्यक्ति दिख रहा है. पुलिस के सामने खड़ी भीड़ CAA विरोधी थी. तस्वीर में शूटर को हरे रंग से हाईलाइट किया गया है.

हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ शूटर की पहचान स्वतंत्र रूप से नहीं कर पाया है मगर कई मीडिया संगठनों ने उसकी पहचान शाहरुख के रूप में की है.

निष्कर्ष के तौर पर, ऑल्ट न्यूज़ इस बात का पता लगा पाया है कि शूटर CAA विरोधी समूह की तरफ़ से आया था. इसके अलावा, ये दावा कि भीड़ ने भगवा झंडे लहराए थे, गलत है.

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