अल तकिया से सावधान..ये तो सबीहा खान निकली, और खुद को हिन्दू लिखकर तब प्रोपेगेंडा रचा था, इस लडकी ने।

उपरोक्त संदेश को सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों के साथ साझा किया गया है। इसमें से एक तस्वीर में एक लड़की को पोस्टर के साथ खड़े हुए देखा जा सकता है, जिसमें लिखा है कि-“मैं हिंदू हूं और मैं मुस्लिमों से प्यार करती हूं। मुस्लिम मेरे भाई, मेरी बहन और मेरी जीवनसाथी भी है। आपने मेरे तबरेज़ को मार दिया, लेकिन हम सब तबरेज़ हैं, आपकी नफरत हमारे सामने बहुत छोटी है #NotoHindutvaterrorism”। एक अन्य तस्वीर में एक महिला को गुलाबी रंग के कपड़े पहने हुए देखा जा सकता है साथ में सबिहा खान भी लिखा हुआ है। इसके साथ एक इंफोग्राफ भी है, जिसमें वह ईद की मुबारक बात दे रही है। झारखंड में तबरेज़ अंसारी की लिंचिंग को लेकर जून में राष्ट्रीय राजधानी में एक विरोध प्रदर्शन किया गया था।

उपरोक्त पोस्ट फेसबुक ग्रुप I Support Yogi का है और इसे अब तक 2100 बार साझा किया जा चूका है। इस पोस्ट को NAMO Youth Brigade और India Fans पेज पर भी पोस्ट किया गया है। इसके अलावा, कई व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं ने इसे अपनी टाइमलाइन पर भी पोस्ट किया है। इनमें से कुछ पोस्ट को काफी व्यापक रूप से साझा किया गया है।

झूठा दावा

संदेश में बताई गई महिला सबिहा खान नहीं है। ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी पहचान करने के लिए उस लड़की से संपर्क किया और हमें उसकी पहचान की पुष्टि के लिए उसके ड्राइविंग लाइसेंस दिखाए गए। उस लड़की का नाम स्वाति है और वह दिल्ली स्तिथ एक कॉलेज छात्रा है। उसके अनुरोध करने पर हम उसके पुरे नाम को प्रकाशित नहीं कर रहे हैं। ऑल्ट न्यूज़ को दिए हुए उसके पुरे बयान को नीचे दिया गया है:

हाँ मैं तबरेज़ के लिए खड़ी रही थी, और उसके जैसे कई लोगों के लिए चाहे वो मुस्लिम, हिंदू, सिख या ईसाई कोई भी हो उसके लिए खड़ी रहूंगी। मैं और मेरे जैसे कई लोग मानवता के लिए खड़े हैं, जिनके लिए यह देश जाना जाता है। मैंने नफरत के खिलाफ आवाज़ उठाई और मुझे लगता है कि केवल प्यार से ही इसे जीता जा सकता है।

उस रात जब हम झारखंड में तबरेज़ के खिलाफ हुई मॉब लिंचिंग के विरोध में खड़े थे, मैं अपने हिंदू और मुस्लिम दोनों दोस्तों को समझाते-समझाते थक गई कि यह सिर्फ हमें अलग करने के लिए हो रहा है और जिस दिन हम किसी भी कीमत पर अलग होना बंद कर देंगे, ये अपराध बंद हो जाएंगे। मैं अपने देश में धर्म या जाति के नाम पर होने वाले सभी अत्याचारों के खिलाफ खड़ी रहूंगी, जैसे कि पहलु खान, अखलाक, अंकित सक्सेना, नजीब, डॉ.पायल तडवी, आदि। मैं और भी कई विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रही हूं।

मुझे लगता है कि मुझे एक भारतीय होने की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिये और साथ ही मैं हिंदू समुदाय से होने के कारण मुझे यह बताना चाहिए कि हम किसी के भी जीवन को हानि नहीं पहुंचाना चाहते है। मैं अपने मुस्लिम समुदाय को यह संदेश देना चाहती हूं कि वे हमारे ही लोग हैं।

कई लोग इस मामले में क्या-क्या कह रहे है, लेकिन मैं बताना चाहती हूं कि वे इस बात को समझें कि मेरे जैसे लोग चुनिंदा नहीं हैं, जैसे – राजनेता जो कभी-कभी चुनिंदा किस्म के हो जाते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ वोट चाहिए होता है, हमारे जैसे लोग नहीं। मुझे बहुत बुरा भी लगता है जब ऑनलाइन माध्यम से मेरे कॉलेज के ही लोग भारत के नागरिक स्वरुप हमारे कर्तव्यों के बारे में बोलते हुए मुझे वो परेशान करते हैं।

भारतीय संविधान का A-51A कहता है कि धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या प्रादेशिक विविधताओं के बीच सामंजस्य और समान भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों का सम्मान करना हमारा मौलिक कर्तव्यों में से एक है।

मैंने बस भारतीय नागरिक होने के अपने कर्तव्य को कानूनी रूप से निभाया है और मुझे आशा है कि हमारे सांसद और उनके समर्थक यह समझते हैं कि संविधान का सम्मान करना और उसका पालन करना हमारा सबसे बड़ा राष्ट्रीय कर्तव्य है जो की एक नागरिक के रूप में हमे निभाना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि चाहे कुछ भी हो हम सब मज़बूती से खड़े रहेंगे। यह देश प्रेम पर खड़ा है और यह हमेशा ऐसे ही खड़ा रहेगा।
भारत कई रंगो का देश है, यहां पर कई तरह की समस्याए है और उसके कई तरह के समाधान भी है, और इसलिए, मैं भारत में एक अंधे नागरिक बनने को अस्वीकार करती हूं।
धन्यवाद।
आपकी भारतीय साथी नागरिक।

सबिहा खान कौन है?

दूसरी तस्वीर में गुलाबी रंग के कपड़े में दिख रही महिला की तस्वीरें सोशल मीडिया में इस दावे से साझा की गई है कि यह महिला और पोस्टर लिए खड़ी लड़की एक ही है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह महिला वास्तव में सबिहा खान है। वह हैदराबाद में स्थित एक राजनीतिक दल, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की नेता हैं। सबिहा खान का अपना एक फेसबुक पेज भी है, जिसके फॉलोवर्स की संख्या 180,000 से अधिक है।

इसके अलावा, दोनों महिलाओं के चेहरे का दिखाव भी एक दूसरे से अलग हैं।

संभावना है कि पोस्टर पकड़े हुए खड़ी महिला की पहचान को लेकर हुई उलझन सिर्फ इसलिए हुई, क्योंकि सबिहा खान ने वह तस्वीर अपने अधिकृत फेसबुक पेज पर साझा की थी, जिसमें स्वाति पोस्टर लिए खड़ी है।

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Posted by Sabiha Khan on Wednesday, 26 June 2019

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस झूठे दावे के साथ एक कवि की तस्वीरें भी साझा की गई है।

huma shenaz

ऑल्ट न्यूज़ ने हुमा शहनाज़ से संपर्क किया, जिन्होंने इस बात पुष्टि की है कि दावे के साथ साझा की गई तस्वीरों में से दो तस्वीरें उनकी है।

इसलिए यह कहा जा सकता है कि, पोस्टर लिए खड़ी लड़की सबिहा खान नहीं बल्कि स्वाति है, जो दिल्ली की एक छात्रा है।

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