12 नवंबर, 2019 जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने का 100वां दिन था। कई लोगों ने ट्विटर पर सरकार के इस कदम पर अपने विचार रखने के लिए #100DaysofKashmirSiege का इस्तेमाल किया था।

ऐसे ही एक व्यक्ति सुहैब साक़िब, जिन्होंने अपने आप को लंदन स्थित “कश्मीरी और इस्लामोफोबिया का कार्यकर्ता” बताया है। उनके ट्वीट के अनुसार, “आरएसएस के हिंदुत्व नाज़ी गुंडों ने एक कश्मीरी बच्चे की मौत तक प्रताड़ित किया। मेरा सवाल पश्चिमी नेताओं से है: क्या आप अपने बच्चों के साथ ऐसा करने की अनुमति देंगे? क्या कोई समझदार व्यक्ति इसे उचित मानेगा? #100DaysOfKashmirSiege.” (अनुवाद) सुहैब द्वारा ट्वीट किये गए वीडियो में हिंसा दिखाई गई है, कृपया पाठक से अनुरोध है कि वह इसे देखने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करें।

इस समान वीडियो को साक़िब ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर भी पोस्ट किया है।

बिहार का पुराना वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल पिछले महीने ही अपने एक लेख, “बिहार में हत्या के आरोपी की बेरहमी से पिटाई; पुलिस ने किया सांप्रदायिक मामले से इनकार” में की थी। यह घटना 2 अक्टूबर, 2019 को बिहार के कैमूर जिले के भभुआ नगर में घटी थी। इस समान वीडियो को 5 अक्टूबर, 2019 को सीपीएम नेता मो. सलीम ने साझा किया था, जिसे उन्होंने बाद में डिलीट कर दिया था।

पीड़ित व्यक्ति का नाम शाहिद राइन है। सिखठी गांव के निवासी माधव सिंह को कथित रूप से उसने गोली मारी थी, जिसके बाद उसे पीटा गया था। ऑल्ट न्यूज़ को SHO शशि भूषण ने बताया कि, “इस अपराध में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है। उनका आपस में कुछ ज़मीन का विवाद था।” कैमूर के एसपी दिलनवाज़ अहमद ने भी दोहराया कि घटना के पीछे कोई सांप्रदायिक मकसद नहीं था। शाहीद को मारने वाले व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज़ की जा चुकी है।

ट्विटर पर साक़िब द्वारा ट्वीट किया गया वीडियो वायरल हुआ है, जिसे 12 नवंबर, 2019 को पिन करके प्रोफ़ाइल पर रखा गया था। उनके द्वारा किये गए दावे के अनुसार, ‘एक कश्मीरी मुस्लिम बच्चे को आरएसएस के हिन्दुत्व नाज़ी गुंडों ने मारा’, गलत है। वास्तव में यह घटना बिहार के कैमूर की है। पूर्ण तथ्य जांच आप यहां पढ़ सकते हैं।

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.