मीडिया में ये ख़बर तेज़ी से रिपोर्ट हुई कि उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फ़ोर्स (UPSTF) ने अपने जवानों और उनके परिवार वालों को निर्देश दिया कि सुरक्षा कारणों से वे अपने मोबाइल फ़ोन्स से 52 चाइनीज़ ऐप्स डिलीट कर दें. लद्दाख की गलवान वैली में पिछले कुछ हफ़्तों में चीन के साथ बढ़ते तनाव और भारतीय सेना के कम से कम 20 जवानों के शहीद होने के बाद यह एडवाइज़री आई.
ये रिपोर्ट्स सामने आने के बाद सरकारी संस्थान PIB फ़ैक्ट चेक ने ट्वीट किया कि UPSTF ने ऐसी कोई एडवाइज़री जारी नहीं की है. PIB फ़ैक्ट चेक ने भारत समाचार (BSTV) की ख़बर के स्क्रीनशॉट पर ‘फ़ेक न्यूज़’ का स्टैम्प लगाते हुए ट्वीट किया, “सोशल मीडिया पर वायरल एक संदेश में एसटीएफ द्वारा कुछ ऐप का प्रयोग नहीं किए जाने का दावा किया जा रहा है. #PIBFactCheck: खबर झूठ है, एसटीएफ द्वारा ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है.”
सोशल मीडिया पर वायरल एक संदेश में एसटीएफ द्वारा कुछ ऐप का प्रयोग नहीं किए जाने का दावा किया जा रहा है#PIBFactCheck: खबर झूठ है, एसटीएफ द्वारा ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है pic.twitter.com/ittgwiAjYb
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 19, 2020
PIB फ़ैक्ट चेक का फ़ैक्ट-चेक
एक बार फिर पता चला कि PIB फ़ैक्ट चेक का ‘फ़ैक्ट-चेक’ ग़लत है.
UP STF ने दरअसल एक एडवाइज़री जारी करके अपने स्टाफ़ और उनके परिवार को मोबाइल से 52 चाइनीज़ ऐप डिलीट करने को कहा था. STF के IG अमिताभ यश ने ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए इसकी पुष्टि की. इसके अलावा यह आदेश उत्तर प्रदेश के पीयूष राय के अलावा कई पत्रकारों ने ट्वीट किया था.
UP STF IG Amitabh Yash issues order to STF personnel to remove dubious Chinese apps from their mobile phones which could be stealing data and other sensitive personal information. pic.twitter.com/mmjOfzv2Rl
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) June 19, 2020
पत्रकार प्रशांत श्रीवास्तव, क़ाज़ी फ़राज़ अहमद और सचिन गुप्ता ने भी कहा IG यश और अन्य STF अधिकारियों ने कन्फ़र्म किया कि ऐसा आदेश दिया गया था.
UP का मीडिया संस्थान BSTV, जिसका स्क्रीनशॉट PIB ने अपने ट्वीट में इस्तेमाल किया था, उसने एक वीडियो शेयर किया जिसमें STF ऑफ़िस के नोटिस बोर्ड पर एडवाइज़री लगी देखी जा सकती है. चैनल का पूरा ब्रॉडकास्ट यहां देखा जा सकता है. BSTV ने शो के दौरान इस बात पर ज़ोर दिया कि यह आदेश UP पुलिस के द्वारा जारी किया गया था.
लखनऊ में STF मुख्यालय के नोटिस बोर्ड में सम्बंधित ऍप्स की लिस्ट चस्पा की गई है। रिपोर्टर ने मुख्यालय से इसका वीडियो ब्योरा भी भेजा है। उम्मीद है PIB फैक्ट चेक कोई भी ट्वीट करने से पहले अपने फैक्ट ज़रूर चेक करेगी। अपेक्षा है की PIB फैक्ट चेक टीम अपने मूल ट्वीट को डिलीट करेगा। https://t.co/KZcC9pvj1N pic.twitter.com/BZnZM7iOjl
— भारत समाचार (@bstvlive) June 19, 2020
इसके अलावा कई वीडियोज़ हैं जिनमें ADG प्रशांत कुमार को एडवाइज़री के बारे में जानकारी देते देखा जा सकता है.
STF आईजी ने सव्ही कर्मचारियों को दिए निर्देश 52 चाइनीज़ एप्प मोबाइल से हटाए … ADG कानून व्यवस्था @PrashantK_IPS90 का बयान असुरक्षित एप्प से जरूरी फ़ाइल हो सकती है चोरी pic.twitter.com/ZuwuAN1gYi
— Gagan Mishra (@gaganishere) June 19, 2020
मीडिया ने सही रिपोर्ट किया था कि UP STF के आदेश के बाद इंटर्नल एडवाइज़री जारी की गई है, लेकिन PIB फ़ैक्ट चेक ने इसे फ़ेक न्यूज़ घोषित कर दिया. PIB पत्रकारों और प्रेस को परेशान करने का बिल्कुल नया टूल बनता जा रहा है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन्स में जान गंवाने वाले प्रवासी मजदूरों की ख़बर आई थी तब PIB ने बता दिया था कि मजदूर (या उनके मृत परिजन) पहले की बीमारियों के कारण मारे गए थे. मजदूरों के घर वालों ने साफ बताया कि मृतक पहले से बीमार नहीं थे इसके बावजूद PIB ने कोई मेडिकल रिकॉर्ड पेश किए बिना ही मीडिया रिपोर्ट्स को ‘फ़ेक न्यूज़’ बता दिया. इस मामले पर हमारी विस्तृत रिपोर्ट यहां और यहां पढ़ी जा सकती है.
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