फेसबुक या इंस्टाग्राम पर चलाए गए राजनीति और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों से संबंधित विज्ञापनों – (अनुवाद)” पर 2 से 16 मार्च के बीच 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह ऑल्ट न्यूज़ के ‘फेसबुक विज्ञापन लाइब्रेरी डेटा’ के साप्ताहिक विश्लेषण से पता चला।

इस पूरे खर्चे में केवल शीर्ष 20 पेजों का योगदान 1.9 करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें भी अकेले भाजपा-समर्थक पेजों ने ही 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। काफी अंतर से दूसरे नंबर पर BJD-समर्थक विज्ञापन, 15.2 लाख रुपये पर रहे। उसके बाद YSR कांग्रेस के विज्ञापन (12.7 लाख रुपये), कर्नाटक सरकार के विज्ञापन (5 लाख रुपये) और कांग्रेस-समर्थक पेज (1.68 लाख रुपये) आते हैं।

नीचे दी गई तालिका में 2 से 16 मार्च के बीच, शीर्ष 20 पेजों के खर्चों को दिखलाया गया है। दो सप्ताह का यह खर्च ‘कॉलम C’ में दिखता है। यह 16 मार्च तक के कुल खर्च (कॉलम D) और 2 मार्च तक के कुल खर्च (कॉलम E) के बीच का अंतर है।

सबसे अधिक खर्च करने वालों में, भाजपा के चुनाव अभियान ‘भारत के मन की बात’ को समर्पित फेसबुक पेज ने सर्वाधिक 87.3 लाख रुपये का निवेश किया। दूसरी पंक्ति में 43 लाख रुपये से अधिक के खर्च के साथ भाजपा का ही एक पेज ‘नेशन विद नमो’ रहा। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को 2 से 16 मार्च के बीच 15.2 लाख रुपये के कुल विज्ञापन खर्च के साथ तीसरे स्थान पर रखा गया। चौथे स्थान पर ‘इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमिटी (I-PAC)’ द्वारा दिए गए लगभग 13 लाख रुपये के YSR कांग्रेस-समर्थक विज्ञापन रहे। यह इनके दो सप्ताह पहले के खर्चे से 53,992 रुपये ज्यादा है। I-PAC, एक राजनीतिक समर्थक समूह है जो चुनाव अभियानों के लिए रणनीति प्रदान करता है। पांचवें स्थान पर केंद्र सरकार का पेज ‘MyGov India’ रहा, जिस पर 8.3 लाख रुपये से अधिक खर्च किए गए।

‘मेरा पहला वोट मोदी के लिए’

शीर्ष 20 विज्ञापनदाताओं में 6ठे स्थान पर ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ नाम का एक फेसबुक पेज रहा, जिसने 2 मार्च तक 11,000 रुपये से थोड़ा अधिक ही खर्च किया था (कॉलम E), लेकिन उसके बाद, अगले केवल दो सप्ताह में, इसका कुल खर्च बढ़कर लगभग 7.6 लाख रुपये हो गया (कॉलम D)।

‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ हाल ही में विकसित फेसबुक पेज है। यह इस साल जनवरी में बनाया गया था और इसके केवल 45,000 फॉलोअर्स हैं। फिर भी, इस पेज ने भाजपा के आधिकारिक पेज की तुलना में राजनीतिक विज्ञापनों पर अधिक निवेश किया है। जैसा कि तालिका के ‘कॉलम E’ में दिखता है, भाजपा के आधिकारिक फेसबुक पेज ने 2 मार्च तक राजनीतिक विज्ञापनों पर 6.6 लाख रुपये खर्च किए और यही आंकड़ा 16 मार्च तक के खर्चे में (कॉलम D) भी स्थिर बना रहा।

भाजपा मुख्यालय के पते पर निबंधित

‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ के विज्ञापन लाइब्रेरी डेटा को देखने पर, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस पेज की अस्वीकरण जानकारी में, दिल्ली में भाजपा मुख्यालय का पता — ‘6-ए, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, आईटीओ के पास, मिंटो ब्रिज कॉलोनी, बाराखंभा, नई दिल्ली 110002 — प्रदान किया गया है।

दूसरा पहलू, इस पेज की वेबसाइट — https://nationwithnamo.com/MyFirstVoteForModi का था, जो हमारे ध्यान में आया।

‘नेशन विद नमो’

‘नेशन विद नमो’ भी भाजपा-समर्थक फेसबुक पेज है, जिसने भाजपा के आधिकारिक फेसबुक पेज से भी ज्यादा — 43 लाख रुपये — राजनीतिक विज्ञापनों पर निवेश किया और केवल ‘भारत के मन की बात’ के बाद दूसरे स्थान पर रहा।

संयोगवश, ‘नेशन विद नमो‘ भी अपनी अस्वीकरण की जानकारी में भाजपा मुख्यालय का पता प्रदान करता है।

पूर्व में, ऑल्ट न्यूज़ ने, ‘नेशन विद नमो’ को 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार द्वारा लाए गए सकारात्मक बदलावों को दर्शाने के लिए ग़लत जानकारी प्रसारित करते हुए पाया था। इस पेज ने पिछले साल आईआईटी और आईआईएम के स्नातकों से प्रधानमंत्री मोदी का अभियान चलाने के लिए नौकरी के आवेदन मंगाए थे।

क्या फेसबुक का विज्ञापन पुस्तकालय डेटा, आवश्यक पारदर्शिता रख रहा है?

फेसबुक की विज्ञापन नीतियों के अनुसार, अगर कोई पेज, राजनीति से संबंधित विज्ञापन प्रायोजित कर रहा है, तो उसके लिए विज्ञापनदाता से संबंधित विवरण प्रकट करना आवश्यक है। लेकिन, दो पेज जिनकी इस रिपोर्ट में पहले चर्चा की गई है, वे ‘अस्वीकरण’ के रूप में वेबसाइटों के नाम प्रदान करते हैं। वेबसाइट कोई व्यक्ति नहीं है और सोशल मीडिया यूजर्स के लिए इसके पीछे के लोगों का पता लगाना लगभग असंभव है।

इसी प्रकार, अस्वीकरण की जानकारी, इन व्यक्तियों या संगठनों, जो लोगों की राय प्रभावित करने के मकसद से लाखों की धनराशि खर्च करते हैं, का खुलासा आवश्यक नहीं करती।

इन पेजों द्वारा प्रदान की गई संपर्क जानकारी पर भी यूजर भरोसा नहीं कर सकते। ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ और ‘नेशन विद नमो’ द्वारा दिए गए फोन नंबर क्रमशः 6372802105 और 6372802059 हैं। अंतिम तीन अंकों के अलावा, संख्याएं समान हैं। ट्रूकॉलर पर दोनों नंबरों की खोज करने पर समान परिणाम मिलता है – “अभी उपलब्ध नहीं है”। इन नंबरों पर कॉल करना भी बेकार है क्योंकि दोनों स्विच ऑफ हैं।

हमारे पास एकमात्र जानकारी इन पेजों द्वारा प्रदान किया गया पता है, जो दिल्ली में भाजपा मुख्यालय से मिलता है। यह दो प्रासंगिक सवाल उठाता है – पहला, क्या भाजपा इन पेजों को पार्टी के पक्ष में राजनीतिक विज्ञापनों को प्रायोजित करने के लिए धन देती है? और दूसरा, यदि भाजपा, वास्तव में, इसकी जिम्मेदार है, तो क्या इस निवेश का खुलासा चुनाव आयोग को किया गया है?

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.