BJP आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने सपा नेता अखिलेश यादव का 18 सेकंड का एक वीडियो ट्वीट किया. इस ट्वीट में दावा किया गया कि अखिलेश यादव ने कहा कि जिन्ना ने हमें आज़ादी दिलायी. (आर्काइव लिंक)

वीडियो में अखिलेश यादव को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर के बैरिस्टर बनकर आये थे. एक ही जगह पर पढ़ाई-लिखाई की उन्होंने, वो बैरिस्टर बने. उन्होंने आज़ादी दिलाई. उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा तो वह पीछे…”

इसे सुनकर ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव सिर्फ मोहम्मद जिन्ना की बात कर रहे हैं. भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार कंचन गुप्ता ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए यही दावा किया.

इस वीडियो क्लिप को शेयर करने वालों में अरुण पुदुर और पायल मेहता का नाम भी शामिल है. ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया गया है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा, हिन्दू युवा वाहिनी के प्रभारी योगी देवनाथ और BJP उत्तर प्रदेश से जुड़े अमित कालराज ने बिना ये वीडियो शेयर किये अखिलेश यादव का हवाला देते हुए ट्वीट किया.

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फ़ैक्ट-चेक

कंचन गुप्ता के ट्वीट पर जवाब देते हुए एक ट्विटर यूज़र ने अखिलेश यादव का 2 मिनट का वीडियो शेयर किया. इससे सुनने से साफ़ हो जाता है कि अखिलेश यादव की बातों को ग़लत तरीके से संदर्भित किया जा रहा है. असल में वो सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरु, महात्मा गांधी और जिन्ना सभी की बात करते हैं. लेकिन वायरल वीडियो की शुरुआत जिन्ना से होती है. इससे पहले वाला हिस्सा काट दिया गया है.

31 अक्टूबर को ANI ने अखिलेश यादव के भाषण का वीडियो पोस्ट किया था जिसमें पूरी बात सुनी जा सकती है. अखिलेश यादव कहते हैं, “सरदार पटेल ज़मीन पहचानते थे, ज़मीन को पकड़ कर के फैसले लेते थे. वो ज़मीन को समझ लेते थे तभी फैसले लेते थे. इसीलिए आयरन मैन के नाम से जाने जाते है, लौह पुरुष के नाम से भी जाने जाते हैं. सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर के बैरिस्टर बनकर आये थे. एक ही जगह पर पढ़ाई-लिखाई की उन्होंने, वो बैरिस्टर बने. उन्होंने आज़ादी दिलाई. अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटे. एक विचारधारा (RSS) जिसपर पाबन्दी लगायी. अगर किसी ने पाबन्दी लगायी थी तो लौहपुरुष सरदार पटेल ने लगायी थी.”

यानी, अमित मालवीय सहित कई लोगों ने एक अधूरा वीडियो शेयर कर दावा किया कि अखिलेश यादव ने मोहम्मद जिन्ना द्वारा देश को आज़ादी दिलाने की बात की. जबकि असलियत ये है कि अखिलेश यादव सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर हरदोई से सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सिर्फ जिन्ना का नाम नहीं लिया था. वीडियो को क्लिप कर ग़लत सन्दर्भ में शेयर किया जा रहा है. अखिलेश यादव के संबोधन का पूरा वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने दिल्ली स्थित एक इतिहासकार से बात की और ये समझने की कोशिश की कि मोहम्मद जिन्ना का भारत की आज़ादी में क्या रोल था. इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने हमें बताया, “मोहम्मद जिन्ना 1910 और 1920 की दशक में और अपने शुरूआती दौर में एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्हें हिन्दू-मुस्लिम एकता का ऐम्बैसडर भी कहा जाता था. लेकिन बाद में लीग को मजबूत करने के लिए और देश को विभाजित करने के लिए जो सांप्रदायिक फ़ेज आया, वो भी मुख्य रूप से उन्हीं का किया कराया था. ये एक ऐसी टिपण्णी थी (अखिलेश यादव की) जिसे टाला जा सकता था क्यूंकि हम जानते हैं कि फ़ैक्ट्स को कैसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है. जिन्ना ने जो काम किया उस वजह से वो हमेशा विभाजनकारी व्यक्ति ही रहेंगे.”

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