भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी द्वारा आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के कथित उल्लंघन के मामले के खिलाफ चुनाव आयोग से पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई द्वारा दायर की गई शिकायत की एक कॉपी को ट्वीट किया है। यह शिकायत 25 नवंबर को राज्य में हो रहे आम चुनाव से संबंधित है। भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि थानापारा पुलिस स्टेशन के प्रभारी सुमित कुमार घोष, नादिया जिले के टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ नियमित रूप से डोर टू डोर प्रचार अभियान के लिए जा रहे हैं। शिकायत के मुताबिक, “भारतीय जनता पार्टी घोष को उनके कर्तव्यों से स्थांतरित करने की मांग करती है और उन्हें एमसीसी द्वारा संचालित जिलों से दूर रखने की मांग करती है।” (अनुवाद)
करीमपुर उपचुनाव के लिए #TMC हर तरह के हथकंडे अपना रही है। पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ थानापारा की थाना प्रभारी सुमित कुमार घोष नियमित रूप से चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे है। ऐसा लग रहा है कि #WestBengal पुलिस #TMC में शामिल हो गई है। pic.twitter.com/FCH27WOSCc
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) November 11, 2019
विजयवर्गीय द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में मोइत्रा के साथ एक काले रंग की शर्ट पहने हुए व्यक्ति को देखा जा सकता है, जिन्हें ट्वीट में पुलिस स्टेशन प्रभारी बताया गया है। विजयवर्गीय की ट्वीट में लिखा है कि, “करीमपुर उपचुनाव के लिए #TMC हर तरह के हथकंडे अपना रही है। पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ थानापारा की थाना प्रभारी सुमित कुमार घोष नियमित रूप से चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे है। ऐसा लग रहा है कि #WestBengal पुलिस #TMC में शामिल हो गई है “
इस दावे को पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की सोशल मीडिया प्रभारी केया घोष ने ट्वीट भी किया था।
Seen here campaigning alongwith TMC MP Mahua Moitra is Thanapara P.S. OC Sumit kr. Ghosh who is regularly seen going for door to door campaign for the upcoming Karimpur by-election. Has Bengal police become a TMC stooge? @narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/vnSd5ssVhC
— Keya Ghosh (@keyakahe) November 11, 2019
हालांकि, महुआ मोइत्रा की इस कथित व्यक्ति के साथ की तस्वीर भाजपा द्वारा शिकायत दर्ज़ करवाने से पहले से ही सोशल मीडिया में प्रसारित थी। नीचे शामिल की गई पोस्ट को 4 नवंबर को बंगाली संदेश के साथ साझा किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि यह तस्वीर “कल” ही ली गई है। संदेश में आगे बताया गया कि इस पर चुनाव आयोग का ध्यान ज़रूर जाना चाहिए। बंगाली संदेश है, “তূণমুল সাংসদ মহুয়া মৈত্র , ওনার পিছনে যে ভদ্র লোকটিকে Black জামা পরে আছে দেখতে পাচ্ছেন ইনি হলেন করিমপুর বিধানসভার,”
তূণমুল সাংসদ মহুয়া মৈত্র , ওনার পিছনে যে ভদ্র লোকটিকে Black জামা পরে আছে দেখতে পাচ্ছেন ইনি হলেন করিমপুর বিধানসভার…
Posted by ভবানী প্রসাদ চ্যাট্টার্জ্জী on Sunday, 3 November 2019
झूठा दावा
अधिकारी की मौजूदगी से एमसीसी का उल्लंघन होने का दावा गलत साबित होता है क्योंकि यह तस्वीर 18 अगस्त, 2019 की है। इसे महुआ मोइत्रा ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था।
Posted by Mahua Moitra – মহুয়া মৈত্র on Sunday, 18 August 2019
PRS के अनुसार, “एमसीसी उस तारीख से लागू हुआ है जब से उपचुनाव की तारीख की घोषणा हुई है और यह चुनाव परिणाम जारी होने तक लागू रहेगा।” (अनुवाद) पश्चिम बंगाल में उपचुनाव की तारीख की घोषणा 25 अक्टूबर को हुई थी।
ऑल्ट न्यूज़ से हुई बातचीत के दौरान मोइत्रा ने बताया, “उन्होंने 18 अगस्त की मेरी अधिकृत वेबसाइट की तस्वीर का इस्तेमाल करके झूठी शिकायत दर्ज की है, जब आचार संहिता लागू नहीं हुई थी और में सामान्य रूप से वहा गयी थी। हमने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है।” (अनुवाद)
Need a special law just to tackle the fake news menace. Shameful lows that the ruling party has fallen to. pic.twitter.com/ePTvKjQ7rM
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 12, 2019
उन्होंने आगे बताया कि उनकी यात्रा एक रोजी कल्याण समिति (आरकेएस) की बैठक की वजह से हुई थी। “यह बैठक नटीडांगा ब्लॉक प्राइमरी हेल्थ सेंटर (BPHC) में आयोजित की गई थी। मैं उसमें आरकेएस की अध्यक्ष थी। BDO, OC और डॉक्टर सभी इसके सदस्य हैं। मीटिंग के बाद, आरकेएस के एक सदस्य ने हमें मिठाई के लिए अपने घर पर आमंत्रित किया। इसलिए हम अस्पताल से निकले और रास्ते में कुछ सब्जी देखने के लिए रुक गए। यह तस्वीर सदस्य के घर के बाहर ली गई है।” (अनुवाद)
महुआ मोइत्रा की नदिया की यात्रा की कुछ अन्य तस्वीरें 18 अगस्त को उनके फेसबुक पेज पर अपलोड की गई थीं। वायरल हुई तस्वीर भी उसी दिन पोस्ट की गई है। इन तस्वीरों में उन्हें वही साड़ी पहने हुए देखा जा सकता है।
भाजपा ने पश्चिम बंगाल के नवंबर के आम चुनाव में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग से की। हालांकि, भाजपा का यह आरोप गलत साबित होता है क्योंकि सम्बंधित तस्वीर 18 अगस्त को अपलोड की गई थी जबकि आचार संहिता 25 अक्टूबर से लागू हुई थी।
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