7 जुलाई को मानवाधिकार कार्यकर्ता फ़ादर स्टेन स्वामी की न्यायिक हिरासत में मौत हो गयी. स्टेन स्वामी पर 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में शामिल होने और नक्सलियों के साथ संबंध होने के आरोप थे. उन्हें ग़ैर क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया था. हिरासत में उनकी मौत पर कई लोगों ने सवाल उठाये हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि ये “हत्या” है. वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने हिरासत में हुई स्टेन स्वामी की ‘मौत की जवाबदेही तय करने की मांग’ की. इन सब के बाद एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें हॉस्पिटल के बेड पर पड़े एक बुज़ुर्ग के पैर में ज़ंजीर लगी है. दावा है कि ये स्टेन स्वामी की तस्वीर है.
A country that can spend thousands of crores to buy aircraft for it’s PM, build useless CentralVista in current scenario didn’t have money to buy straws for an old man suffering from Parkinson Disease who was jailed maliciously
RIP #StanSwamy
You’ve been victim of law & govt! pic.twitter.com/OeyhB7XmRr
— 𝕱𝖆𝖊𝖖𝖚𝖊 | فائق | फ़ाएक़ (@Fa__ek) July 5, 2021
लोग इसे शेयर करते हुए कह रहे हैं कि भारत सरकार और न्यायिक व्यवस्था ने स्टेन स्वामी को मार दिया.
Indian GOVERNMENT + JUDICIARY + MEDIA k!lled him#StanSwamy pic.twitter.com/rJr4bW2ruq
— Chetan Krishna👑 🇮🇳 (@ckchetanck) July 5, 2021
कुछ लोग कह रहे हैं कि स्टेन स्वामी की उम्र का तो ख़याल रखा जाता.
शर्मनाक तश्वीर..😭
#StanSwamy जी के उम्र का तो ख्याल रखते🙏
विनम्र श्रद्धांजलि pic.twitter.com/NKrxuVyHFk— Nikhil Kumar 🇮🇳 (@nikhilkumarIND) July 5, 2021
फ़ेसबुक यूज़र राजीव ध्यानी ने भी ये तस्वीर शेयर की. हालांकि उन्होंने इसे शेयर करते हुए स्टेन स्वामी का नाम नहीं लिया. इसके अलावा ये तस्वीर और भी कई लोगों ने स्टेन स्वामी की बताकर शेयर की है.
फ़ैक्ट-चेक
तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि ये मामला मई 2021 का है और इस बुज़ुर्ग का नाम बाबूराम बलवान सिंह है. उन्हें 6 फ़रवरी को हत्या के मामले में एटा जेल लाया गया था. वो कुल्हा हाविवपुर के निवासी है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया में 14 मई 2021 को छपी रिपोर्ट में बताया गया कि हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे 92 वर्षीय बुज़ुर्ग बाबूराम बलवान सिंह की 9 मई को तबीयत खराब हो गई तथा उन्हें सांस लेने में भारी परेशानी की वजह से नॉन-कोविड वार्ड में एडमिट किया गया था.
पंजाब केसरी की रिपोर्ट के अनुसार, “एटा ज़िला कारागार के जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया ने बताया कि अस्पताल में कैदी के साथ ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने बुजुर्ग के एक पैर में हथकड़ी लगा दी और उसका दूसरा सिरा बिस्तर में लगी ज़ंजीर से ताला लगाकर बांध दिया. बुज़ुर्ग कैदी की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अपर महानिदेशक (कारा) आनंद कुमार ने जेलकर्मी अशोक यादव को निलंबित कर दिया और वरिष्ठ अधिकारी से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा.”
अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सौरभ ने पंजाब केसरी को बताया कि बाबूराम मानसिक समस्या से भी जूझ रहे थे और बार-बार बेड से उठ कर भाग जाते थे. इसलिए बार-बार भागने में इन्हें कहीं चोट न लग जाये, इन्हें जंजीर में बांधकर रखा गया था.
कुल मिलाकर, आजीवन कारावास की सजा काट रहे 92 वर्षीय बुजुर्ग बाबूराम बलवान सिंह की तस्वीर स्टेन स्वामी की बताकर शेयर की जा रही है.
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