बीच सड़क पर एक शख्स द्वारा दूसरे की बेरहमी से पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में चल रहा है। शख्स बेहोश पड़े पीड़ित के चेहरे पर मार रहा है, बाद में पूरी ताकत से उसके पेट पर कूद जाता है, लेकिन राहगीरों को मूकदर्शक बनकर देखते हुए देखा जा सकता है। ट्विटर उपयोगकर्ता सादिया ने वीडियो को इस दावे के साथ पोस्ट किया कि यह भभुआ नगर में भीड़ हमले की एक और घटना का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें एक मुस्लिम युवक की हत्या कर दी गई। संदेश में, इस बात पर ध्यान दिलाया गया कि अपराधी ने ‘जय श्री राम’ बोलते हुए उस आदमी की जान ली। इस ट्वीट को अब तक 1,100 से अधिक बार रिट्वीट किया जा चुका है। यह वीडियो काफी हिंसक है।

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आरोपी को ‘भाजपा’ से संबन्धित बताया

उसी वीडियो को एक फेसबुक उपयोगकर्ता ने यह आरोप लगाते हुए साझा किया कि पिछड़े समुदाय (ओबीसी, एसटी, एससी) के एक व्यक्ति को भाजपा कार्यकर्ता पीट रहा है।

सीपीएम नेता मो. सलीम ने भी हमले को भाजपा से जोड़ते हुए वीडियो ट्वीट किया।

ऑल्ट न्यूज़ को अपने आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन पर इस वीडियो को सत्यापित करने के कई अनुरोध मिले हैं। यहां, वीडियो के साथ यह दावा किया गया कि हमलावर लोकसभा में भाजपा का सांसद था।

पत्रकार गुरप्रीत गैरी वालिया ने वीडियो को ट्वीट करते हुए बताया कि उन्हें नहीं पता कि वीडियो की घटना कब और कहां हुई, लेकिन, उस हमलावर को पुलिस द्वारा जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यह ट्वीट अब हटा दिया गया है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने वीडियो को यह कहते हुए ट्वीट किया, “हत्या करने वाला “हिंदू” नहीं हो सकता,ये सब “राक्षस” हैं।”

बिहार के कैमूर जिले की घटना

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह घटना 2 अक्टूबर, 2019 को बिहार के कैमूर जिले के भभुआ नगर में घटी थी। जिस व्यक्ति की पिटाई की गई, वह भभुआ के एक वार्ड पार्षद का पुत्र शाहिद राइन है। सिखठी गांव के निवासी माधव सिंह को कथित रूप से गोली मारने के बाद उसे दो लोगों ने पीटा था। माधव सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी।

एक वीडियो में, गोली से मारे गए व्यक्ति का शव ले जाते हुए पुलिस को देखा जा सकता है, जबकि राइन को दो अज्ञात लोग, जो ‘जय श्री राम’ भी बोल रहे हैं, द्वारा पीटा जा रहा है।

दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, घटनास्थल से एक ज़िंदा कारतूस और एक देसी बंदूक बरामद की गई। राइन और सिंह के बीच पहले से विवाद चल रहा था। सिंह को कथित तौर पर उसके गांव वापस लौटते समय गोली मार दी गई थी। इसके तुरंत बाद, लोगों की भीड़ ने राइन की पिटाई कर दी। पुलिस दोनों पीड़ितों को अस्पताल लेकर गई।

इंडिया टुडे की 5 अक्टूबर, 2019 की खबर के अनुसार, “यह सुनकर कि पीड़ित [सिंह] की अस्पताल में मौत हो गई, गुस्साए लोगों ने पुलिस से आरोपी [राइन] की हत्या की मांग शुरू कर दी, जिसका वहां इलाज चल रहा था। इसके बाद, मामला बढ़ गया और गुस्साए स्थानीय लोगों ने आपातकालीन [वार्ड] का गेट तोड़ दिया।”

इसके अलावा, दैनिक भास्कर की 4 अक्टूबर की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घटना के बाद कुछ झड़पों के कारण, शहर में सैन्य बल तैनात किया गया।

ऑल्ट न्यूज़ ने इस मामले को लेकर भभुआ पुलिस से संपर्क किया। थानाध्यक्ष शशि भूषण ने सोशल मीडिया के दावे को बकवास बताते हुए कहा, “इस अपराध में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है। उनका आपस में कुछ ज़मीन का विवाद था।” कैमूर के एसपी दिलनवाज़ अहमद ने भी दोहराया कि घटना के पीछे कोई सांप्रदायिक मकसद नहीं था। उन्होंने आगे बताया कि इसमें शामिल दोनों पक्षों – एक जिसकी सिंह को कथित रूप से गोली मारने के बाद पिटाई की गई और दूसरे बाद में उसकी पिटाई करने वाले दोनों लोग – सबका आपराधिक इतिहास है। राइन और उसकी पिटाई करने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

एक व्यक्ति जिसपर दूसरे को गोली मारने का आरोप था, उसे बीच सड़क पर पीटे जाने का वीडियो, सोशल मीडिया में सांप्रदायिक कथा के साथ साझा किया गया। हालांकि शाहिद राइन को पीटने वाले ने जय श्री राम का नारा लगाया था, लेकिन, उस हमले के पीछे पुराना विवाद था। पुलिस ने किसी सांप्रदायिक उद्देश्य से इनकार किया है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.