बाबा रामदेव की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफ़ी ज़्यादा शेयर हो रही है. तस्वीर में बाबा रामदेव को बीमारी की हालत में देखा जा सकता है. उनके साथ अस्पताल के कुछ स्टाफ़ मेंबर खड़े हुए हैं. दावा है कि रामदेव ने कोरोना वायरस से बचने के लिए गौ मूत्र ज़्यादा मात्रा में पी लिया और इसी के चक्कर में उनकी हालत ख़राब हो गई. फ़ेसबुक पर ‘रवीश की सेना’ नाम के एक पेज ने ये तस्वीर पोस्ट की है. इस पोस्ट को ये आर्टिकल लिखते वक़्त तक 1,700 बार लाइक और 10,000 बार शेयर किया जा चुका है. (आर्काइव किया हुआ पोस्ट)
ट्विटर पर ये तस्वीर इसी दावे से शेयर की गई है. (आर्काइव किया हुआ ट्वीट)
ये तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर पर ‘#farzinewsmeme’ के साथ शेयर की जा रही है. कई लोगों ने हमारे व्हात्सप्प नंबर पर
इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए भेजा है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च किया और इसे ‘इंडिया टुडे’ की जून 2011 की एक फ़ोटो स्टोरी में पाया. रिपोर्ट में बताया गया है कि काले धन के खिलाफ़ बाबा रामदेव ने भूख हड़ताल देहरादून के अस्पताल में 12 जून, 2011 को तोड़ी.
इसी घटना की एक और तस्वीर 2019 में वायरल हुई थी. उस वक़्त दावा किया जा रहा था कि जर्मनी में बाबा रामदेव ने घुटने की सर्जरी करवाई है, जिस पर ऑल्ट न्यूज़ के फ़ैक्ट-चेक को यहां पर पढ़ा जा सकता है.
इस तरह, 2011 में रामदेव की भूख हड़ताल तोड़े जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया में अलग-अलग दावों के साथ शेयर की जाती रही हैं. ये दावा कि बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस से बचने के लिए गौ मूत्र का ज़्यादा सेवन कर लिया, ग़लत साबित होता है.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.