16 जून को, भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया. भारत की तरफ से लद्दाख की गालवान घाटी में 20 सैनिकों की मौत की रिपोर्ट आई है.
Indian Army says a total of 20 Indian soldiers have died in Ladakh’s Galwan Valley
— Press Trust of India (@PTI_News) June 16, 2020
रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, झड़प के दौरान “43 चीनी सैनिकों के मारे जाने” की ख़बर फैलनी शुरू हो गई. इस जानकारी को डीडी न्यूज़ ने ‘एजेंसी रिपोर्ट्स’ के हवाले से ट्वीट किया.
नवजीवन, इंडिया टीवी और एबीपी न्यूज़ जैसे मीडिया संस्थानों ने भी ऐसा ही दावा किया.
मेजर गौरव आर्या, इंडिया टीवी के ऐंकर रजत शर्मा और सुशांत सिन्हा, एबीपी न्यूज़ के पत्रकार सुमित अवस्थी, न्यूज़ एक्स के ऐंकर शहज़ाद पूनावाला जैसे लोग भी इसी नाव पर सवार हो गए.
ट्विटर हैंडल News Line IFE ने गौरव आर्या के हवाले से यही दावा किया. ऑल्ट न्यूज़ की पहले की गई एक फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट में, News Line IFE पांच चीनी सैनिकों के मारे जाने के अपुष्ट दावे का सोर्स बनकर सामने आया था.
ऑपइंडिया, इसकी एडिटर नुपुर शर्मा और ट्विटर यूजर द स्किन डॉक्टर ने भी 43 चीनी सैनिकों की मौत की ‘न्यूज़’ को प्रसारित किया.
इंडिया टुडे के ऐंकर राजदीप सरदेसाई ने लिखा कि ANI ने “चीनी सूत्रों” के हवाले से दावा किया है कि “झड़प में 43 चीनी सैनिक मारे गए हैं”. उन्होंने आगे लिखा कि इस बारे में चीन की तरफ से कोई पुष्टि नहीं हुई है.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने लिखा, “43 चीनी सैनिक भी मारे गए”.
फ़ैक्ट-चेक
ये दावा न्यूज़ एजेंसी ANI के ट्वीट के आधार पर किया गया था, जिसमें “सूत्रों” के हवाले से कहा गया था कि चीन की तरफ से कुल 43 (मृत और घायलों को मिलाकर) लोग हताहत हुए हैं.
Indian intercepts reveal that Chinese side suffered 43 casualties including dead and seriously injured in face-off in the Galwan valley: Sources confirm to ANI pic.twitter.com/xgUVYSpTzs
— ANI (@ANI) June 16, 2020
ANI live services के संपादक ईशान प्रकाश ने ANI के ट्वीट को क़ोट करते हुए लिखा, “चीन की तरफ़ से मरने/घायल होने वालों की संख्या की पहली पुष्टि”, जो कि ‘हताहत’ शब्द का अर्थ है’.
First confirmation of numbers of injured/dead in the Chinese side https://t.co/z5Lvaql7Jp
— ishaan prakash (@ishaan_ANI) June 16, 2020
ध्यान देने वाली बात है कि ANI ने मारे गए चीनी सैनिकों का सटीक आंकड़ा नहीं दिया बल्कि ये लिखा कि “43” की संख्या मृत और घायलों, दोनों को मिलाकर है.
आधिकारिक आंकड़े क्या कहते हैं?
चीन की सरकार ने अपनी तरफ के हताहतों की संख्या उजागर नहीं की है. चीन के ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ़ ने आज सुबह एक ट्वीट किया था. इसके अलावा, चीन को हुए नुकसान का आधिकारिक आंकड़ा इंडियन आर्मी ने भी नहीं जारी किया है.
Chinese side didn’t release number of PLA casualties in clash with Indian soldiers. My understanding is the Chinese side doesn’t want people of the two countries to compare the casualties number so to avoid stoking public mood. This is goodwill from Beijing.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) June 16, 2020
डिफ़ेंस मामलों के पत्रकार शिव अरूर ने ट्वीट किया, “चीन के नुकसान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है, हर तरफ लीक्स/सोर्स से मिली जानकारी घूम रही है.”
*NO official word on Chinese casualty figures, all leaks/source stuff doing rounds*
— Shiv Aroor (@ShivAroor) June 16, 2020
इंडियन एक्सप्रेस में डिप्टी एडिटर सुशांत सिंह ने भी ट्वीट किया कि चीन को हुए नुकसान, “43 या 430 या कुछ भी” पर आर्मी की तरफ कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
There is not a word about any Chinese casualties, fatal or non fatal, in the official army statement. 43 or 430 or whatever!
— Sushant Singh (@SushantSin) June 16, 2020
इसलिए, कथित तौर पर चीन को हुआ नुकसान बताने वाले ANI के ट्वीट में, मृत और घायल, दोनों की बात की गई थी. इसे “43 चीनी सैनिकों की मौत” बताकर ग़लत ढंग से प्रचारित किया गया. गौर करने वाली बात है कि न तो चीन ने और न ही किसी प्रतिष्ठित डिफ़ेंस जर्नलिस्ट ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के हताहतों की संख्या की पुष्टि की है.
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