फोन पर दो लोगों की पांच-मिनट लंबी बातचीत का एक ऑडियो क्लिप व्हॉट्सऐप पर वायरल हो रहा है. ऑडियो में, एक व्यक्ति नागपुर में कोरोना वायरस को लेकर हो रहे दावों के बारे में बात करता है, जबकि दूसरा व्यक्ति उसपर अपना जवाब देता है.इस वायरल ऑडियो की पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज़ को व्हॉट्सऐप (+917600011160) पर कई रिक्वेस्ट्स मिलीं.
ऑडियो क्लिप में कुछ इस तरह के दावे किए गए हैं – “नागपुर में 59 लोगों के टेस्ट पॉज़िटिव आए हैं और 200 से ज़्यादा कोरोना वायरस संक्रमण की पहचान हुई है.” दावा करने वाले ने ये भी कहा कि उसे ये बात ‘नितिन’ ने बताई थी.
वायरल ऑडियो के एक अन्य दावे के अनुसार, तीन डॉक्टर्स का कोरोना वायरस का टेस्ट भी पॉज़िटिव आया है और ‘डॉ. कमलेश’ इस वक़्त वेंटिलेटर पर हैं. “उनका टेस्ट मुंबई भेजा गया है क्योंकि नागपुर में न तो Covid-19 का टेस्ट करने की सुविधा नहीं है और न ही यहां के स्टाफ़ को इस बारे में कुछ पता है.”
वायरल ऑडियो में ये भी बताया जाता है कि महाराष्ट्र मेडिकल एसोसिएशन ने स्वीडन के 6 डॉक्टर्स की नियुक्ति की है और प्रधानमंत्री की रज़ामंदी मांग रहे हैं. व्यक्ति ने दावा किया कि “वो 12 दिनों के लिए आएंगे और सैम्पल की जांच करेंगे.” इसी ऑडियो क्लिप में एक और बात कही गई कि कोरोना वायरस की नई संख्या के बारे में मुख्यमंत्री को बताया गया है और इस सूचना को सावर्जनिक नहीं किया गया है.
पूरा ऑडियो आप नीचे सुन सकते हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने नागपुर के जिला सूचना अधिकारी अनिल गाडेकर, से बात की. उन्होंने बताया, “जिस ऑडियो क्लिप में 59 लोगों के Covid-19 पॉज़िटिव होने का दावा किया गया है और कोरोना वायरस के सैम्पल की जांच हेतु 12 दिनों के लिए स्वीडन से डॉक्टर्स की टीम बुलाने की बात कही गई है, वो बिल्कुल ही मनगढंत है.”
गाडेकर ने कोरोना वायरस के मरीज़ों के संबंध में सरकार का ऑफ़िशियल आंकड़ा दिया. इसके अनुसार, अभी तक नागपुर में पांच लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट पॉज़िटिव आया है.
इस जानकारी का अनुवाद आप नीचे देख सकते हैं. इसके अनुसार, नागपुर में कोरोना वायरस टेस्ट में पॉज़िटिव पाए गए डॉक्टर का नाम सिविल सर्जन वीडी पातुरकर है. वो इस शहर के पहले ऐसे मरीज़ भी हैं, जिन्हें डिस्चार्ज किया गया.
27 मार्च को ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ ने ख़बर दी कि 35 लोगों से पूछताछ के बाद, साइबर सेल ने तीन संदिग्धों, जय गुप्ता (37), अमित पारधी (38) और दिव्यांशु मिश्रा (33), को ये भ्रामक ऑडियो फ़ाइल सर्कुलेट करने के लिए गिरफ़्तार किया हैं.
इससे पहले, नागपुर पुलिस ने ट्विटर पर स्पष्ट किया था कि सोशल मीडिया पर एक फ़र्ज़ी ऑडियो क्लिप सर्कुलेट की जा रही है. इस ट्वीट में लिखा था, “कोरोना के संदर्भ में व्हॉट्सऐप पर बहुत ही लापरवाह और भ्रामक ऑडियो और वीडियो क्लिप्स वायरल हो रही हैं. ग़लत सूचना भेजने, पोस्ट करने या ग़लत संदेश का प्रसार करने वालों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की जा रही है. अफ़वाह फैलाना एक दंडनीय अपराध है.”
कोरोना संदर्भात व्होटसअँप वर अत्यंत बेजबाबदार तसेच दिशाभूल करणाऱ्या आडिओ व व्हिडीओ क्लिप व्हायरल होत आहेत, अशा चुकीची माहिती अथवा चुकीचा संदेश पाठविणे , पोस्टकरणे अफवा पसरविणे हा गंभीर गुन्हा आहे, याविरुद्ध कठोर कारवाई करण्यात येत आहे#FakeNews #COVID2019
— Nagpur City Police (@NagpurPolice) March 24, 2020
26 मार्च को, प्रेस इन्फ़ॉर्मेशन ब्यूरो की फ़ैक्ट-चेक विंग ने भी वायरल ऑडियो मैसेज के बारे में ट्वीट किया था.
An audio clip is circulating on social media claiming that Nagpur has tested 59 positive coronavirus cases including 3 doctors
The assertion made in the audio is #FAKE.
Please DO NOT forward such fake audio clips. pic.twitter.com/u29ROXWaf0
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 26, 2020
इसलिए, व्हॉट्सऐप पर वायरल ऑडियो में किए गए दावे आधारहीन और भ्रामक हैं.
गौरतलब है कि COVID-19 के पॉज़िटिव मामलों की आधिकारिक संख्या, किए गए टेस्ट की संख्या पर निर्भर करती है और हमें COVID-19 से पॉज़िटिव लोगों की संभावित संख्या से भ्रमित नहीं होना चाहिए. बड़े देशों की तुलना में, भारत में कोरोना वायरस की दर काफ़ी कम है.
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