अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले, व्हाट्सएप पर गलत सूचनाएं और अफवाह फैलाई गयी है। पिछले कुछ दिनों से वायरल एक संदेश में बताया गया है कि आगामी अयोध्या केस के मद्देनज़र संचार की नई व्यवस्था लागू की जाएगी।

संदेश में कहा गया है कि सभी कॉल को रिकॉर्ड किया जायेगा और कॉल की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखा जायेगा। ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नज़र रखी जाएगी, व्हाट्सएप भी इसमें शामिल है। इसमें आगे लिखा है कि आपकी सभी निजी डिवाइस को मंत्रालय सिस्टम से जोड़ दिया जायेगा। संदेश में आगे चेतावनी दी गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या सरकार के विरुद्ध किसी भी पोस्ट या वीडियो को फॉरवर्ड ना करें और दावा किया गया कि राजनीतिक या धार्मिक प्रकृति के आपत्तिजनक संदेश लिखना या भेजना अपराध माना जायेगा, और इससे बीना किसी वॉरंट के आपकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।

ब्रेकिंग जरूरी सूचना

किसी भी तरह का गलत मैसेज भेजने पर होगी कड़ी कार्यवाई।

*अयोध्या फैसला कल से नये communication के…

Posted by Amethi Mobile News on Monday, 4 November 2019

यूपी पुलिस ने अफवाहों को किया ख़ारिज

उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर के ज़रिये यह स्पष्ट किया कि प्रसारित किया गया संदेश अफवाह है। अयोध्या में प्रसारित ऐसे ही कुछ संदेशों में से यह एक है। 5 नवंबर को अयोध्या पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट से अख़बार में छपे एक लेख को ट्वीट किया था, जिसके शीर्षक के अनुसार, “सोशल मीडिया के माध्यम से अशांति फ़ैलाने की हो रही है नाकाम कोशिश।” उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसे हैशटैग #UPPAgainstFakeNews के साथ ट्वीट किया था।

अयोध्या पुलिस द्वारा ट्वीट की गई समाचार रिपोर्ट में विशेष रूप से प्रसारित संदेश को फ़र्ज़ी बताया गया है। रिपोर्ट को अयोध्या से बताया और फैसले से पहले सोशल मीडिया में अफवाहों को प्रसारित करने वालों को संदर्भित किया गया है। लेख में बताया गया है कि पुलिस ने सोशल मीडिया में अफवाह फैलानेवालों की कोशिश को नाकाम करने के लिए इस पर तुरंत कार्यवाही की और शांति सभा का आयोजन कर लोगों के बीच इस तरह की अफवाहों के बारे में जागरूकता भी जगाई।

इसके अलावा, ANI UP की खबर के अनुसार अयोध्या के डीएम ने सांप्रदायिक एकता के लिए सोशल मीडिया में प्रसारित अयोध्या से जुड़े हुए पोस्टर और संदेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 28 दिसंबर, 2019 तक लागू रहेगा।

यह ध्यान देने योग्य है कि अयोध्या फैसले से पहले सोशल मीडिया यूज़र्स को उनके अकाउंट और निजी उपकरणों की चेतावनी देने वाला वायरल संदेश, फ़र्ज़ी है।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.