सोशल मीडिया और मेसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर ये दावा काफ़ी शेयर किया जा रहा है कि भारत सरकार ने पासपोर्ट से ‘नेशनेलिटी इंडियन’ कॉलम हटा दिया है. फ़ेसबुक यूज़र ‘Mohammed Ishtiaq’ ने व्हाट्सऐप पर शेयर किये गए इस दावे का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को 400 से ज़्यादा बार शेयर किया गया है. (आर्काइव लिंक)
Posted by Mohammed Ishtiaq on Sunday, 27 December 2020
फ़ेसबुक यूज़र ‘Ian Newz Channel’ ने भी ये स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है.
फ़ेसबुक पर भी ये स्क्रीनशॉट वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
इंटरनेट पर सर्च करने से हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जो भारत सरकार द्वारा जारी किये जा रहे पासपोर्ट से ‘नेशनेलिटी इंडियन’ कॉलम हटाए जाने के फैसले के बारे में बताती हो. ये एक बहुत बड़ा कदम है, इसलिए ये कतई नहीं हो सकता कि इस बारे में मीडिया ने कोई खबर पब्लिश न की हो.
पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी जानने के लिए हमने विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट के लिए बनायी गयी ऑफ़िशियल वेबसाइट खंगाली. वेबसाइट के न्यूज़ सेक्शन में भी हमें ऐसे किसी फैसले को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली. न्यूज़ सेक्शन में सबसे आखिरी अपडेट 31 जुलाई 2020 का है. ये नोटिस कुछ अधिकारियों के प्रमोशन से संबंधित है.
ऑल्ट न्यूज़ हाल ही में जारी हुए एक पासपोर्ट की कॉपी ढूंढ पाया है. नीचे, अक्टूबर 2020 में जारी हुए एक पासपोर्ट की कॉपी देखी जा सकती है. पासपोर्ट में सबसे ऊपर ही नेशनेलिटी का कॉलम दिखता है.
आगे, हमने वेबसाइट पर मौजूद पासपोर्ट एप्लीकेशन का फ़ॉर्म चेक किया. फ़ॉर्म में 2.8 नंबर की कॉलम में नागरिकता के बारे में पूछा गया है. इस कॉलम में 3 तरह के ऑप्शन हैं :
1. बर्थ यानी कि जन्म से ही भारतीय नागरिक होना.
2. Descent यानी कि कोई व्यक्ति 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद लेकिन 10 दिसम्बर 1992 से पहले भारत देश से बाहर पैदा हुआ हो. लेकिन इन व्यक्तियों के जन्म के वक़्त उनके पिता भारतीय नागरिक हो जिन्हें भारत के वंशज नागरिक कहा जाता हैं.
3. किसी व्यक्ति ने भारतीय नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया हो.
यहां पर एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि पासपोर्ट एप्लीकेशन फ़ॉर्म से ‘नेशनेलिटी’ का कॉलम नहीं हटाया गया है.
फ़ॉर्म के आखिर में एक घोषणापत्र है, जो कहता है – “मैं भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के प्रति निष्ठा रखता हूँ, मैंने किसी अन्य देश की नागरिकता या ट्रैवेल डॉक्युमेंट्स हासिल नहीं किये हैं. मैंने भारत की नागरिकता न ही खोई है, न समर्पित की है और न ही उससे वंचित किया गया हूँ. मैंने भारतीय पासपोर्ट के अधिकार या उपयोग से जुड़ी किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है.” यहां पर ‘मैं’ का उपयोग पासपोर्ट एप्लीकेशन फ़ॉर्म भरने वाले व्यक्ति के लिए गया है.
इस बात की पूर्णतः पुष्टि करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने पासपोर्ट ऑफ़िस से संपर्क किया. पासपोर्ट अधिकारी ने हमें बताया, “ये दावा पूरी तरह है फ़ेक है. बगैर नेशनेलिटी कॉलम के हम ये बात कैसे साफ़ बता सकते हैं कि ये हमारे देश का पासपोर्ट है न कि किसी और देश का”.
तो इस तरह सोशल मीडिया पर पासपोर्ट से ‘नेशनालिटी कॉलम’ हटाने का झूठा दावा किया गया जबकि ऐसा कोई फैसला लिया ही नहीं गया है. इससे पहले भी महाराष्ट्र में स्टेट बोर्ड ने फ़ॉर्म से ‘हिन्दू’ ऑप्शन वाली उप-श्रेणी हटा देने का झूठा दावा शेयर किया था.
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