बिहार के सासाराम में हाल ही में हुए बम विस्फोट के बाद, सोशल मीडिया में व्यापक रूप से यह दावा प्रसारित है कि विस्फोट मस्जिद के अंदर हुआ है और वहां से कुछ अन्य बम भी बरामद किये गए है। फेसबुक पर मनीष कुमार के पोस्ट को करीब 4,000 बार साझा किया गया है।

कुछ उपयोगकर्ताओं ने समान दावा प्रसारित किया, “आज सासाराम में मोची टोला मोहल्ला मस्जिद में बम बनाते ब्लास्ट हुआ 100 की संख्या में बम बारूद गिरफ्तार हुआ इस तरह का लगभग मस्जिद में काम काम चल रहा है सासाराम रोहतास बिहार।”

ट्विटर पर रेल मंत्री पियूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किये जा रहे एक उपयोगकर्ता “आकाश RSS” ने भी समान दावा साझा किया है। ‘आकाश RSS’ आकाश सोनी(@Satynistha) ही है, जिन्हें ऑल्ट न्यूज़ के एक न्यूज़ वेबसाइट कवरेज टाइम्स की पड़ताल में भी उजागर किया था। सोनी को 2017 में NDTV के एंकर रवीश कुमार को परेशान करने वाले एक व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के रूप में पाया गया था।

एक समान दावे में यह बताया गया है कि यह विस्फोट तब हुआ जब “राममंदिर के फैसले के संदर्भ” में मस्जिद के भीतर बम बनाये जा रहे थे। पुरे संदेश के अनुसार, “सासाराम में मोची टोला मोहल्ला मस्जिद में बम बनाते ब्लास्ट हुआ राम मंदिर की फैसला आने के संबंध में तैयार किया जा रहा हजारों की संख्या में बम बारूद गिरफ्तार हुआ इस तरह का लगभग देश के हर मस्जिद में काम काम चल रहा है सासाराम रोहतास बिहार.” गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किये जा रहे एक उपयोगकर्ता जनार्दन मिश्रा(@JBMIS) ने भी यह समान दावा ट्वीट किया है।

तथ्य जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने सासाराम के SDO राज कुमार गुप्ता से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा दावा “सिर्फ अफवाह” है। अधिकारी ने हमें बताया कि विस्फोट मस्जिद के अंदर नहीं बल्कि मस्जिद के बाहर हुआ था। उन्होनें आगे बताते हुए कहा कि पुलिस अभी इसकी जांच कर रही है, “धमाके में एक ही मज़दूर घायल हुआ है और हमें वहा से कोई विस्फोट प्राप्त नहीं हुआ है।”

इस घटना के बारे में हिंदी मीडिया में काफी व्यापक रूप से खबर प्रकाशित हुई है। हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद में पिछले एक महीने से मरम्मत का काम चल रहा था। इलाके में काम करने वाले मज़दूरों ने मस्जिद के बाहर सारा कचरा इक्क्ठा किया था। जैसे ही कचरे में आग लगाई, विस्फोट हो गया और तीन मज़दूर घायल हुए और मस्जिद की दिवार को भी नुकसान पंहुचा।

दैनिक जागरण के अनुसार, एक मज़दूर गंभीर रूप से घायल हुआ है। इस मीडिया संगठन द्वारा प्रकाशित एक अन्य लेख में मनीष कुमार, जिनका उल्लेख पहले भी इस लेख में किया गया है, उन्हें पुलिस द्वारा “सामाजिक व्यवस्था को बाधित करने वाली अफवाह फ़ैलाने” के लिए गिरफ्तार किया गया था।

बिहार के सासाराम में एक मस्जिद के नज़दीक हुए विस्फोट की घटना को सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग दिया गया। धमाका मस्जिद के अंदर और वहां से अन्य बम भी बरामद करने के दावे को पुलिस ने ख़ारिज किया है। इसके अलावा, इस घटना की जांच अभी चल रही है। पुलिस अभी भी इस धमाके के पीछे के अपराधी और इसके पीछे के मकसद के बारे में पता नहीं लगा पायी है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.