सोशल मीडिया पर नारायण हॉस्पिटल्स के संस्थापक और फ़िजिशियन देवी शेट्टी का एक कथित ओपन लेटर वायरल है. लेटर आम आदमी (साधारण लोगों) को संबोधित किया गया है जिसकी सब्जेक्ट लाइन ‘अबाउट मिजरी टैक्स’ है. इसमें दावा किया गया है कि सरकार ने हाल के बजट में हेल्थकेयर पर 5% सर्विस टैक्स पेश किया है जिससे आम नागरिकों की जेब पर भारी प्रभाव पड़ेगा. साथ ही इसमें लोगों से 12 मार्च को हर राज्य के राज्यपाल के घर पर इस ‘मिजरी टैक्स’ को वापस लेने की याचिका के साथ इकट्ठा होने के लिए कहा गया है.

नीचे हमने पूरा लेटर एड किया है.

ट्विटर पर, इस लेटर को कर्नाटक कांग्रेस सेवादल ने ट्वीट किया. और साथ में लिखा है, “पीएम @narendramodi और FM @nsitharaman से हेल्थकेयर पर अमानवीय सर्विस टैक्स को वापस लेने की अपील.”

तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने भी ये दावा ट्वीट किया है. हालांकि बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया. इसका आर्काइव वर्ज़न आप यहाँ पर देख सकते हैं. जवाहर सरकार का ट्वीट हटाने से पहले कांग्रेस नेता और सांसद दिग्विजय सिंह ने भी इसे कोट ट्वीट किया था.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य और पश्चिम बंगाल के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सूर्यकांत मिश्रा ने भी ये लेटर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘मिजरी डे’ 12 मार्च 2023 को ‘मिजरी टैक्स’ वापस लेने की मांग और इसे हासिल करने के लिए इकट्ठा हों, विरोध करें.’

फ़ैक्ट-चेक

लेटर को ध्यान से पढ़ने पर पता चलता है कि ये केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हाल ही में घोषित बजट से संबंधित नहीं है. कथित लेटर में ‘5 प्रतिशत सर्विस टैक्स’ की बात की गई है. भारत की समकालीन टैक्स व्यवस्था के बारे में जानने वाले किसी भी व्यक्ति को पता होगा कि सर्विस टैक्स और अलग-अलग अन्य लेवीज को GST के अंदर शामिल किया गया था और 2017 में GST की शुरुआत के बाद से इसे चरणबद्ध तरीके से हटा दिया गया है.

इसे ध्यान में रखते हुए, हमने एक की-वर्ड्स सर्च किया. हमें 2011 की अलग-अलग न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय बजट 2011-2012 में यूपीए II सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सर्विस टैक्स का प्रस्ताव दिया था जिसे देवी शेट्टी द्वारा ‘मिजरी टैक्स’ रूप में लेबल किया गया था.

2011 की एक द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में टैक्स का विरोध करने के लि देवी शेट्टी के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ चिकित्सा पेशेवरों को कोट किया गया है.

10 मार्च, 2011 को मनी कंट्रोल ने रिपोर्ट किया कि देवी शेट्टी ने केंद्रीय वातानुकूलित अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर 5 प्रतिशत टैक्स को वापस लेने के लिए प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. लगभग एक महीने बाद, 1 अप्रैल, 2011 को बिज़नेस लाइन ने रिपोर्ट किया कि देश के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रतिनिधियों के मुखर विरोध के बाद, “‘मिजरी टैक्स’ बंद किया गया.”

इसके आलावा, एक आसान से की-वर्ड्स सर्च से, 2011 के अलग-अलग फ़ेसबुक पोस्ट मिलते हैं जहां लोग यही लेटर शेयर कर रहे हैं. इसमें नागरिकों से इस सर्विस टैक्स को वापस लेने की मांग में शामिल होने का आग्रह किया गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा 2011 में कथित तौर पर इसी तरह का एक लेटर जारी किया गया था. इस पर IMA के रुख को द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया था.

ऑल्ट न्यूज़ को केंद्रीय बजट 2023-2024 में स्वास्थ्य सेवाओं पर 5 प्रतिशत टैक्स का कोई संदर्भ कहीं नहीं मिला. इसकी एक कॉपी यहां देखी जा सकती है. हालांकि, हमने देखा कि पिछले साल चंडीगढ़ में GST परिषद की 47वीं बैठक के दौरान, सरकार ने 5 हज़ार रुपये प्रति दिन से ज़्यादा के किराये मूल्य वाले गैर-आईसीयू अस्पताल के कमरों पर 5% GST रेट लगाने का निर्णय किया था.

बाद में उसी महीने राजस्व सचिव तरुण बजाज ने एक इंटरैक्टिव सत्र के दौरान कहा कि गैर-आईसीयू अस्पताल के कमरों पर 5 प्रतिशत GST का प्रभाव सही नहीं होगा.

कुल मिलाकर, नारायण हॉस्पिटल्स के संस्थापक देवी शेट्टी द्वारा 2011 में लिखा गया एक ओपन लेटर, जिसे उन्होंने ‘मिजरी टैक्स’ करार दिया था, को हाल ही में 1 फ़रवरी, 2023 को पेश किए गए केंद्रीय बजट के संदर्भ में शेयर किया गया. गैर-आईसीयू अस्पताल के कमरों पर 5 प्रतिशत GST रेट पिछले साल पेश किया गया था. लेकिन ये वायरल लेटर के कंटेट से संबंधित नहीं है.

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