कई फे़सबुक और ट्विटर यूज़र्स ने 2 सितम्बर को हिन्दू देवी काली की जली हुई मूर्ति की तस्वीर शेयर की. सोशल मीडिया दावों के मुताबिक ये मूर्ति पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में है. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये दावा किया कि ‘जिहादियो’ ने मंदिर पर हमला कर इसे नष्ट किया है.
भाजपा बंगाल के उपाध्यक्ष और एमपी अर्जुन सिंह ने कई तस्वीरें शेयर की जिन्हें 600 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया.(आर्काइव ट्वीट)
The jihadi nature of Didi’s politics is now hell bent on destroying Hindu religion and culture.
See how one religious group has attacked and destroyed a temple and burned the idol of Maa Kali in Murshidabad area of West Bengal.Shameful. pic.twitter.com/lTnyiV9ctV
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) September 1, 2020
ट्विटर अकाउंट @Befittingfacts ने मूर्ति की दो तस्वीरों की तुलना (जलने से पहले और बाद में) करते हुए ट्वीट किया. ट्वीट का कैप्शन है, “किसी अनजान शख्स ने मुर्शिदाबाद में काली माँ की मूर्ति जला दी.” वहीं अन्य पोस्ट में सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया, लेकिन कमेंट में कई लोगों ऐसा कहा.(आर्काइव लिंक)
Some ‘unknown’ person burnt the idol Kali Maa in Murshidabad.
Before After pic.twitter.com/oaJyaizTj6— Facts (@BefittingFacts) September 1, 2020
एक अन्य ट्विटर यूज़र @RajuDas77136393 ने मंदिर से सोने के गहने चोरी होने की बात भी कही. यूज़र ने लिखा, “आलमपुर एक मुस्लिम बहुल इलाका है और समय-समय पर हिन्दुओं को धार्मिक क्रियाकलाप करने से रोका जाता रहा है.”(ट्वीट आर्काइव)
कुछ यही दावा फे़सबुक पर भी किया जा रहा है. फे़सबुक पेज ‘The Ex Secular’ ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए दावा किया कि ‘बांग्लादेश से आये जिहादी आतंकियों’ ने ये हरकत की है.
Maa Kali Temple burnt in Alampur Kali Temple, Nowda, Murshidabad. By Jihadi terrorists imported from Bangladesh.
I wish…Posted by The Ex Secular on Tuesday, September 1, 2020
फै़क्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने मुर्शिदाबाद पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि ये घटना पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में आलमपुर गांव के काली मां निम्तला काली मंदिर की है. उन्होंने कहा, “ये घटना 31 अगस्त की रात में हुई. काली की मूर्ति आग में लग गयी. जबरन घुसे जाने के कोई निशान नहीं है. ट्रस्ट के बयान के मुताबिक, आग लग गयी थी. घटना का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है.”
अधिकारी ने मंदिर कार्यकारी समिति की ओर से जारी किया गया प्रेस रिलीज़ भी शेयर किया जिसमें सेक्रेटरी सुखदेव वाजपेयी का बयान है. इसमें लिखा है, “31 अगस्त की रात को मूर्ति में आग लग गयी थी. वहां कोई चोरी नहीं हुई है और ये कोई दुर्घटना हो सकती है.” वाजपेयी ने ये भी बताया कि क्षेत्र के हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों से जुड़े लोग शांतिपूर्वक रहते हैं. उन्होंने इस घटना को साम्प्रदायिक ऐंगल न देने और तनाव न पनपने देने की अपील की.
सुखदेव वाजपेयी ने ऑल्ट न्यूज़ से बात की और कहा कि उन्हें आग लगने की वजह पता नहीं चल पाई है. उन्होंने कहा, “वहां कोई CCTV कैमरा नहीं लगा है. हम अब एक लगवाने की सोच रहे हैं.”
पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाजपा नेता अर्जुन सिंह के ट्वीट का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए लिखा, “क़ानूनी करवाई की जा सकती है. कृपया भ्रामक, भड़काऊ और शरारतपूर्ण पोस्ट के बहकावे में न आयें.(Legal action is being taken. Please don’t get carried away misleading, provocative and mischievous posts.)”
— West Bengal Police (@WBPolice) September 2, 2020
ये दावा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिन्दू देवी काली की मूर्ति में आग लगने के पीछे मुस्लिम समुदाय के लोगों का हाथ है, निराधार है.
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