अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 13 दिसंबर 2019 को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूपी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किये गए डॉ. कफ़ील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 सितंबर 2020 को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत गिरफ़्तार डॉ. खान को रिहा करने का फ़ैसला सुनाया. इस फ़ैसले के बाद सोशल मीडिया पर डॉ. कफ़ील खान के समर्थकों में खुशी की लहर देखने को मिली. इसी बीच कुछ ट्विटर हैन्डल ‘@dr_kafeel_’ और ‘@DrKafeel_Khan’ के फ़ॉलोवर्स की संख्या बढ़ने लगी. आपको बता दें कि आर्टिकल लिखे जाने तक इन दोनों हैन्डल्स के फ़ॉलोवर्स की संख्या क्रमशः 10,500 और 13,100 है.

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लोगों ने इन हैन्डल्स – ‘@dr_kafeel_’ और ‘@DrKafeel_Khan’– को टैग कर डॉ. खान की रिहाई की मुबारकबाद भी दी.

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ट्विटर हैन्डल ‘@Shabbo_Khan_’ को ट्विटर यूज़र्स डॉ. कफ़ील खान की पत्नी शबिस्ता खान का मान रहे हैं. इस हैन्डल ने 1 सितंबर 2020 को ट्वीट कर डॉ. कफ़ील खान की घर वापसी की ख़बर दी थी. इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 24,700 बार लाइक और 2,900 बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

इस आर्टिकल में हम इन ट्विटर हैन्डल्स की सच्चाई आपको बताएंगे.

1. ‘@dr_kafeel_’

हैन्डल ‘@dr_kafeel_’ ने 1 सितंबर को 11 बजकर 9 मिनट पर ट्वीट कर “Asslam alaikum” लिखा. डिलीट किये जाने से पहले तक ये ट्वीट 57 हज़ार से ज़्यादा लाइक और 6 हज़ार से ज़्यादा रीट्वीट किया गया. यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि डॉ. कफ़ील खान 1 सितंबर को रात 12 बजे के करीब रिहा हुए थे. तो उनके द्वारा 12 बजे से पहले कोई ट्वीट करना असंभव है. इसके अलावा, ये अकाउंट जनवरी 2020 में बनाया गया था. जबकि उस वक़्त डॉ. कफ़ील खान जेल में थे.

‘@dr_kafeel_’ हैन्डल के ट्वीट्स के आर्काइव्स चेक करने पर हमें 4 अगस्त 2020 के एक ट्वीट का आर्काइव लिंक मिला. इस आर्काइव वर्ज़न में हैन्डल के बायो में ‘पैरोडी’ अकाउंट लिखा हुआ है.

dr kafeel

नीचे शामिल स्क्रीनशॉट में इस हैन्डल की कुछ यूज़र्स के साथ हुई बातचीत देखी जा सकती है. बातचीत के दौरान एक अन्य यूज़र रिप्लाई करते हुए बताता है कि अगर डॉ. कफ़ील खान के नाम से अकाउंट रखना है तो पहले हैन्डल के बायो में पैरोडी लिखना चाहिए.

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2. ट्विटर हैन्डल ‘@DrKafeel_Khan’

इस हैन्डल ने 1 सितंबर 2020 को सुबह 10 बजकर 47 मिनट ट्वीट किया, “आज मुझे बेल मिल गयी, मेरे लिए दुआ करने के लिए आप सबका तहे-दिल से शुक्रिया”. लेकिन डॉ. कफ़ील खान रात 12 बजे के बाद रिहा हुए थे तो वो सुबह 10 बजे ट्वीट नहीं कर सकते है.

इस अकाउंट के पुराने ट्वीट्स खंगालने पर हमें कई जगह पर ट्वीट्स के रिप्लाइ में इस हैन्डल का नाम ‘@P_Bhushan1’ लिखा हुआ मिला. ‘@P_Bhushan1’ हैन्डल का आर्काइव वर्ज़न चेक करने पर ये बात कन्फ़र्म हो गई कि ‘@DrKafeel_Khan’ हैन्डल का नाम पहले ‘@P_Bhushan1‘ था. इस बात को आप खुद भी ये लिंक कॉपी पेस्ट करके चेक कर सकते हैं – https://twitter.com/P_Bhushan1/status/1296512700663513089. इस लिंक में ट्विटर हैन्डल का नाम ‘@P_Bhushan1’ लिखा हुआ है मगर जब आप इस लिंक को खोलेंगे तो आपको ट्वीट में हैन्डल का नाम ‘@DrKafeel_Khan’ लिखा हुआ मिलेगा.

3. ट्विटर हैन्डल ‘@Shabbo_Khan_’

इस हैन्डल ने 1 सितंबर 2020 को रात 9 बजकर 3 मिनट पर ट्वीट कर डॉ. कफ़ील खान की घर वापसी के लिए लोगों का शुक्रिया किया था. लेकिन जैसा कि हमने पहले भी बताया कि डॉ. कफ़ील खान रात 12 बजे के बाद रिहा हुए थे तो उनका 9 बजे घर पहुंचने का दावा, सरासर ग़लत है.

इस हैन्डल के कई पुराने ट्वीट्स पर आये रिप्लाइ में इस हैन्डल का नाम ‘@Kani_Kaaki’ लिखा हुआ है. हैन्डल ‘@Kani_Kaaki’ के एक पुराने ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. हैन्डल ‘@Kani_Kaaki’ के एक ट्वीट का लिंक आप ओपन करेंगे तो आप हैन्डल ‘@Shabbo_Khan_’ तक पहुंचेंगे. उदाहारण के तौर पर इस हैन्डल के 23 अगस्त 2020 के ट्वीट का ये लिंक आप ओपन करें – https://twitter.com/Kani_Kaaki/status/1297582978529337344. इस लिंक में हैन्डल नेम ‘@Kani_Kaaki’ लिखा हुआ है मगर जब आप इसे खोलेंगे तो आप हैन्डल ‘@Shabbo_Khan_’ के ट्वीट तक पहुंचेंगे.

कुल मिलाकर, पिछले कुछ वक़्त से चर्चा में रहे डॉ. कफ़ील खान के नाम से ट्विटर अकाउंट्स बनाकर लाइमलाइट में आने और फ़ॉलोवर्स बढ़ाने की कोशिश हुई. इस हैन्डल को डॉ. खान का मानकर यूज़र्स इन्हें फ़ॉलो करने लगे. इन अकाउंट्स ने भी इस वक़्त का सही इस्तेमाल कर ऐसे ट्वीट किये मानों ये ट्वीट्स डॉ. खान के ही हों. डॉ. कफ़ील खान का फ़ेसबुक पर एक वेरिफ़ाइड पेज है जहां एक ट्विटर हैंडल @drkafeelkhan का ज़िक्र है. लेकिन ये अकाउंट अभी सस्पेंडेड है. ऐसा ही एक उदाहरण पहले भी देखने को मिला था. गुजरात से पूर्व महिला पुलिस अधिकारी सुनीता यादव के नाम से कई फ़र्ज़ी ट्विटर हैन्डल्स बनाए गए. जांच में मालूम हुआ कि सुनीता यादव का ट्विटर पर कोई अकाउंट है ही नहीं.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.