द हिन्दू ने 13 नवम्बर को रिपोर्ट किया था कि पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर के 4 ज़िलों में लाइन ऑफ़ कंट्रोल (LoC) के पास सीज़फ़ायर का उल्लंघन किया. इसके बाद 15 नवम्बर को पाकिस्तान के पूर्व आर्मी मेजर, मुहम्मद आरिफ़ ने भारतीय ध्वज में लपेटे हुए ताबूतों की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “रिपोर्ट के मुताबिक कल का स्कोर 28 था. शाबाश जवानों. आगे बढ़ो.” इस ट्वीट को 6,000 से ज़्यादा बार लाइक किया गया और 1,000 से ज़्यादा लोगों ने शेयर किया. (आर्काइव लिंक)
इस तस्वीर को कई अन्य ट्विटर और फे़सबुक यूज़र्स ने भी शेयर किया.

इसे 2019 में तमिलनाडु की अभिनेत्री नीलिमा एसाइ ने भी शेयर किया था. उन्होंने लिखा था, “अपने भाइयों को इस तरह देखना ये बहुत ही परेशान करने वाला और निराशाजनक है! परिवारों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है”(आर्काइव लिंक)

फै़क्ट चेक

द हिन्दू ने रिपोर्ट किया था कि 13 नवम्बर को पाकिस्तान ने सीज़फायर का उल्लंघन किया था जिसमें 6 आम नागरिक, 4 सैनिक और एक बीएसएफ़ जवान समेत 11 लोगों की मौत हुई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे. उसी दिन पाकिस्तान सशस्त्र सेना बल ने ट्वीट किया, “…एक नागरिक ने शहादत को गले लगाया, 2 महिला समेत 3 आम नागरिक घायल.”

PIB केरल ने 13 नवम्बर को भारतीय सेना द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि दिए जाने वाला वीडियो ट्वीट किया था. वायरल तस्वीर इस श्रद्धांजलि वाले वीडियो के विज़ुअल से मेल नहीं खाती हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि विभिन्न वेबसाइट्स वायरल तस्वीर का इस्तेमाल कई सालों से करती आ रही हैं. इनमें 2010 में रेडिफ़ न्यूज़, 2014 में इंटरनेशनल बिज़नेस टाइम्स (IBT) और 2017 में यूरो न्यूज़ और द क्विंट शामिल हैं. IBT और रेडिफ़ न्यूज़ ने इमेज का क्रेडिट रॉयटर्स को दिया हुआ है. रेडिफ़ न्यूज़ के पोस्ट के अंत में इमेज के साथ कैप्शन दिया है, “दंतेवाड़ा में मारे गए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए CRPF जवान.”

रेडिफ़ न्यूज़ का आर्टिकल जुलाई, 2010 में पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी का इंटरव्यू है. इससे 3 महीने पहले दंतेवाड़ा के जंगलों में माओवादी हमले में 76 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान शहीद हो गए थे.

यानी पाकिस्तानी आर्मी के पूर्व मेजर ने एक दशक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि 13 नवम्बर को पाकिस्तान के सीज़फ़ायर उल्लंघन में 28 भारतीय जवान शहीद हो गए. इस झड़प में एक बीएसएफ़ जवान और सेना के चार जवान शहीद हुए थे.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.