सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 फरवरी को बेंगलुरु, कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था कि कर्नाटक में 7 लाख गांव हैं, जिनमे अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। यह दावा एक टीवी न्यूज़ चैनल ‘News9’ पर जारी किये गए शीर्षक के आधार पर किया था जिसमें बताया गया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक में 7 लाख गांव अंधेरे में रह रहे हैं।

News9 के रिपोर्ट की यह तस्वीर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने उठाई और इस कथित दावे पर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला।

प्रधानमंत्री मोदी के कथित दावे की उपेक्षा विपक्ष ने भी की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के कथित कथन को लेकर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया।

तस्वीर के साथ विशेष जानकारी झूठी साबित हुई। नीचे वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में विद्युतीकरण की स्थिति के बारे में बात की थी। जैसा कि स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है, प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं, “आप सोचिये, अगर एक दिन बंगलुरु में बिजली नहीं आये तो कैसा हाहाकार मच जाएगा, लेकिन कर्नाटक में ऐसे 7 लाख और पुरे देश में ऐसे चार करोड़ घर हैं जो आजादी के इतने वर्षो के बाद भी अंधेरी की ज़िन्दगी जी रहे है।” प्रधानमंत्री जी ने 7 लाख के आंकड़े को संदर्भित करते हुए घरों की बात की थी गांवों की नहीं।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में लगभग 6.5 लाख घरों में बिजली की जरूरत है। 7 लाख बिना बिजली के घरों का प्रधानमंत्री का दावा उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अन्दर ही है। विद्युतीकरण के प्रतिशत के संदर्भ में, कर्नाटक 93% पर है और भाजपा शासित राज्यों जैसे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विद्युतीकरण के मामले में बेहतर प्रदर्शनकारी राज्यों में शामिल है।

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