सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल है जिसमें ऊपर की ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का ऑफ़िशियल लेटरहेड दिख रहा है. लेटर में मुस्लिम महिलाओं को ‘फंसाने’ के बारे में 12 विशिष्ट लेशन हैं, साथ ही ये बताया गया है कि RSS पंद्रह दिनों का प्रशिक्षण देगा कि कैसे मुस्लिम महिलाओं को धर्मांतरित करके उन्हें ‘सनातन धर्म’ के अंदर लाया जाए. ऐसे जोड़ों को अपना नया घर बसाने में मदद के लिए 5 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा.

इस लेटर को ट्वीट करते हुए एक यूज़र ने लिखा, “हिन्दू लडकें कॉलेज,ऑफिस में मुस्लिम लड़की को प्यार में फंसाओ उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाओ ताकि वो अपने परिवार को छोड़ कर भागने के लिए तय्यार हो जाए उसे 5 लाख की मदद दी जाएगी घर बसने में:RSS; पूरा पढिए और अपने बहन बेटिओं और सभी मुसलमानों को भेजिए, अल्लाह हिफाज़त फार्मा.” ट्वीट में हैशटैग ‘#bhagwalovetrap’ का भी इस्तेमाल किया गया है. (आर्काइव)

पत्रकार होने का दावा करने वाले मोहम्मद तनवीर ने भी ये लेटर इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया जिसमें लिखा है, “ये लेटर पढ़ो और आँखे खोलो मुस्लिम बच्चियों, कैसे RSS तुम को मुर्दत बना रहा है. तुम्हारे भोलेपन का फायदा उठा रहा है”. (आर्काइव)

कई ट्विटर यूज़र्स ने भी ये लेटर ट्वीट किया हैं जिसमें @Tarannum2_, @BinT_E_Adam____, @noor_alam22, वेरीफ़ाईड ट्विटर ब्लू यूज़र Shahavaj Anjum और Hamza Siddiqui शामिल हैं.

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लेटर के कंटेंट का अनुवादित वर्ज़न व्हाट्सऐप पर भी शेयर किया गया है जिसे आप यहां और यहां देख सकते हैं.

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (7600011160) पर इस लेटर की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

पहली नज़र में ही हमें इस लेटर में कुछ गलतियां नज़र आयी. इसमें तारीख या सेंडर के नाम मौजूद नहीं है. लेटर को सिर्फ इतना कहकर खत्म किया गया है, “कॉपी – अखिल भारतीय हिंदू समाज, बजरंग दल, हिंदू सेना, हिंदू युवा वाहिनी, समस्त हिंदू समाज.”

इसके बाद हमने ट्विटर पर की-वर्ड्स सर्च किया जिससे हमें RSS द्वारा पहले जारी किए गए तीन लेटर्स मिलें. इनका फॉर्मेट वायरल लेटर जैसा ही था. हमने देखा कि RSS के ऑफ़िशियल चैनलों से जारी किए गए लेटर्स की तुलना में वायरल लेटर में कुछ मूलभूत अंतर थे. नीचे दोनों लेटर्स को कम्पेर किया गया है.

  1. ऊपरी-बाएं कोने पर मौजूद ‘लोगो’ मेल नहीं खाते. असल में असली RSS लेटर में लोगो के नीचे एक आदर्श वाक्य होता है जिसमें लिखा होता है, “संघे शक्ति: कलौयुगे”, जो कि वायरल लेटर में गायब है.
  2. असली लेटर में एड्रेस नीले फ़ॉन्ट में लिखे लेटरहेड पर दाईं ओर अलाइन किया गया है. लेकिन वायरल लेटर में ऐसा नहीं है. असली लेटर में “भारत” शब्द भी कोष्ठक (ब्रैकेट) में है.

हालांकि RSS द्वारा जारी किए गए सभी लेटर में लिखने की एक अलग शैली होती है जहां तारीख ऊपर या नीचे दिखाई देती है. लेकिन इस वायरल लेटर में कोई तारीख ही नहीं है जैसा कि पहले भी बताया गया है.

हमने ये भी नोटिस किया कि 2018 और 2019 में RSS के नाम से ऐसे ही फ़ॉर्मेट वाले फर्ज़ी लेटर्स शेयर किए गए थे. ध्यान से देखने पर हमने देखा कि उन लेटर्स पर भी पब्लिश होने की कोई तारीख नहीं थी.

उपर दी गई सभी जानकारियों के अलावा, हमने देखा कि वायरल लेटर में वर्तनी की गलतियां और अधूरे वाक्य भी थे.

चौथे पॉइंट में ”मैसेज” (message) शब्द को ‘मसाज’ लिखा गया है.

लेटर में नौवें पॉइंट में एक अधूरा शब्द है जिसमें लिखा है, “लड़की से अपने प्यार का इजहार करने का अच्छा मौका तलाश और उसे बताएं कि आप पर कोई दबाव नहीं है.” असल में ये वाक्य इस तरह लिखा जाना चाहिए, “लड़की से अपने प्यार का इज़हार करने का अच्छा मौका तलाशें और उसे बताएं कि आप पर कोई दबाव नहीं है.”

इसके अलावा, हमने इस लेटर से संबंधित किसी भी न्यूज़ रिपोर्ट को ढूंढने के लिए कई बार सर्च किया. लेकिन हमें ऐसी कोई भी न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली. तमाम सबूतों के आधार पर ये कहा जा सकता है कि वायरल लेटर नकली है. लेटर में ऐसी कई चीज़ें हैं जो आमतौर पर RSS द्वारा जारी किए गए ऑफ़िशियल लेटर्स में दिखती हैं, लेकिन ध्यान से देखने पर ये साफ़ होता है कि ये चीज़ें बेतरतीब ढंग से जोड़े गए हैं.

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