बीदर, कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा, हमने डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम शुरू की। पहले, अलग-अलग योजनाएँ गरीबों के नाम पर चलती थी, लेकिन पता ही नहीं चलता कि उस गरीब को मिलती थी या नहीं मिलती थी। ऐसी ऐसी विधवाओं को पेंशन जाता था जो बच्ची पैदा ना हुई हो, लेकिन सरकारी दफ्तर में वो विधवा हो जाती थी, और उसको सरकारी खजाने से पैसे मिलते रहते थे। हमने डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर से योजना शुरू किया। आधार नंबर से वेरिफिकेशन किया।

यह दावा करने के बाद कि एनडीए सरकार ने डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना शुरू की थी, उन्होंने आगे कहा कि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना शुरू होने के बाद 57,000 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी ठीक हो गई। पहले यह धनराशि बिचौलियों के पास चली जाती थी।

हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि हमारा देश इस प्रकार की गड़बड़ी से लंबे समय से जूझ रहा है जिसका उल्‍लेख प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में किया, लेकिन क्‍या वाकई डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफरकी शुरुआत एनडीए सरकार ने की थी जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया?

यह पाया गया कि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी और इसकी घोषणा फरवरी 2013 को केंद्र सरकार के बजट में की गई थी।

Direct Benefit Transfer Annual Budget 2013

फरवरी 2013 को पीआईबी की प्रेस रिलीज में, यह घोषणा की गई कि डीबीटी योजना पिछली तिथि 1 जनवरी, 2013 से लागू होगी। विज्ञप्ति में कहा गया, “भारत सरकार ने 1 जनवरी, 2013 से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना शुरू करने का फैसला लिया है। इसकी शुरुआत करते हुए, संबंधित राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के 43 चिह्नित जिलों में 26 योजनाओं के लाभ लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित किए जाएंगे। (अनुवाद)

असल में, 31 अगस्‍त, 2017 को स्‍वयं प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा पोस्‍ट किए गए दो ट्वीट इस तथ्‍य की सच्‍चाई बयान करते हैं कि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना यूपीए सरकार के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में आरंभ हुई थी। पहले ट्वीट में, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना की प्रगति को रेखांकित करते हुएयह दिखाया गया कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्‍यम से लाभार्थियों को 7367.7 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए। दूसरे ट्वीट में, यह दिखाया गया कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 10.71 करोड़ लाभार्थी डीबीटी योजना का हिस्सा बने। इन ट्वीट्स के अनुसार, पहले उल्‍लेखित की गई संख्‍यावित्तीय वर्ष 2016-17 में बढ़कर 74607.55 करोड़ रुपये (हस्तांतरित धनराशि) और 41.63 करोड़ (लाभार्थियों की संख्‍या) हो गई।

amount transferred to beneficiaries via direct benefit transfer scheme

beneficiaries of direct benefit transfer scheme

यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री के रूप में श्री मोदी उस यूआईडीएआई या आधार की बहुत आलोचना करते थे जिससे डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना का मुख्‍य आधार निर्मित होता है।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार ने तो अप्रैल 2014 मेंयह भी कह दिया था कि यदि आधार अनिवार्य किया जाता है तो वे इसे रद्द कर देंगे।

Ananth Kumar scrap Aadhaar

हालांकि इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व में एनडीए सरकार के अंतर्गत डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में अत्‍यधिक वृद्धि हुई है, फिर भी यह समझना मुश्किल है कि प्रधानमंत्री को यह दावा करने की जरूरत क्‍यों पड़ी कि एनडीए सरकार ने यह योजना आरंभ की जबकि इस दावे को गलत साबितकरने वाले बहुत सारे प्रमाण मौजूद हैं।

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