अख़बार की एक कटिंग के साथ कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. इसमें छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कार्यालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया के घर पर आयकर विभाग का छापा पड़ने की ख़बर है. फ़ेसबुक ग्रुप ‘वी सपोर्ट नरेन्द्र मोदी‘ में ये तस्वीरें शेयर की गयी हैं. इसके अलावा ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर और ऐप पर इन तस्वीरों के साथ किए जा रहे दावों की पड़ताल की रिक्वेस्ट मिली है.

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भाजपा समर्थक अरुण पुदुर ने मार्च में एक हिंदी अख़बार की कटिंग शेयर की. रिपोर्ट की तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “आयकर विभाग ने घर पर छापा मारा और 100 करोड़ रुपये नकदी और 30 किलो से ज़्यादा सोना देख कर दंग रह गए.”

ये दावा कि सौम्या चौरसिया के घर से 100 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं, हिंदी कैप्शन के साथ भी शेयर किया गया. खुद को भाजपा का पूर्व कार्यकारी सदस्य बताने वाले पुनीत पाण्डेय ने लिखा, “ये है #छतीसगढ़ के कांग्रेसी मुख्यमंत्री की उप सचिव #सौम्या_चौरसिया. छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा 2008 बैंच की अफसर है. इनकम टैक्स विभाग ने इनके घर छापा मारा तो अधिकारी नगद देख कर हिल गये 100 करोड़ नगद। 25 किलो से अधिक का सोना,अनगिनत प्रॉपर्टी के कागज मिले है.”

हालांकि ये ख़बर हालिया बताकर वायरल है, लेकिन यही दावा पिछले साल भी वायरल हुआ था. भाजपा समर्थक अंकित जैन और ऋषि बागरी ने इसे 2 मार्च, 2020 को शेयर किया था.

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फ़ैक्ट-चेक

इससे पहले कि हम वायरल दावे का फ़ैक्ट-चेक करें, ये बताना ज़रूरी है कि नकदी और सोने के ढेर की तस्वीर 2016 के मामले से जुड़ी है. NDTV के मुताबिक, “आयकर विभाग ने शनिवार (10 दिसम्बर, 2016) को कर्नाटक के चल्लकेरे में एक हवाला डीलर के बाथरूम टाइल्स के भीतर से 32 किलो सोने के बिस्कुट और ज़ेवरात और 90 लाख कैश ज़ब्त किया.”

इसी मामले पर 2016 की द इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट में इस तस्वीर का क्रेडिट पीटीआई को दिया गया है.

सौम्या चौरसिया के घर पर आईटी डिपार्टमेंट के छापे का मामला क्या था?

अरुण पुदुर ने दैनिक भास्कर की पिछले वर्ष की रिपोर्ट की तस्वीर शेयर की. इसकी हेडलाइन में लिखा है, ‘सीएम की उपसचिव का बंगला सील, अबतक 100 करोड़ रु. नकद मिले.’ रिपोर्ट में बताया गया है, “छत्तीसगढ़ में दिल्ली-मुंबई से आई आयकर विभाग की टीम ने लगातार तीसरे दिन कार्रवाई जारी रखी. इस दौरान सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया के अंडरग्राउंड होने से उनके भिलाई स्थित बंगले पर इंतजार कर रही टीम ने 30 घंटे बीतने के बाद बंगले समेत दो दर्जन स्थानों को सील कर दिया. अब तक की जांच में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश और भारी मात्रा में ज्वैलरी, जमीन के दस्तावेज और लेनदेन की पर्चियां मिलने की बात आई है.”

लेकिन दैनिक भास्कर की फ़ॉलो-अप रिपोर्ट में किसी समान के ज़ब्त होने की बात नहीं की गयी है. इसके अलावा फ़्री प्रेस जर्नल ने भी 100 करोड़ रुपये, ज़ेवरात और प्रॉपर्टी के कागज़ात मिलने की बात रिपोर्ट की थी. लेकिन इस रिपोर्ट में आयकर विभाग के किसी भी अधिकारी का बयान नहीं कोट किया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुतुल से बात की जो इस मामले से परिचित हैं. उन्होंने हमें बताया कि आयकर विभाग ने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया जिसमें कहा गया हो कि सौम्या चौरसिया के घर से नकदी बरामद हुई है. उन्होंने आगे कहा कि आयकर विभाग ने अन्य नामी-गिरामी लोगों की प्रॉपर्टी पर भी छापेमारी की थी और और दावा किया था कि 150 करोड़ रुपये के बेनामी लेन-देन का सबूत मिला है.

वित्त मंत्रालय ने 2 मार्च, 2020 को एक प्रेस रिलीज़ जारी किया था जिसमें कहा गया था, “आयकर विभाग ने रायपुर में 27.02.2020 को कुछ लोगों के समूह, हवाला डीलरों और उद्योगपतियों पर जांच बिठाई… जांच के दौरान अवैध कामों से जुड़े दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक सामान ज़ब्त किये गये जिनसे पता चलता है कि सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों को हर महीने बड़ी रकम अदा की जाती थी. इसके अलावा, बिना किसी अकाउंट धारक के खरीद-बेच, कर्मचारियों के नाम पर बनाये गए बैंक अकाउंट्स से करोड़ों के लेन-देन और बिना खाताधारक एक अकाउंट मिला है. बेनामी गाड़ियों की डिटेल्स, हवाला लेन-देन, कोलकाता की कम्पनियों को भुगतान और बहुत बड़े लैंड बैंक (बहुत सारी ज़मीन खरीद कर रखना) समेत शेल कंपनियों की जानकारी मिली है. इस जांच के दौरान भारी मात्रा में नकदी बरामद की गयी है. अबतक 150 करोड़ रुपये का बेनामी लेन-देन सामने आया है और आगे जांच में मिले सबूत की पड़ताल के बाद इसके और बढ़ने की संभावनाएं हैं.”

प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि आयकर विभाग ने नकदी बरामद की है लेकिन ये नहीं बताया कि कितनी. और न ही प्रॉपर्टी के बारे में बताया है जहां नकदी बरामद हुई. इसके अलावा, नकदी और लेन-देन और 150 करोड़ की लेन-देन का पता पूरी जांच के बाद पता चला है न कि केवल एक जगह छापा मारने से.

सीएम भूपेश बघेल ने इसे भाजपा की ‘बदले की राजनीति‘ बताया था. उन्होंने कहा था, “केंद्र सरकार बौखला गयी है क्योंकि हमने भाजपा के कार्यकाल में हुए घोटालों पर जांच शुरू कर दी थी.”

नोटों और सोने के ढेर की तस्वीर पिछले साल भी छत्तीसगढ़ की घटना से जोड़कर वायरल थी जो असल में 2016 में कर्नाटक में हुए एक छापे के बाद की तस्वीर है. ऑल्ट न्यूज़ ने इस रिपोर्ट में मार्च 2020 में किये गए पोस्ट्स भी लगाये हैं. विश्वास न्यूज़ ने पिछले साल इस दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था और नई दुनिया की रिपोर्ट को कोट किया था.

नई दुनिया के मुताबिक, “बृहस्पतिवार को (27 फ़रवरी, 2020) आयकर विभाग छत्तीसगढ़ पहुंचा. टीम ने सेक्टर-9 में स्थित आबकारी विभाग (excise department) के ओएसडी अरुण पति त्रिपाठी के बंगले पर छापा मारा था. जांच के दौरान दूसरी टीम जुनवानी रोड पर स्थित सूर्या रेज़िडेंसी में सौम्या चौरसिया के घर पहुंची.” इस रिपोर्ट में कहीं भी नकदी बरामद होने की बात नहीं बताई गयी है. लेकिन ये ज़रूर बताया गया है कि आयकर विभाग को 150 करोड़ रुपयों के लेन-देन के सबूत मिले थे.

विश्वास न्यूज़ ने आगे दैनिक भास्कर रायपुर के संपादक अरुण उपाध्याय को कोट किया है. उन्होंने बताया कि 27 फ़रवरी, 2020 को आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में अफ़सरों, नेताओं और उद्योगपतियों के घर पर छापा मारा. टीम ने 13 लोगों के 25 आवासों पर छापे मारे. मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया के घर पर भी छापा मारा गया. उन्होंने आगे कहा, “आयकर विभाग का दावा है कि इस दौरान 150 करोड़ के बेनामी लेन-देन के सबूत मिले. आयकर विभाग ने कहीं भी कैश ज़ब्त होने की बात नहीं कही है. हालांकि, इस रेड को लेकर कोई तस्वीर जारी नहीं की गयी है और न ही इतनी बड़ी संख्या में मुद्रा के नोट और सोने को ज़प्त करने की बात कही गई है.”

कुल मिलाकर, पिछले साल इस छापे के बारे में रिपोर्ट करते हुए दैनिक भास्कर ने आयकर विभाग का बयान कुछ और लिख दिया, जो कहा ही नहीं गया था. आयकर विभाग ने ये नहीं कहा था कि सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया के घर पर 100 करोड़ नकदी और ज़ेवरात बरामद हुए हैं.


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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.