29 अक्टूबर को, हिंदुस्तान टाइम्स ने तमिलनाडु में मदुरै जिले के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से एक खबर प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक था, “रूसी राष्ट्रपति पुतिन, सांडों पर काबू पाने वाले तमिलनाडु के खेल जल्लीकट्टू के जनवरी में गवाह बन सकते हैं”-अनुवाद। इस खबर के अनुसार, अधिकारी ने बताया, “पोंगल त्योहार से पहले विश्व प्रसिद्ध अलंगनल्लूर (मदुरै के पास का एक गांव) का जल्लीकट्टू कार्यक्रम हजारों दर्शकों को आकर्षित करता है। जल्लीकट्टू देखने के लिए विदेशों से लोग नियमित यहां आते हैं। हमने सुना है कि इस आयोजन में पुतिन, पीएम मोदी के साथ आएंगे”-अनुवाद।

ओपइंडिया ने भी बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जनवरी 2020 में सांडों पर काबू करने के लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू में “भाग ले सकते” हैं। इस खबर में वनइंडिया तमिल के एक लेख को इस खबर का स्रोत बताया गया।

माय नेशन ने ऐसी ही एक खबर “चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी के बाद, तमिलनाडु, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी के लिए तैयार”-अनुवादित प्रकाशित की।

समान दावा सोशल मीडिया में भी प्रसारित

कुछ उपयोगकर्ताओं ने ट्विटर पर भी यही दावा किया।

PIB ने इसे फ़र्ज़ी खबर बताया

प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) गुजरात ने ट्विटर पर राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के 2020 में जल्लीकट्टू में भाग लेने की अटकलों को ख़ारिज किया।

न्यूज एजेंसी ANI ने भी त्यौहार के लिए पीएम मोदी के साथ राष्ट्रपति पुतिन के तमिलनाडु जाने की खबरों को ख़ारिज करते हुए ट्वीट किया।

हिंदुस्तान टाइम्स ने अब चुपचाप अपनी प्रारंभिक खबर को बिना कुछ बताए अपडेट कर दिया है। अब इस खबर का शीर्षक है, “रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्लीकट्टू देखने तमिलनाडु नहीं आ रहे हैं”-अनुवाद। आप लेख का कैश्ड संस्करण यहां देख सकते हैं।

ओपइंडिया की प्रारंभिक रिपोर्ट का शीर्षक था, “रूसी पुतिन अगले साल मदुरै में सांडों पर काबू करने के उत्सव, जल्लीकट्टू में भाग ले सकते हैं,” (अनुवाद) जिसे बाद में बदलकर – “रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अगले वर्ष मदुरै में सांडों पर काबू करने के उत्सव, जल्लीकट्टू में भाग लेने की खबरें गलत: रिपोर्ट” (अनुवाद)। इस दक्षिणपंथी वेबसाइट ने अपने लेख में अब एक नया अपडेट डाला है, जिसमें कहा गया है, “अब समाचार सामने आया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रधानमंत्री मोदी के साथ मदुरै में जल्लीकट्टू में भाग लेने की मीडिया रिपोर्टें झूठी हैं।” -अनुवादित।

माय नेशन ने अब अपना लेख हटा दिया है, लेकिन आप इसका कैश्ड संस्करण यहां देख सकते हैं।

जल्लीकट्टू, तीन दिन तक चलने वाले पोंगल त्योहार का एक हिस्सा है, जिसमें एक सांड को लोगों के समूह में छोड़ दिया जाता है। प्रतिभागियों को बैल पर काबू पाना होता है, जब तक वे कर सकें।

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Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.