17 जून को यूनाइटेड किंगडम की एक वेबसाइट Epistle News ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि 1962 के बाद पहली बार भारत ने पैंगोंग लेक के चीन की तरफ़ वाले हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया. वेबसाइट पर अब यह आर्टिकल उपलब्ध नहीं है. हालांकि Epistle News के ट्विटर हैंडल के एक ट्वीट से पता चलता है कि ऐसा आर्टिकल पब्लिश किया गया था. (आर्काइव लिंक)

इसी तरह प्रशांत पटेल उमराव ने ट्वीट किया, “एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पैंगोंग लेक के चीनी हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है, यह इलाका 1962 युद्ध के बाद से चीन के कंट्रोल में था.” इस ट्वीट को 5,000 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव लिंक) उमराव को सोशल मीडिया पर कई बार फ़ेक न्यूज़ फैलाते देखा गया है.

उमराव की तरह ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सोशल मीडिया हब के मेंबर आशीष पांडे ने भी ट्वीट किया. (आर्काइव लिंक) विभोर आनंद ने भी ऐसा ही ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “कंफर्म बड़ी ख़बर: #IndiaChinaFaceOff भारतीय फ़ोर्सज़ ने पैंगोंग लेक के चीनी हिस्से पर कब्ज़ा किया जिसका कोड नेम फ़िंगर 8 है” आनंद के ट्वीट को भी 1,000 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव लिंक).

Epistle News वेबसाइट पर अब यह आर्टिकल उपलब्ध नहीं है, हालांकि इसका स्क्रीनशॉट मौजूद है. स्क्रीनशॉट की शुरुआत में पहले पैराग्राफ़ में लिखा है, “भारत-चीन के बीच तनाव में ताज़ा मोड़ आया है, अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि भारत ने पैंगोंग लेक के चीन में आने वाले हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है – यह इलाका 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से चीन के कंट्रोल में है.” आर्टिकल में एक तस्वीर भी लगी है जिसमें भारतीय जवानों को हवा में तिरंगा लहराते देखा जा सकता है.

कई फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने भी ये आर्टिकल शेयर किया है. एक फ़ेसबुक यूज़र ने तो भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का पोस्ट शेयर करते हुए पूरा आर्टिकल ही कॉपी पेस्ट कर दिया (आर्काइव लिंक). ऊपर लगाए गए स्क्रीनशॉट से इस पोस्ट का पहला पैराग्राफ़ मैच करता है.

इस आर्टिकल में ऑल्ट न्यूज़ इन बातों की जांच कर रहा है:

1. Epistle News वेबसाइट

2. Epistle News का ट्विटर अकाउंट

वेरिफ़िकेशन

ऑल्ट न्यूज़ ने कीवर्ड सर्च किया तो पता चला कि इसके अलावा किसी और वेबसाइट ने दावा नहीं किया है कि भारत ने चीन साइड की पैंगोंग लेक पर कब्ज़ा कर लिया. इसके अलावा न तो भारत सरकार ने और न ही भारतीय सेना ने इस तरह का कोई दावा किया है. यहां तक कि भारत और चीन ने हटने का समझौता किया था इसलिए यह मुश्किल है कि नई दिल्ली इस तरह उकसाने वाला काम करे. फिर भी कई सोशल मीडिया यूज़र्स Epistle News नाम की फ़र्ज़ी वेबसाइट का दावा शेयर कर रहे हैं जिसका डोमेन .co. uk है और उसके ट्विटर बॉयो में बेस्ड आउट ऑफ लंडन लिखा है.

ऑल्ट न्यूज़ ने Epistle News वेबसाइट और इसके ट्विटर हैंडल की बारीकी से जांच की तो पैटर्न देखने के बाद पाया कि यह कोई न्यूज़ वेबसाइट नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल सरकार समर्थक प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए किया जा रहा है.

1. Epistle News वेबसाइट

हमने वेबसाइट पर जाकर देखा तो पता लगा कि जिस आर्टिकल की बात की जा रही है उसके अलावा वहां भारतीय सैनिकों द्वारा 43 चीनी सैनिकों के मारे जाने की ख़बर भी पब्लिश हुई है.

17 जून को ऑल्ट न्यूज़ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें बताया गया था कि कैसे कुछ मीडिया संस्थानों और पत्रकारों ने ANI के ट्वीट को ग़लत तरीके से पेश किया जिसमें कहा गया था कि 43 चीनी सैनिकों के मारे जाने की ख़बर है. हमने ये भी नोटिस किया कि वेबसाइट पर कोई भी आर्टिकल खुल नहीं रहा है. सबमें क्लिक करने पर ‘404 Not Found’ लिखकर आ रहा है.

Epistle News ने बताया कि वेबसाइट पर DDos अटैक हुए थे, इसी वजह से वेबसाइट का होमपेज दिख रहा है लेकिन आर्टिकल नहीं खुल रहे हैं. आमतौर पर DDoS अटैक के बाद पूरी वेबसाइट डाउन हो जाती है.

ऐमेज़ॉन की वेब एनालिटिक्स सर्विस एलेक्सा के मुताबिक इस वेबसाइट की वर्ल्ड रैंक 2,865,605 है. एलेक्सा ने इसका पिछले 90 दिन का ट्रैफ़िक और एंगेजमेंट एनलाइज़ किया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने Epistle News के ट्वीट पर लगी तस्वीर को लेकर रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि इसे द प्रिंट सहित कई मीडिया संस्थानों ने पब्लिश किया था. द प्रिंट में मार्च में पब्लिश हुए एक आर्टिकल में इसे प्रतीकात्मक तस्वीर के तौर पर पोस्ट किया गया था और क्रेडिट ANI को दिया गया था.

यह तस्वीर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं है लेकिन एक और रिवर्स इमेज सर्च के बाद इसी तरह की एक तस्वीर इंडिया टुडे में मिली जो 26 जनवरी 2020 को शेयर की गई थी.

इस आर्टिकल के मुताबिक तस्वीर में LoC पर गणतंत्र दिवस 2020 सेलिब्रेट करते सैनिक दिख रहे हैं. दोनों तस्वीरों में ये अंतर है – A) सैनिकों ने हाथ नहीं उठाए हैं और B) तस्वीरें एक ही समय पर नहीं खींची गई हैं. इसके अलावा दोनों तस्वीरों में ये समानताएं हैं – A) दोनों में सेना के वही 9 सैनिक दिखाए गए हैं, B) दोनों तस्वीरों में पांचवें जवान ने झंडा पकड़ा है और C) लोकेशन एक ही है.

25 जनवरी को इंडिया टुडे के प्रोग्राम में वायरल तस्वीर में दिख रहे जवानों को देशभक्ति गीत गाते दिखाया गया. वीडियो में 2 मिनट 44 सेकेंड पर वह सीन देखा जा सकता है जिसकी बात की जा रही है.

2. Epistle News का ट्विटर हैंडल

वेबसाइट के मुताबिक Epistle News का ट्विटर हैंडल @EpistleNews है. ट्विटर बायो में दिखता है कि यह अकाउंट 2016 में बनाया गया है. 4 साल के लंबे समय में फॉलोवर्स की कम संख्या देखकर पता चलता है कि यह असली न्यूज़ ऑर्गनाइजेशन नहीं है. यह रिपोर्ट लिखे जाने तक इस हैंडल से केवल 88 ट्वीट किए गए हैं जिससे यह साफ़ पता चलता है कि यह कोई न्यूज़ वेबसाइट नहीं हो सकती.

accountanalysis.app टूल का इस्तेमाल करने के बाद हमने पाया कि इस हैंडल से तीन हैशटैग्स को सबसे ज़्यादा प्रमोट किया गया है, इंडिया, ट्रम्प और इंदौर. एक UK बेस्ड वेबसाइट से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वह UK की ख़बरों को टॉप लिस्ट में जगह न दे.

नीचे दिए स्क्रीनशॉट में ‘UK बेस्ड’ Epistle News के इंदौर पर किए गए ट्वीट देखिए.

इसके अलावा इस ट्विटर हैंडल से पहला ट्वीट 8 अक्टूबर 2018 को किया गया था. ट्वीट से पता चलता है कि Epistle News को blogpost.in से होस्ट किया गया था यानी इस पोर्टल के पीछे कोई भारतीय व्यक्ति है.

प्रशांत पटेल उमराव और कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने Epistle News जैसी फ़र्ज़ी वेबसाइट के हवाले से यह झूठा दावा शेयर किया कि 1962 के बाद पहली बार भारत ने चीन के हिस्से की पैंगोंग लेक पर कब्ज़ा कर लिया है. आर्टिकल अब वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.