27 मार्च को प्राइवेट न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टीवी’ की एंकर मीनाक्षी जोशी ने ट्वीट किया -“अज़ीम प्रेमजी ने 50 हज़ार करोड़ रुपये डोनेट किये. वो वाकई सुनहरे दिल के इंसान हैं. #COVID” उनके ट्वीट के मुताबिक़, उद्योगपति अज़ीम प्रेमजी ने 50 हज़ार करोड़ की भारी रकम कोरोना वायरस के चलते दान में दे दी. अज़ीम प्रेमजी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन हैं. पहले भी उन्होंने काफ़ी सारा पैसा कई मौकों पर चैरिटी के रूप में दिया है.
इस जानकारी को शेयर करने वालों में सिर्फ़ जोशी ही शामिल नहीं है बल्कि अशोक स्वेन, वेल्यू इन्वेस्टर सफ़ीर, ज्यूलरी डिज़ाइनर फराह खान, कॉलमिस्ट अमृता भिंदर, पूर्व कांग्रेस सदस्य सलमान निज़ामी, टीमवर्क एमडी संजय के रॉय, पत्रकार शिवम विज, पत्रकार फाये डिसूज़ा और आरजे सायमा भी हैं. इनमें से कई लोगों ने ‘NDTV’ के 2019 के आर्टिकल को शेयर किया है.
कई मीडिया संगठन – ‘HW English’, ‘दैनिक जागरण’ का करंट अफ़ैर पोर्टल ‘जागरण जोश’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ का ‘जनसत्ता’, ‘Newsd‘ और ‘Sentinel Assam’ ने इन दावों के ऊपर खबर प्रकाशित की हैं.
कुछ और यूज़र्स ने भी ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये दावा शेयर किया है. एक ट्विटर यूज़र ने ऑल्ट न्यूज़ को एक इंफ़ोग्राफ़िक भेजा जिसमें यही दावा कन्नडा भाषा में किया गया है -“52,000 ಸಾವಿರ ಕೋಟಿಗಳ ಬೃಹತ್ ಮೊತ್ತ ದ ಕೊರೋನ ಧನ ಸಹಾಯ ಪ್ರಕಟಿಸಿದ ಮುಸ್ಲಿಂ ಉಧ್ಯಮಿ ಅರಿಂ * ಪ್ರೇಮ್ ಜೀ ಇಷ್ಟು ಬೃಹತ್ ಮೊತ್ತ ಧಾನ ಮಾಡುತ್ತಿರುವುದು ಭಾರತದ ಇತಿಹಾಸದಲ್ಲೇ ಇದೇ ಮೊದಲು.”
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के प्रतिनिधि से बात की. इससे हमें मालूम पड़ा कि शेयर हो रही ये खबर मार्च 2019 की है. इस तरह, प्रेमजी द्वारा 50 हज़ार करोड़ दान में देने की खबर सही तो है मगर एक साल पुरानी है.
गूगल पर ‘50,000 crores’ या ‘52,000 crores’ सर्च करने पर हमें कई मीडिया संगठनों की रिपोर्ट मिली. (हालांकि अब आपको अज़ीम प्रेम जी के 50 हज़ार करोड़ रुपये दान देने की ख़बर के फ़ैक्ट चेक मिल रहे होंगे) 2019 के NDTV के आर्टिकल के मुताबिक -“आईटी दिग्गज और विप्रो के अध्यक्ष अज़ीम प्रेमजी ने 52,750 करोड़ रुपये (7.5 अरब डॉलर) बाजार मूल्य के शेयर दान कर दिए हैं. प्रेमजी ने जो रकम दान की है वह विप्रो (Wipro) लिमिटेड की 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है.”
इस रिपोर्ट के मुताबिक, अज़ीम प्रेमजी ने कुल 145,000 करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) दान किये हैं. ये विप्रो लिमिटेड के आर्थिक स्वामित्व का 67 प्रतिशत है. अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि देश के कई हिस्सों में शिक्षा की क्वालिटी काफ़ी खराब है जिसे सुधारने और सरकारी स्कूल की स्थिति को सुधारने के लिए फाउंडेशन इन पैसों का योगदान कर रहा हैं. ये सब राज्य सरकार के साथ मिलकर किया जा रहा है. अभी ये फ़ील्डवर्क कर्नाटका, उत्तराखंड, राजस्थान छतीसगढ़, पुदुच्चेरी, तेलंगाना, मध्यप्रदेश के अलावा कुछ उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी चल रहा है.
इस तरह एक साल पुरानी ख़बर सोशल मीडिया में कोरोना वायरस के चलते अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा 50 हज़ार करोड़ रुपये का दान देने के झूठे दावे से शेयर की जा रही है. कई पत्रकार और बड़ी फॉलोविंग रखने वाले सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये खबर इसी दावे के साथ शेयर की है.
नोट: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 950 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 6 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 28 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.