“रिट्वीट संकेत देता है कि कोई भारत में पाकिस्तान के लिए लड़ रहा है”, (अनुवाद) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने 25 अक्टूबर को पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर राहुल गांधी के ट्वीट के एक स्क्रीनशॉट पर इसी शीर्षक के साथ ट्वीट किया। गांधी के ट्वीट को “पाकिस्तान डिफेंस” नाम के ट्विटर अकाउंट द्वारा रीट्वीट किया गया था और गिरिराज सिंह द्वारा उनके ट्वीट में इस्तेमाल की गई भाषा से यह संकेत देने का प्रयास किया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष को “पाकिस्तान डिफेंस” विंग द्वारा समर्थन प्राप्त है। इस आर्टिकल के लिखते समय तक उनके ट्वीट को 1,900 से ज्यादा लोगो ने लाइक किया और लगभग 1000 बार रीट्वीट किया गया।
Retweet indicates that someone is fighting for Pakistan in India. pic.twitter.com/5mcEPznqtK
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) October 25, 2018
अनुराग दीक्षित ने भी ऐसा ही दावा अपने ट्वीट में किया, जिसमें उनके ट्वीट को 1100 से अधिक बार रीट्वीट किया गया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के कई शीर्ष नेता उन्हें ट्वीटर पर फॉलो करते है।
Allies of @RahulGandhi are retweeting him. Indeed a proud moment. pic.twitter.com/wNfCdy1fud
— Anurag Dixit (@bhootnath) October 25, 2018
रेलवे मंत्री पियुष गोयल कार्यालय ( office of Railway Minister Piyush Goyal ) ट्वीटर अकाउंट द्वारा फॉलो किये हुए कई अन्य लोगों ने भी इसी शीर्षक “पाकिस्तान डिफेंस विंग द्वारा राहुल गांधी के ट्वीट को रीट्वीट किया ” के साथ इसी तरह का दावा किया।
यह रीट्वीट एक ऑनलाइन फोरम द्वारा किया गया था जो पाकिस्तानी रक्षा मुद्दों पर चर्चा करता है।
रीट्वीट् के कुछ ही घंटों के भीतर, यह संकेत दिया गया था कि जिस ट्वविटर अकाउंट ने राहुल गांधी के ट्वीट को रीट्वीट किया था वह पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय का आधिकारिक ट्वविटर अकाउंट नहीं था। फिर भी, जिन लोगो ने दावा करके ये रीट्वीट् किया था, उन लोगो ने अपने इस रीट्वीट् को डिलीट नहीं किया।
ऐसे कई संकेत हैं जो दर्शाते हैं कि ट्विटर अकाउंट “पाकिस्तान डिफेंस (@defencedotpk), जिसने राहुल गांधी के ट्वीट को रीट्वीट किया, उसका पाकिस्तान के डिफेन्स विंग से कोई लेना देना नहीं है:
1) इसमें वो नीली टिक भी नहीं है जो ट्विटर हैंडल की प्रामाणिकता को सत्यापित करती है।
2) “पाकिस्तान डिफेंस” के ट्वीटर अकाउंट विवरण में लिखा है – “मुफ्त सदस्यता के लिए हमारी वेबसाइट पर जायें। एक देश की डिफेन्स विंग कभी नागरिकों को “मुफ्त सदस्यता” नहीं दे सकती है।
3) ट्वीटर अकाउंट विवरण में एक वेबसाइट भी शामिल है – “defence.pk/pdf/“। इस वेबसाइट में @defencedotpk को इसके आधिकारिक ट्विटर हैंडल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। हालांकि, defence.pk पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट नहीं है, ये सिर्फ पाकिस्तानी सेना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में शुरू किया गया था। कोई भी पाकिस्तानी सरकार की वेबसाइट “gov.pk” डोमेन के साथ समाप्त होती है और पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट का URL mod.gov.pk है।
4) रक्षा मंत्रालय, पाकिस्तान का कोई भी आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है।
सोशल मीडिया पर कई अनौपचारिक/पैरोडी अकाउंट सक्रिय हैं और भ्रमित होके इनके झांसे में आ जाना बड़ी आम बात है। ऑल्ट न्यूज ने हाल ही में बताया था कि कैसे कई समाचार संगठन के पैरोडी अकाउंटस ने इंटरनेट पर कई जाने माने व्यक्तियों को बेवकूफ बना दिया था। इस साल जून में, वॉरेन बुफे के एक पैरोडी अकाउंट से इकोनॉमिक टाइम्स भी भ्रमित हो गया, और अपने दैनिक अखबार में वो ट्वीट्स प्रकाशित कर दिए थे। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब को समर्पित एक पैरोडी अकाउंट से भी कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ता बेवकूफ बन गए थे।
हालांकि, एक कैबिनेट मंत्री के ट्विटर हैंडल से एक स्क्रीनशॉट को एक ऑनलाइन फोरम द्वारा रिटविट कर देने पर यह दावा किया जाना कि राहुल गांधी “भारत में पाकिस्तान के लिए लड़ रहे हैं” को केवल मामूली रूप में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा रीट्वीट की झूठी बात को उजागर करने के बावजूद, गिरिराज सिंह और अन्य लोगो ने अभी ना तो अपनी ट्वीट् डिलीट की है और नाही कोई स्पष्टीकरण जारी किया है।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.