“तिबत में बादल जमीन पर आके रुक गया।अद्भुत नजारा।”– यह संदेश सोशल मीडिया में एक वीडियो के साथ प्रसारित है। इस वीडियो को साझा करने वालों में न्यूज़ट्रैक के संपादक योगेश मिश्रा भी शामिल है, जिन्होंने इसे साझा करने के लिए #Kashmir का प्रयोग भी किया था।
तिबत में बादल जमीन पर आके रुक गया।अद्भुत नजारा।#Kashmir #mausam #Ymblog pic.twitter.com/B7dN2AvWaX
— Yogesh Mishra (@iYogeshMishra) November 1, 2019
यह दावा फेसबुक और ट्विटर पर भी वायरल है।
कुछ उपयोगकर्ताओं ने इस वीडियो को अंग्रेजी संदेश के साथ भी साझा किया है –” Cloud sitting on road at Tibet- तिबत की सड़क पर बैठे हुए बादल।” (अनुवाद)
मनोरंजक वेबसाइट Latestly ने इस वीडियो पर सितंबर 2018 में एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने बादल होने का दावा किया था।
अमेरिकन टीवी होस्ट केन रुटकोव्स्की ने 2018 में इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “ऐसी प्राकृतिक घटना काफी दुर्लभ होती है।” (अनुवाद)
The clouds in Xinjiang China fell to the ground! The truck drivers are afraid to move forward(due to the water vapor in the cloud being too heavy).This natural phenomenon is very rare pic.twitter.com/B3alndxMkG
— Ken Rutkowski (@kenradio) September 26, 2018
रेतीला तूफान, बादल नहीं
यांडेक्स पर वीडियो की एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ को Croatian website नामक एक वेबसाइट मिली, जिसके अनुसार यह वीडियो एक तूफान को दर्शाता है। यह लेख 4 जुलाई 2016 को प्रकाशित हुआ था और लेख में इस घटना को चीन का बताया गया था।
ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इस घटना के स्थान का पता नहीं लगा पाया है, लेकिन इस वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर बादल नहीं दिखाई देते है। आसमान में दिख रहे बादल और सड़क पर दिख रहे दृश्य के रंग में काफी असमानता देखने को मिलती है, सड़क पर गहरे रंग का दृश्य देखने को मिलता है।
इसके अलावा, यूट्यूब पर इस रेतीले तूफान के कई अन्य वीडियो भी मौजूद है।
इस घटना को मीडिया ने भी प्रकाशित किया था, जिसमें समान तस्वीरों को देखा जा सकता है।
Wall of sand as high as 100 meters roars through Inner Mongolia Monday for over 40 min; visibility less than 10 m pic.twitter.com/zUNxWxIBIG
— China Xinhua News (@XHNews) May 24, 2016
इस गलत जानकारी की पड़ताल 2018 में ABP न्यूज़ ने भी की थी, जिसमें चैनल ने स्काईमेट वेदर सर्विसेज के मौसम विज्ञानी महेश पलावत से इस बारे में बात की थी। उन्होंने बताया था कि, “बादल जब ज़मीन पर आते हैं तब उसे ‘क्लाउड रेस्टिंग ऑन ग्राउंड’ या कोहरा कहा जाता है लेकिन यह सेंडस्ट्रोम है।”
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में सड़क पर बादल नहीं उतरे हैं, बल्कि यह रेतीला तूफान है।
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