एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें देखा जा सकता है कि एक बुज़ुर्ग आदमी कतार में खड़ी बुर्का पहनी लड़कियों के चेहरे से एक-एक करके नकाब हटाता है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये 21वीं सदी में आतंकी संगठन ISIS द्वारा आयोजित सेक्स स्लेव बाज़ार का वीडियो है. इस वीडियो के जरिए बेल्जियन पार्लियामेंट की मेम्बर दरिया सफाई समेत कई अन्य यूज़र्स ने इस्लाम को टारगेट करते हुए ट्वीट किया.
बेल्जियन पार्लियामेंट की मेम्बर दरिया सफाई ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए ये भी कहा कि यूरोप में इस्लामीकरण का समर्थन करने के बजाय इन महिलाओं के लिए खड़े हों. (आर्काइव लिंक)
ट्विटर यूज़र @incognito_qfs ने वीडियो ट्वीट करते हुए इसे ISIS के सेक्स स्लेव बाज़ार का बताया. इस ट्वीट के जरिए यूज़र ने मुसलमानों पर निशाना साधते हुए लिखा कि अगर लिबरल मुसलमान विक्टिम कार्ड खेलने और इसलामोफोबिया के नैरेटिव को आगे बढ़ाने में लगाने वाले समय का आधा समय भी इसमें लगाएंगे तो ये निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगा. (आर्काइव लिंक)
ऐश्वर्य नाम के यूज़र ने भी वायरल वीडियो ट्वीट कर इस्लाम पर निशाना साधा. उसने लिखा कि ये इस्लाम कि खूबसूरती है. इस ट्वीट में यूज़र ने लिखा, “आईएसआईए ने 10 हजार यजीदी मुस्लिम महिलाओ को इराक और सीरिया से अगवा किया था और अपनें आतंकियों की हवस बुझाने के लिए इन महिलाओं को सेक्स स्लेव बनाकर रखा गया था.” (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
हमने वायरल वीडियो के एक फ्रेम को VPN का इस्तेमाल करते हुए गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ये वीडियो TikTok यूज़र @zhyarshano द्वारा अपलोड किया हुआ मिला. इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “By : Aryan Rafiq Art performans The Unheard Screams Of The Ezidkhan Angels 2023”.
हमने Tiktok वीडियो के कैप्शन में मौजूद की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया तो हमें आर्टिस्ट आर्यन रफ़ीक़ का फ़ेसबुक अकाउंट मिला. आर्यन रफ़ीक़ ने 8 मार्च को ‘The Unheard Screams Of The Ezidkhan Angels’ आर्ट परफॉरमेंस के बारे में एक पोस्ट किया था.
हमने आर्यन रफ़ीक़ से संपर्क किया और उनसे इस वीडियो के बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि वे एक इराकी कुर्दिस्तान की एक कुर्द कलाकार हैं. ये वीडियो इरबिल के बाज़ार में फ़िल्माया गया था. उन्होंने बताया कि उनका ये आर्ट वर्क यज़ीदी कुर्द लड़कियों के ऊपर है जिनका यौन उत्पीड़न किया गया और मोसेल, सीरिया और रक्का में एक गुलाम बाज़ार में बेच दिया गया. उन्होंने बताया कि ऐसा साल 2014 में इस्लामिक स्टेट ISIS द्वारा किया गया था. ऐसी हजारों लड़कियां हैं जिनके बच्चे ISIS से हैं, उनका भविष्य अंधकारमय है. उनका ये नाटक उन्हीं लड़कियों की ज़िंदगी पर आधारित था जिसका प्रदर्शन इबरील के बाज़ार (इबरील दुर्ग) इलाके में किया गया था. प्रदर्शन के वक्त ही किसी ने ये वीडियो रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.
उन्होंने बताया कि वह समकालीन कला पर काम करती हैं और उनका काम महिलाओं, समाज और धर्म के खिलाफ हिंसा के इर्द-गिर्द घूमता है. उनके ग्रुप में कुल 11 मॉडल्स हैं, इसके साथ ही उन्होंने अपने ग्रुप की एक तस्वीर भी भेजी.
20 अक्टूबर, 2014 को BBC न्यूज़ ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था. इसका शीर्षक है, “लंदन में इस्लामिक स्टेट के गुलाम की नीलामी करने का नाटक”. ये रिपोर्ट भी ऐसे ही एक वीडियो पर आधारित है. इराक में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों द्वारा किए गए अत्याचारों पर इस नाटक के जरिए प्रकाश डालने की कोशिश की गई है. उस समय को दिखाने की कोशिश की गयी है जब आतंकी संगठन चरम पर थे और इराक और सीरिया के बड़े इलाकों पर कब्जा कर लिया गया था.
ISIS द्वारा महिलाओं को अगवा करने और उन्हें गुलाम बनाने जैसी बातें कई मीडिया संगठनों ने रिपोर्ट की हैं. ISIS ने अपने अंग्रेजी भाषा के प्रकाशन ‘दबीक’ में एक लेख प्रकाशित किया था. इसका शीर्षक है, “एक घंटे के भीतर गुलामी का पुनर्जीवन”. इसमें इस्लामिक कानून का हवाला देते हुए महिलाओं की गुलामी को उचित बताया है. इसे द न्यू यॉर्क टाइम्स ने भी प्रकाशित किया था.
कुल मिलाकर, कुर्द कलाकारों द्वारा कुर्दिस्तान में फिल्माए गए अभिनय को बेल्जियन पार्लियामेंट की मेम्बर दरिया सफाई समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने सच मानकर शेयर किया.
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