यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले लक्ष्मी मित्तल का हवाला देकर एक ऑडियो क्लिप वायरल है. भारत में जन्म लेने वाले लक्ष्मी मित्तल आर्सेलर मित्तल कंपनी के अध्यक्ष हैं जो दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत स्टील और खनन कंपनी है. आर्सेलर भारत में दूसरे स्थान की स्टील उत्त्पादन कंपनी है. ऑडियो क्लिप में वक्ता को पीएम मोदी, धर्मनिरपेक्षता, भारत की हिंदू पहचान और राम जन्मभूमि जैसे विषयों पर अपना विचार व्यक्त करते हुए सुना जा सकता है. ये क्लिप शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये बातें लक्ष्मी मित्तल ने कही है.
2nd part pic.twitter.com/6NUmV0S33H
— 𝙰𝖓𝖆𝖓𝚍i ❤️ॐ #ImwithAdani (@Anandi_sanatani) January 25, 2023
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर भी इस दावे की पड़ताल करने के लिए रिक्वेस्ट मिलीं.
ऑडियो क्लिप में जो बातें कही जा रही हैं उसका अनुवाद यहां है:
“ये नेहरू की गलती थी कि उन्होंने भारत को धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किया. आज 99% राजनेता अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए झुक रहे हैं.”
“इस बात का ध्यान कौन रखता है कि हम धर्मनिरपेक्ष देश हैं या नहीं.”
“वो (मोदी) ऐसे इकलौते पीएम हैं जो देश के बारे में सोचते हैं और हम सिर्फ उनके हिन्दू होने के कारण उन पर आरोप लगाते रहते हैं.”
“राम जन्मभूमि का मामला 350 साल से लटका हुआ है. क्या रोम में ऐसे मुद्दे का अभी तक लटका रहना संभव है?”
“एक अकेले हिन्दू समुदाय को वशीभूत, अपमानित और इनका नरसंहार किया गया है.”
“भारत इसलिए पीछे रह गया क्यूंकि ब्रिटिश ने एक ऐसे समय पर हम पर शासन किया जब औद्योगिक क्रांति दुनिया भर में अपने पैर पसार रही थी.”
“जब उन्होंने मोदी में एक मसीहा पाया है, तो आज हर कोई उनके खिलाफ़ है?”
पूरी ऑडियो क्लिप यहां सुनी जा सकती है:
फ़ैक्ट-चेक
ऑडियो क्लिप में कई सारी ऐसी चीज़ें हैं जिससे इस बात का पता चलता है कि ये टिप्पणी आर्सेलर मित्तल कंपनी के अध्यक्ष लक्ष्मी मित्तल ने नहीं की है.
सबसे पहले, ऑडियो में जो आवाज़ और लहज़ा है वह लक्ष्मी मित्तल के आवाज़ के नमूनों से मेल नहीं खाते हैं.
अन्य कई संकेत है जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ये लक्ष्मी मित्तल की आवाज़ नहीं है.
ऑडियो में व्यक्ति जो कह रहे हैं, उसका अनुवाद नीचे दिया गया है:
“मेरे दादा टाटा के बाद दूसरी सबसे बड़े स्टील उत्त्पादनकर्ता थे और हम पर ब्रिटिश सरकार द्वारा अनुमति नहीं देने के लिए और ज़्यादा उत्त्पादन नहीं करने के लिए कई सारे प्रतिबंध लगाए गए थे. हमें स्क्रू और किले बनाने की भी अनुमति नहीं थी जो शेफील्ड और मैनचेस्टर और ब्रिस्टल से आयात किये जाते थे.” उन्होंने आगे बताया कि मेरे यूके और जर्मनी में दोस्त हैं. मैंने म्यूनिख में साढ़े 3 साल तक साल तक काम किया है.”
लक्ष्मी मित्तल के पिता, मोहनलाल मित्तल ने स्वतंत्रता के बाद इस्पात व्यवसाय की स्थापना की थी और ब्रिटिश शासन के दौरान भारत की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात कंपनी चलाने वाले उनके दादा का कोई भी उल्लेख मौजूद नहीं है. फोर्ब्स के सबसे अमीर परिवारों की सूची में मित्तल परिवार की सूची के अनुसार, मित्तल के पिता मोहन लाल ने 1950 के दशक में पारिवारिक व्यवसाय इस्पात निर्माण की शुरुआत की थी. घर में परेशानियों का सामना करते हुए उन्होंने 1976 में लक्ष्मी मित्तल को इंडोनेशिया भेजा था जहां उन्होंने एक प्लांट की स्थापना की थी.
इसके अलावा, आर्सेलर मित्तल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 19 सितम्बर 2019 को वायरल ऑडियो क्लिप का खंडन किया था.
An audio file is circulating online claiming to be remarks on Indian politics and religion by our Chairman and CEO. We do not know who the speaker is, but it is not Mr Lakshmi Mittal.
— ArcelorMittal (@ArcelorMittal) September 19, 2019
कुल मिलाकर, वायरल ऑडियो क्लिप को दुनिया के सबसे सफल व्यवसायिकों में से एक के विचार दर्शाने की कोशिश करके इसे झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
16 फ़रवरी 2023 को इस आर्टिकल में नए दावे शामिल किये गए हैं.
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