23 अक्टूबर को, ट्विटर यूजर दिवाकर कोठारी ने एक कथित घटना का वीडियो पोस्ट किया जिसके साथ यह दावा किया गया, “भारतीय सेना के अधिकारी ने आतंकवादी से एके-47 छीन लिया था” (अनुवाद)। इस वीडियो को 7,500 से अधिक बार लाइक और 4,200 बार रीट्वीट किया गया था।

इसके तुरंत बाद, यह फेसबुक पर भी वायरल हो गया।

वीडियो की सच्चाई क्या है?

दिवाकर कोठारी के ट्विटर पर वीडियो शेयर करने के बाद, कई यूजर्स ने आरोप लगाते हुए टिप्पणी की कि न तो यह घटना हाल की थी और न ही बंदूक रखने वाला व्यक्ति “आतंकवादी” था। कुछ अन्य लोगों ने यह भी कहा कि बंदूक छीनने वाला आदमी भारतीय सेना का अधिकारी नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के पुलिस का था।

वीडियो पोस्ट करने वाले दीवाकर कोठारी ने बाद में एक और ट्वीट किया और कहा कि उन्हें बताया गया था कि राइफल छीनने वाला आदमी पुलिस अधिकारी हो सकता है।

इन ट्वीटों से संकेत लेते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारी के बारे में छपे मीडिया में किसी रिपोर्ट की खोज की, जिसने भारतीय सेना के अधिकारी से बंदूक छीनी हो। YouTube पर हमें वैसी घटना का 2012 का एक वीडियो मिला जिसका शीर्षक था – “जम्मू-कश्मीर पुलिस के बहादुर डीएसपी जावेद इकबाल मीर… कहानी 2 भाग में: भाग 1”। (अनुवाद)

वीडियो में दिए गए विवरण में कहा गया है – “डीएसपी (एसओजी) जावेद इकबाल मीर वास्तविक अर्थ में नायक हैं। जैसा कि 7.03.2012 को पुंछ (जम्मू-कश्मीर) में एक दुर्घटना हुई, क्षेत्रीय सेना के एक अधिकारी ने अपने आधिकारिक हथियार एके-47 से दो महिलाओं की हत्या कर दी क्योंकि वह अपनी बेवफा (अविश्वासी) पत्नी की तलाश में था। मोहम्मद तारिक खान ने आला-पीर इलाके में दो घंटे तक अंधाधुंध गोलीबारी की उसके बाद इस साहसी पुलिस अधिकारी द्वारा उसे पकड़ लिया गया था। यह क्लिप मेरे दोस्त, एनडीटीवी के आधिकारिक संवाददाता शम्मी बाली, द्वारा लिया गया है।” (अनुवाद)

जैसा कि विवरण से पता चला कि क्षेत्रीय सेना के कथित सदस्य का नाम मोहम्मद तारिक खान था, हमने कीवर्ड “तारिक खान” पुंछ हत्या’ (‘”Tariq Khan” Poonch killed’) के साथ मीडिया रिपोर्टों की तलाश की।

हमने पाया कि इस घटना की मार्च 2012 में समाचार संगठनों इंडिया टीवी और न्यूज़18 द्वारा रिपोर्ट की गई थी। इन रिपोर्टों के अनुसार, “क्षेत्रीय सेना के जवान, तारिक खान ने अपनी सर्विस राइफल एके-47 से फायर करके युवा महिलाओं की हत्या कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, तारिक खान ने पहले पत्नी को शूट करने की कोशिश की। बाद में, वह साथी सैनिकों द्वारा कब्जे में ले लिया गया था।” (अनुवाद)

इंडिया टीवी ने घटना का एक वीडियो अलग एंगल से पोस्ट किया। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 7 मार्च, 2012 को पुंछ के आला पीर में 8:30 से 9:00 बजे के बीच हुई थी। क्षेत्रीय सेना का जवान तारिक खान, कथित रूप से अपनी पत्नी की तलाश में, जिसपर उसे संदेह था कि उसका किसी से संबंध था, ड्यूटी के बाद अपनी सर्विस राइफल घर ले गया। जब खान अपनी पत्नी को नहीं ढूंढ सका, तो वह अपने घर की छत पर गया और इस तरह गोली-बारी शुरू कर दी जिसमें दो महिलाओं की हत्या हो गई। इंडिया टीवी का उल्लेख है कि डीएसपी (पुंछ) जावेद इकबाल ने खान को पकड़ लिया और कुछ और घटित होने से पहले उसकी पत्नी वहां से भाग गई।

ऑल्ट न्यूज़ ने जावेद इकबाल से संपर्क किया, जो वर्तमान में सोपोर के एसएसपी के रूप में तैनात हैं। उन्होंने हमें पुष्टि की कि वीडियो में राइफल छीनने वाले व्यक्ति वही थे।

इस प्रकार, सोशल मीडिया में वायरल दावे, जो बताते हैं कि कोई “आतंकवादी” भारतीय सेना के अधिकारी द्वारा पकड़ा गया था, झूठे हैं।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.