ऑल्ट न्यूज़ ने एक लेख प्रकाशित की थी जिसमें दिखाया गया था कि कैसे सोशल मीडिया पर ‘हिंदुत्व वार्ता’ नामक एक पेज 100 से अधिक अंतर-जातीय वैवाहिक जोड़े की एक सूची बनाकर टारगेट कर रहा है। इस पेज ने खुले रूप से सूची में नामित इन प्रोफाइल के फेसबुक लिंक साझा कर हिंदुओं से इन मुस्लिम लड़कों को ‘खोजने और उनका शिकार करने’ को कहा था।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस भयानक अपराधी की पहचान की है। ‘हिंदुत्व वार्ता‘ नाम से फेसबुक पेज ने सोशल मीडिया पर लोगों से हिंदू महिलाओं के साथ संबंध रखने वाले मुसलमानों को खोजने और उनका शिकार करने के लिए आग्रह किया था। सतीश मेलावरापू नामक एक व्यक्ति ने इस पेज के एडमिन होने की बात जाहिर की।
I am proud to be admin of that page हिंदुत्व वार्ता … Will create new page again
— Satish Mylavarapu (@satsmylavarapu) February 5, 2018
मेलावरापू सोशल मीडिया पर खुले तौर पर एक विशेष समुदाय के सदस्यों के विरुद्ध धमकियों को पोस्ट करते है और इस तरह हिंसा को उकसाने की भरपूर कोशिश करते रहते हैं। इनकी इस प्रवृति का अनुमान इन्ही के एक ट्वीट से लगाया जा सकता है कि वह खुलेआम नथुराम गोडसे को श्रद्धांजलि देते है और दावा करते हैं कि गोडसे ने देश को बचाया। निम्नलिखित गोडसे की तस्वीर के साथ इन्होंने ट्वीट किया है “रघुपति राघव राजा राम, देश बचा गए नाथूराम”
रघुपति राघव राजा राम,
देश बचा गए नाथूराम। pic.twitter.com/swz4fUuSp4
— Satish Mylavarapu (@satsmylavarapu) January 31, 2018
मेलावरापू के कई ट्वीट में जातीय समुदायों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ जातिवध की मांग करते हुए देखा जा सकता है।
Maximum restraint?? What the use…. If you need to save india… You have conduct genocide in Kashmir valley… No other go.
— Satish Mylavarapu (@satsmylavarapu) January 31, 2018
निम्नलिखित ट्वीट में, इन्होंने सिख समुदाय (खालसा) के सदस्यों से इस्लाम को कुचलने का आग्रह किया है।
@TajinderBagga ji #इस्लाम की यादाश्त कमजोर हो गयी है, #खालसा को चाहिए के 21वें सदी में फिर से इस्लाम को पैरों तले रौंद दे…
— Satish Mylavarapu (@satsmylavarapu) February 5, 2018
उनकी कट्टरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अंकित सक्सेना को भी नहीं बख्शा। अंकित सक्सेना जिस मुस्लिम महिला से प्यार करता था उसी के परिवार वाले अंकित के मौत के जिम्म्मेदार हैं। अंकित की हत्या को न्यायसंगत ठहराते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि यह विकृत भारतीय संविधान है जो उसकी (अंकित) मृत्यु का कारण है, नाकि इस्लाम।
ये नमाज़ी #अंकित_सक्सेना है… मर गया यही सोचते कि सब #धर्म एक समान है, इसकी हत्या #इस्लाम ने नही की… हमारी विकृत #संविधान ने की… pic.twitter.com/ej0VoFapIs
— Satish Mylavarapu (@satsmylavarapu) February 5, 2018
अंतर-धार्मिक सूची के बारे में ऑल्ट न्यूज़ के लेख के बाद इनका फेसबुक पेज ‘हिंदुत्व वार्ता’ को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, मेलावरापू का फेसबुक पेज बंद कर दिए जाने के बाद भी मानो इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा।
अरे पेज बैन कर दिए, id 30 दिन के लिए बैन कर दिए… अब क्या हिन्दू लड़कियों को अपने हाथों से जिहादियों के हाथ सौंप दी??? सेक्युलर कहलाने का इतना शौक नही है
— Satish Mylavarapu (@satsmylavarapu) February 5, 2018
जो लोग खुले तौर पर सार्वजनिक रूप से ऐसी हिंसक सामग्री जारी कर रहे हैं, उन लोगों का यह कारनामा चिंता का एक गंभीर विषय है। ऐसी धमकियां राज्य के प्राधिकरण का प्रत्यक्ष रूप से अपमान करती हैं, जो इन सब तत्वों की चुनोतियों से निपटने की भरपूर कोशिश में लगी रहती है। इसके अलावा, ‘खोज के शिकार करे’ कहकर सिर्फ मुस्लिम लड़कों को निशाना नहीं बनाया जा रहा बल्कि इस तरह से सामान्य नागरिकों को हिंसक रणनीति अपनाने का आह्वान किया जा रहा है, जो खुले तौर पर सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को बढ़ावा देता है।
अनुवाद: Priyanka jha
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