एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लकड़ी को बेरहमी से पीटा जा रहा है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम लड़की को हिन्दू लड़के के साथ उसके पिता ने देख लिया. इस वजह से उसे पीटा जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि एक महिला उसे बचाने की कोशिश कर रही है लेकिन भीड़ पीछे तमाशा देख रही है.

कई और लोगों ने ये वीडियो शेयर करते हुए यही दावा किया है. फ़ेसबुक पर ये वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है. इसके अलावा ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+91 7600011160) और मोबाइल ऐप पर इसकी पड़ताल की रिक्वेस्ट मिली है.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने देखा कि इस वीडियो को एक यूज़र ने सिर्फ इतना लिखते हुए शेयर किया था कि ये शामली का था और UP पुलिस को टैग किया. इसके जवाब में शामली पुलिस ने इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक की बाइट शेयर की. इसमें बताया गया था, “इस वीडियो की जांच कराने के पश्चात् सूचना मिली है कि शामली जनपद के कैराना थाना के कैरावा गांव में एक व्यक्ति जिनका नाम अहसान है, उनकी शादी हुई थी. और जिनसे उनकी शादी हुई थी वही युवती उस वीडियो में दिख रही हैं. और उनके पूर्व प्रेम संबंध जो शादी से पहले थे, उसी क्रम में एक व्यक्ति उनके ससुराल आया था. वो अपने मित्र के साथ आया था. ये बात जब ससुराल वालों को पता चली तो उनके द्वारा दोनों व्यक्तियों को रोक लिया गया और युवती के मायके बताया गया. वहां से भी लोग आये और उनके ससुरालवालों ने मिलकर इन तीनों व्यक्तियों की पिटाई करी. इस संदर्भ में किसी प्रकार का कोई एप्लिकेशन थाने में नहीं दर्ज कराया गया था.”

हमने देखा कि पत्रकार सचिन गुप्ता ने 5 अगस्त को इसी घटना के 2 वीडियोज़ शेयर किए थे. उन्होंने वायरल वीडियो के अलावा एक वो वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें 2 युवकों को पीटा जा रहा है. इस वीडियो को पोस्ट करते हुए जानकारी दी गयी है, “शामली में शादीशुदा प्रेमिका से मिलने आए दो युवकों को तालिबानी सजा मिली.” और जिस वीडियो में महिला को पीटा जा रहा है उसे शेयर करते हुए सचिन ने लिखा है, “उत्तर प्रदेश के शामली में मोहम्मद अहसान की बीवी का पुराने प्रेमी से अफेयर चल रहा था। अहसान ने फिर जो इसका “अहसान” बेरहमी से चुकाया, वो देखिए.”

हमने सचिन गुप्ता से संपर्क किया, उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल नहीं था. वो जो लड़की को पीट रहा है, वो उसका पति अहसान है. दोनों पक्ष मुस्लिम समुदाय से थे और पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ़्तार भी कर लिया है.

हमने कैराना थाना से संपर्क किया. हमारी बात थानाध्यक्ष प्रेमवीर राना से हुई. उन्होंने सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे सुनते ही कहा, “ये ग़लत कर रखा है. जबसे सोशल मीडिया आया है, ज़हर फैला रखा है. मामला ये है कि दोनों पक्ष मुस्लिम समुदाय के हैं. शहज़ादी नाम की लड़की की एक महीने पहले शादी हुई थी. उसी के गांव में रहने वाला उसका पूर्व प्रेमी जिसका नाम आफ़ताब है, उससे मिलने के लिए अपने एक साथी के साथ पहुंच जाता है. तो स्वाभाविक रूप से ससुरालवालों को ऐतराज़ होगा. लड़की के पापा को फ़ोन किया कि तुम्हारी लड़की ने अपना प्रेमी बुला लिया. फिर लड़की का भाई, बाप और मां और चार-पांच लोग आए और उनको बेरहमी से पीटा. ये 28 जुलाई की बात है. इस मामले में 3 लोग अमजद, मुबारिक और नौशाद को पकड़कर जेल भेजा गया है. इनमें से 2 महिला के जेठ हैं और बाकी एक पड़ोसी है.”

यानी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर ग़लत हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल दिया जा रहा है. पुलिस के अनुसार, महिला और उसके प्रेमी को घर वालों ने पीटा था. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी कर लिया है.


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