राहुल गांधी का 4 सेकेंड का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वो कह रहे हैं, “हम हिंदुस्तान के पूरे इंफ़्रास्ट्रक्चर के खिलाफ लड़ रहे हैं.” भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया यूज़र्स ये वीडियो शेयर करते हुए इसे खतरनाक और देश विरोधी बता रहे हैं.

भाजपा IT सेल के इंचार्ज अमित मालवीया ने राहुल गांधी का 4 सेकेंड का ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर राहुल गांधी के समर्थक बचकाने नहीं होते, तो वे बहुत खतरनाक होते.” (आर्काइव लिंक)

भाजपा कार्यकर्ता प्रीति गांधी ने भी ये क्लिप ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी हिंदुस्तान के पूरे इंफ़्रास्ट्रक्चर के खिलाफ़ लड़ रहे हैं. (आर्काइव लिंक)

भाजपा दिल्ली के कोषाध्यक्ष विष्णु मित्तल ने भी इस छोटे क्लिप को ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

इसी प्रकार भाजपा महाराष्ट्र, मालधारी सेना गुजरात के अध्यक्ष और भाजपा कार्यकर्ता दिनेश देसाई, RSS स्वयंसेवक रवि रंजन समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया.

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल को खंगाला. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का पूरा वीडियो राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर 5 अगस्त को अपलोड किया गया था. हमने इस पूरे प्रेस कॉन्फ्रेंस को सुना.

इस वीडियो में 11 मिनट 30 सेकंड पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल कहते हैं, “जो अपोजिशन लोकतंत्र में लड़ती है वो इन्स्टीट्यूशन के बल पर लड़ती है. मतलब, जो देश का लीगल स्ट्रक्चर होता है, ज्यूडिशियल स्ट्रक्चर होता है, जो देश का इलेक्टोराल स्ट्रक्चर होता है, जो देश की मीडिया होती है, उसके बल पर अपोजिशन खड़ी होती है. वो सब जो इन्स्टीट्यूशन है, वो सब के सब सरकार को पूरा सपोर्ट दे रहे हैं. क्यूं? क्योंकि सरकार ने अपने लोग इन्स्टीट्यूशन्स के अंदर बैठा रखे हैं. हिंदुस्तान का आज हर इन्स्टीट्यूशन इंडिपेंडेंट नहीं है. हिंदुस्तान का हर इन्स्टीट्यूशन आज RSS के कंट्रोल में है. RSS का एक व्यक्ति हर इन्स्टीट्यूशन में बैठा है. तो हम एक राजनैतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हैं, हम हिंदुस्तान के पूरे इंफ़्रास्ट्रक्चर के खिलाफ़ लड़ रहे हैं. जब हमारी सरकार होती थी, इंफ्रास्ट्रक्चर न्यूट्रल रहता था, हम इंफ्रास्ट्रक्चर को कंट्रोल नहीं करते थे. दो राजनैतिक पार्टियों की लड़ाई होती थी, तीन राजनैतिक पार्टियों की लड़ाई होती थी. आज इंफ्रास्ट्रक्चर सरकार का, पूरा का पूरा एक पार्टी के साथ है. फ़ाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर उनके साथ है, अगर कोई दूसरी पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट करना चाहे, उसपर ED लगा दी जाती है, CBI लगा दी जाती है, धमकाया जाता है, डराया जाता है, तो फ़ाइनेंशियली मोनोपॉली है बीजेपी की, RSS की, इन्स्टीट्यूशनली मोनोपॉली है. इसीलिए अपोजिशन ईफ़ेक्टिवली, अग्रेसिवली खड़ी हो रही है, लेकिन इंपेक्ट जो होना चाहिए वो दिख नहीं रहा है.”

कुल मिलाकर, भाजपा आईटी सेल इंचार्ज अमित मालवीय और अन्य भाजपा समर्थक ने राहुल गांधी के प्रेस ब्रीफिंग से एक छोटा सा हिस्सा काटकर शेयर करते हुए ग़लत दावा किया कि राहुल गांधी ने देश के इंफ़्रास्ट्रक्चर के खिलाफ बयान दिया.

ये पहली बार नहीं है जब भाजपा IT सेल इंचार्ज अमित मालविया ने भ्रामक जानकारी फैलाई हो. हमने पहले भी उनके द्वारा शेयर किये गए झूठे और भ्रामक जानकारियों को उजागर किया है जिसे आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).