22 अप्रैल को, मीडिया और सोशल मीडिया से ये खबर आईं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया था कि राफेल सौदे को लेकर उन्होंने ‘झूठ’ बोला था। यह भी बताया गया कि गांधी ने अपनी टिप्पणी ‘चौकीदार चोर है’ को लेकर सूप्रीम कोर्ट से माफी मांगी थी। जल्द ही, टेलीविज़न समाचारों के स्क्रीनशॉट इस बारे में प्रसारित होने लगे, और सोशल मीडिया में व्यापक रूप से शेयर किए गए।
उपरोक्त पोस्ट फेसबुक पेज मोदिनामा का है। इसे अब तक 46,000 बार की बड़ी संख्या में शेयर किया जा चुका है। यह भाजपा समर्थक कई पेजों में से केवल एक है, जिन्होंने यह जानकारी शेयर की है कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से ‘हाथ जोड़कर माफी मांगी’ थी। इनमें, फ़िर एक बार मोदी सरकार (जिसके पोस्ट को 15000 से अधिक बार शेयर किया गया है), फ्रेंड्स ऑफ़ बीजेपी, (5600 से अधिक शेयर), पॉलिटिक्स सॉलिटिक्स (2100 से अधिक शेयर) और वी सपोर्ट अमित शाह (लगभग 7000 शेयर) भी शामिल हैं। समाचार चैनलों के स्क्रीनशॉट के अलावा, यह जानकारी इन्फोग्राफिक के रूप में भी शेयर की गई है, और व्हाट्सएप पर भी प्रसारित की गई है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी उसे दोहराया। उन्होंने इन शब्दों के साथ अपना एक मिनट का वीडियो ट्वीट किया- “आज राहुल गांधी के बयानों की विश्वसनीयता उनके माफ़ी माँगने के साथ समाप्त ही हो गयी।”
आज राहुल गांधी के बयानों की विश्वसनीयता उनके माफ़ी माँगने के साथ समाप्त ही हो गयी l pic.twitter.com/xY5eOlP5jp
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) April 22, 2019
मीडिया कवरेज
हालांकि, समाचार प्रसारणों में इस घटनाक्रम संबंधी खबरें केंद्रित रहीं, मगर उनकी प्रस्तुति भ्रामक थी। उदाहरण के लिए, रिपब्लिक टीवी ने ट्वीट किया कि “राहुल गांधी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री के विरुद्ध ‘चौकीदार चोर हैं’ टिप्पणी में झूठ बोला था।” -(अनुवाद)
#CongAdmitsJhoot | Big embarrassment for the Congress as their President Rahul Gandhi has admitted that he lied on the 'Chowkidar Chor Hain' comment vis-a-vis the Prime Minister. What impact do you think this will have politically? pic.twitter.com/bc5N8Ql27x
— Republic (@republic) April 22, 2019
वरिष्ठ समाचार एंकर भूपेंद्र चौबे उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने ट्वीट किया कि राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी पर ‘खेद’ व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था।
Bang in the middle of election campaign, @RahulGandhi files affidavit in SC expressing " regret " for calling @narendramodi " chowkidar chor hai ". Now watch how this be picked up today. Big moment in election campaign today
— bhupendra chaubey (@bhupendrachaube) April 22, 2019
हिंदी न्यूज़ एंकर अमीश देवगन ने भी एक इन्फोग्राफिक ट्वीट किया, और न्यूज़18 हिंदी चैनल पर प्राइम टाइम शो भी किया।
#MegaPublicDebate Tonight #RahulSaysSorry
राहुल की माफ़ी, पलटेगी 2019 की बाज़ी?
चौकीदार नहीं है चोर – राहुल का झूठा शोर #AarPaar शाम 6.57 बजे pic.twitter.com/HhQZI0vFTQ— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) April 22, 2019
पृष्ठभूमि
राहुल गांधी ने एक हलफनामे के माध्यम से भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का जवाब दिया था। 10 अप्रैल, 2019 को, कांग्रेस अध्यक्ष ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चौकीदार ने चोरी की है”। वह वीडियो नीचे पोस्ट किया गया है। संबंधित भाग 3:05वें से 3:18वें मिनट तक है।
https://www.youtube.com/watch?v=36ZA9-9l90s
राहुल गांधी के इस बयान को लेकर, लेखी ने उनके विरुद्ध अपने स्वयं के विचारों के लिए कथित रूप से शीर्ष अदालत को जिम्मेदार ठहराने पर, कोर्ट की अवमानना का आपराधिक मामला दायर किया था।
Filed a Criminal Court of Contempt against serial offender Rahul Gandhi. He attributed his own statements as Court’s verdict. Misrepresenting and lowering the dignity of the SC. Vilifying the Constitutional authorities!
— Chowkidar Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) April 12, 2019
क्या राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी?
ऑल्ट न्यूज़ ने भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी की याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी द्वारा दायर हलफनामे को देखा। रक्षा सौदे के संबंध में गांधी की टिप्पणी को लेकर, जिसमें उन्होंने ‘चौकीदार चोर है’ शब्दों के लिए सुप्रीम कोर्ट का संदर्भ दिया था, लेखी ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। गांधी के खेद की अभिव्यक्ति, इन शब्दों के लिए गलत तरीके से कोर्ट को संदर्भित करने के संबंध में थी। यह ध्यान देने योग्य है कि लेखी की याचिका गांधी के बयान को सुप्रीम कोर्ट से संदर्भित किए जाने को लेकर थी, उनके बयान को लेकर नहीं।
सर्वोच्च न्यायालय में राहुल गांधी की खेद की अभिव्यक्ति इस संबंध में थी कि कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘चौकीदार चोर है’ शब्दों के लिए गलत तरीके से शीर्ष अदालत को ज़िम्मेदार बताया था। हलफनामे में कहा गया है, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह नारा मेरी टिप्पणियों और शीर्ष अदालत के आदेश दिनांक 15.04.2019 के संदर्भों के साथ मिश्रित हो गया। मेरा बयान राजनीतिक चुनाव प्रचार की उत्तेजना में किया गया था। इसका उपयोग (और दुरुपयोग) मेरे राजनीतिक विरोधियों द्वारा यह दिखलाने के लिए किया गया है कि मैंने जानबूझकर और अभिप्रायपूर्वक सुझाव दिया था कि इस अदालत ने चौकीदार चोर है कहा था! मैं यह सोच भी नहीं सकता। यह भी स्पष्ट है कि कोई भी अदालत ऐसा कभी नहीं करेगी और इसलिए, राजनीतिक अभियान की उत्तेजना में अदालत के आदेश और राजनीतिक नारे को जोड़ने के दुर्भाग्यपूर्ण संदर्भ (जिसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं) का यह सुझाव देने के रूप में तत्क्षण यह अर्थ नहीं लगाना चाहिए कि अदालत ने उस मुद्दे पर कोई निर्णय या निष्कर्ष दिया था।” (अनुवादित)
हलफनामे के बिंदु 9 में, यह उल्लेख किया गया है कि “उक्त कथन चुनाव प्रचार के दौरान उत्तेजना में उनके मुंह से निकल गया। यह एक राजनीतिक अभियान के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पठनीय प्रति इनकी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं होने और, इसीलिए, उत्तर दे रहे प्रतिवादी के उत्तर को देखे या पढ़े बिना और इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया रिपोर्ताज़ और प्रतिवादी के आसपास के कार्यकर्ताओं और सक्रिय लोगों की बातों पर भरोसा करके किया गया था। “(अनुवादित)
हालांकि, यह ध्यान दिया जा सकता है कि राहुल गांधी ने राफेल समझौते के संबंध में सरकार पर आरोप लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से माफी नहीं मांगी है। हलफनामे में कहा गया है-
“उत्तर दे रहे प्रतिवादी को अपने और अपनी पार्टी के रुख और विश्वास के बारे में यह साबित करने का अवसर मिलेगा कि राफेल सौदा एक दागी लेनदेन है और कार्यकारी शक्ति का घोर दुरुपयोग है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का एक प्रमुख उदाहरण है, जिसकी संयुक्त संसदीय समिति द्वारा पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए और उसके बाद उनके विरुद्ध मुकदमा चलाया जाना चाहिए। “(अनुवादित)
नवीनतम घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को उनकी टिप्पणी पर अवमानना नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।
अंत में, यह दावा कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है, सही है, लेकिन केवल इस सीमा तक कि उन्होंने अपने ‘चौकीदार चोर है’ दृष्टिकोण के लिए सुप्रीम कोर्ट को गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया था, इसके लिए खेद व्यक्त किया है। यह दावा किए जाने के बाद कि उन्होंने माफी मांगी थी, गांधी ने हैशटैग #ChowkidarChorHai के साथ ट्वीट करते हुए फिर से अपना रुख दोहराया।
23 मई को जनता की अदालत में फैसला होकर रहेगा कि कमलछाप चौकीदार ही चोर है।
न्याय होकर रहेगा।
गरीबों से लूटकर अमीर मित्रों को लाभ देने वाले चौकीदार को सज़ा मिलेगी। #ChowkidarChorHai
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 22, 2019
राहुल गांधी ने सौदे में भ्रष्टाचार के अपने आरोपों पर खेद व्यक्त नहीं किया है। हालांकि, मीडिया के कुछ वर्गों ने गलत तरीके से एक घटनाक्रम के रूप में ऐसा बताया। इसे, कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ आरोपों के लिए माफी मांगने के रूप में झूठे तरीके से दिखलाकर, भाजपा समर्थकों ने गलत फायदा उठाया।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.