” ఈ #అమ్మాయిని కేరళ గవర్నమెంట్ #అరెస్ట్ చేసింది కారణం ఏంటి అంటే #అయ్యప్ప కోసం పోరాటం చేసింది అని” केरल सरकार ने इस लड़की को गिरफ्तार कर लिया है, कारण क्या है? वह भगवान अयप्पा के लिए लड़ रही थी” (अनुवादित)
उपरोक्त तस्वीर इस संदेश के साथ सामाजिक मीडिया में प्रसारित हुई है कि केरल सरकार द्वारा इस छोटी सी लड़की को गिरफ्तार किया गया था। एक फेसबुक पेज, హిందూ హిందుత్వం – Hindu Hindutvam ने फोटो को उपरोक्त संदेश के साथ शेयर किया है। संदेश का सुझाव है कि यह बच्ची सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म की आयु वाली महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ‘लड़’ रही थी।
फेसबुक और ट्विटर पर कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस तस्वीर को इस संदेश के साथ शेयर किया है। एक और फेसबुक पेज, Wise Indian Tongue – WIT ने भी इस फोटो को इस संदेश के साथ शेयर किया, “बच्ची गिरफ्तार। पिन्नियारी कॉम्मी सरकार की आत्मा को शांति मिले… बचके रहो प्यारे।”
सच्चाई क्या है?
गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का उपयोग करते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने एक वेबसाइट Sharestills.com पर पोस्ट किया हुआ वही फोटो पाया। उनकी प्रोफाइल के अनुसार, अक्षरा किशोर एक बाल कलाकार हैं जिन्होंने कई मलयालम टेलीविज़न धारावाहिकों और फिल्मों में काम किया है।
वही तस्वीर, जिसे अब सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है, 9 नवंबर 2017 को अक्षरा किशोर के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी पोस्ट की गई थी।
Posted by Akshara kishor on Wednesday, 8 November 2017
यूट्यूब पर पोस्ट हुए एक वीडियो में भी इस बाल कलाकार को वही पोशाक पहने हुए देखा जा सकता है। भगवान अय्यप्पा पर एक भक्ति गीत के लिए यह पहनावा था।
यह देखते हुए कि वह एक लोकप्रिय बाल कलाकार है, ऐसी कोई भी कानूनी कार्रवाई को स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया गया होता। लेकिन ऑल्ट न्यूज़ को केरल सरकार द्वारा उस बच्ची की गिरफ्तारी की कोई मीडिया की खबर नहीं मिली। इसके अलावा, इस बच्ची का आधिकारिक फेसबुक पेज दैनिक अपडेट के साथ सक्रिय है। इस पेज पर, सोशल मीडिया में कथित, बच्ची की गिरफ्तारी के बारे में भी कोई पोस्ट नहीं है।
इस प्रकार, सोशल मीडिया में प्रसारित यह संदेश नकली है। काफी समय से, सबरीमाला गलत सूचनाओं का केंद्र बना हुआ है। ऑल्ट न्यूज़ ने सबरीमाला मुद्दे के इर्दगिर्द गलत सूचनाओं के कई ऐसे उदाहरणों को प्रस्तुत किया है, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मुख्यधारा मीडिया और सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित किया गया था।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.