सोशल मीडिया में कांग्रेस के पुराने और सीनियर नेता कपिल सिब्बल के हवाले से आया एक कथित बयान वायरल है. दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कभी कहा था कि राम मंदिर निर्माण शुरू होने पर वो आत्महत्या कर लेंगे.

ये दावा ट्विटर पर वायरल है.

sibbal

ऐसा ही एक दावा पिछले साल भी देखा गया था

इसे शेयर करने वालों में प्रधानमंत्री द्वारा फ़ॉलो किये जा रहे गौरव प्रधान भी शामिल हैं. उनके ट्वीट को करीब 1,300 बार रीट्वीट किया गया है -“@KapilSibalभाई ज़िंदा हो की मर गए.”

[ पढ़िए: गौरव प्रधान द्वारा शेयर की गई गलत जानकारियां ]

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये स्क्रीनशॉट शेयर किया है. इस कथित बयान को ग्राफ़िक के ज़रिये भी शेयर किया जा रहा है.

कई लोगों ने yogisena.wordpress.com ब्लॉग से एक पोस्ट को शेयर किया है. हालांकि, यह पोस्ट 2018 का है.

फ़ेसबुक पेज (योगी आदित्यनाथ की सेना योगीसेना Gkp) ने इस ब्लॉग को पोस्ट किया है, जिसे 15 मार्च, 2018 तक करीब 2,000 बार शेयर किया जा चुका था.

[ पढ़िए: गलत जानकारियां शेयर करने की फ़ैक्ट्री ‘योगी आदित्यनाथ की सेना’ पेज]

2017 से किया जा रहा है शेयर

ऐसा ही एक बयान 2017 से सोशल मीडिया में चल रहा है. ट्विटर पर सबसे पहले साझा किये गए ऐसे ही दावों में से एक के मुताबिक कपिल सिब्बल ने कहा था कि अगर तीन तलाक ख़त्म हुआ तो वो राम मंदिर नहीं बनने देंगे. इसे 17 मई, 2017 को ट्वीट किया गया था.

इस बयान को फ़ेसबुक पर भी उसी दिन पोस्ट किया गया था.

फ़र्ज़ी बयान

गूगल पर सर्च करने पर हमें कपिल सिब्बल के इस बयान पर आधारित न ही हालिया और न ही पहले प्रकाशित किया हुआ कोई लेख मिला. इस तरह के किसी भी बयान के बारे में मीडिया में ख़बर न आये, ऐसा नामुमकिन है.

इसके अलावा, सोशल मीडिया यूज़र्स जो स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं, उसके ज़रिये हम digitalindiatv.com वेबसाइट तक पहुंचे. इसने 15 मार्च, 2018 को सिब्बल के इस कथित बयान को जगह दी थी.

यह ध्यान देने लायक है कि अयोध्या केस से जुड़े कांग्रेस नेता हमेशा से ही विवादों से घिरे हुए रहे हैं. 5 दिसंबर, 2017 को कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायलय को 2019 लोकसभा चुनाव तक अपने फैसले को टालने की विनती की थी जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने नामंज़ूर कर दिया था. यह दावा किया गया था कि राजनेता सिब्बल, जो कि पेशे से वकील भी हैं, सुन्नी वक्फ़ बोर्ड का प्रतिनिधित्व भी कर रहे थे. हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया था. इस मामले से जुड़े बयान को पहले भी कई मीडिया संगठनों ने प्रकाशित किया था.

ऑल्ट न्यूज़ से बातचीत के दौरान सिब्बल ने बताया, “यह शरारती, झूठा और अपमानजनक है.” आगे उन्होंने बताया, “मैंने ये बयान दिया है कि हमें फ़ैसले का सम्मान करना चाहिए और आगे बढ़ कर आम जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.”

इस प्रकार सोशल मीडिया में पिछले कुछ वर्षो से कपिल सिब्बल के हवाले से यह फ़र्ज़ी बयान प्रसारित है. 9 नवंबर, 2019 को अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायलय के फ़ैसले के बाद यह बयान फिर से शेयर किया गया.

[अपडेट: इस आर्टिकल में 21 जुलाई, 2020 को नए दावे शामिल किए गए जो कि सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे थे.]
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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.