सोशल मीडिया पर एक अखबार की क्लिप काफ़ी शेयर की जा रही है. इस पेपर क्लिप में 2 हेडलाइन्स हैं – “कभी नहीं बनेगा राम मंदिर : अमित शाह” और “हिन्दूओ का भरोसा जितने के लिए मुस्लिमों किसानों को मरवाना जरूरी था : नरेंद्र मोदी”. अखबार की कतरन की बाकी खबरें धुंधली दिखती है. फ़ेसबुक पेज ‘मुलायम पुत्र अखिलेश’ ने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “अगर ये सच है, तो घोर पाप है।” (आर्काइव लिंक)

अगर ये सच है, तो घोर पाप है।

Posted by मुलायम पुत्र अखिलेश on Thursday, 24 December 2020

सैय्यद यूसुफ़ इकबाल ने ये तस्वीर पोस्ट कर इसके सही या गलत होने के बारे में यूज़र्स से राय मांगी.

 

ट्विटर और फ़ेसबुक पर और भी कई यूज़र्स ने ये न्यूज़ पेपर क्लिप शेयर की है. ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल व्हाट्सऐप नंबर (+917600011160) पर भी इस तस्वीर की हकीकत जानने के लिए कुछ रीक्वेस्ट आई हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें 28 नवंबर 2018 की बीबीसी हिंदी की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल न्यूज़ पेपर क्लिप को फ़र्ज़ी बताते हुए एक और अखबार की तस्वीर शेयर की गई है.

दोनों अखबारों की क्लिपिंग की तुलना करने पर मालूम हुआ कि दोनों न्यूज़ पेपर क्लिपिंग में हेडलाइन को छोड़कर एक जैसी खबरे हैं. दोनों तस्वीरों में ख़बरों की हेडलाइन्स में थोड़ा-बहुत बदलाव है. दोनों पेपर क्लिप की हेडिंग्स में वर्तनी की गलतियां दिखती हैं. वायरल तस्वीर में अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से बयान दिए गए हैं जबकि दूसरी तस्वीर में सपा नेता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के हवाले से बयान दिए गए हैं. दोनों क्लिप्स में अमर उजाला ब्यूरो लिखा हुआ है. इसके अलावा, वायरल न्यूज़ पेपर क्लिप की तुलना में दूसरी पेपर क्लिप की तस्वीरें छोटी हैं. (नीचे के कंपेरिज़न में दोनों पेपर क्लिप की समानताओं को नीले रंग और असमानताओं को लाल रंग से चिन्हित किया गया है.)

अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बयान वाली न्यूज़ पेपर क्लिप के वाक्यों को ज्यों का त्यों सर्च करने पर हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. आगे, इन रिपोर्ट्स को हम बारी बारी से देखेंगे.

1. “मुलायम : मुसलमानों का भरोसा जितने के लिए हिंदुओं पर गोलियां चलवाना ज़रूरी था.”

इस वाक्य को सर्च करने पर हमें 7 फ़रवरी 2014 की अमर उजाला की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट की हेडलाइन है – “गोली नहीं चलवाता तो मुसलिमों का भरोसा टूट जाता”. पेपर क्लिप की हेडिंग और इस हेडिंग में काफ़ी समानता है. रिपोर्ट के मुताबिक, “उन्होंने कहा कि 1990 में उन्होंने अयोध्या में गोली चलवाई और 16 जानें भी गईं. उस समय यदि वह ऐसा नहीं करते तो देश के मुसलमानों का सपा से विश्वास टूट जाता. मुलायम ने कहा कि भाजपा उन्हें इसलिए भी हमेशा याद रखेगी कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की खूब पिटाई हुई थीं.”

2. “कभी नहीं बनने देंगे राम मंदिर : अखिलेश यादव”

अखिलेश यादव के इस बयान के बारे में सर्च करने पर हमें कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें अखिलेश यादव द्वारा ऐसा कोई बयान दिए जाने की खबर हो.

उपरोक्त हेडिंग से छपी ख़बर में एक सब-हेडिंग है, “अयोध्या यात्रा को लेकर प्रशासन चौकन्ना”

सर्च करने पर हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिसमें ये वाक्य दिखता है. 26 अगस्त 2013 की अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, “अयोध्या में चौरासी कोस यात्रा को लेकर जिला प्रशासन पूरे दिन चौकन्ना रहा. रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर तो शनिवार की पूरी रात तलाशी का दौर चला. बसों के अंदर घुसकर पुलिस कर्मियों ने छानबीन की. शक होने पर यात्रियों से पूछताछ भी की. उधर थानेदारों व चौकी पुलिस को भी एलर्ट कर दिया.” 23 अगस्त 2013 की जागरण की रिपोर्ट में भी ये लाइन दिखती है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, मुलायम सिंह ने उस वक़्त होने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा पर रोक लगाई थी. इसका विरोध करते हुए विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि अगर सरकार ने यात्रा रोकने की कोशिश की तो उसे साल 1992 जैसे हालात का सामना करना पड़ेगा.”

इसके अलावा, “संतों को मोहरा बना रही भाजपा : सपावाला वाक्य भी आप जागरण की 23 अगस्त, 2013 की रिपोर्ट में देख सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, “सपा ने कहा कि भाजपा संतों को मोहरा बना रही है तो वहीं कांग्रेस ने प्रतिबंध का समर्थन किया है।”

कुल मिलाकर, पुरानी न्यूज़ पेपर क्लिप एडिट कर अमित शाह और नरेंद्र मोदी के हवाले से झूठे बयान शेयर किये गए. ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर में दिखने वाली खबरें कम से कम 7 साल पुरानी है.


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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.