कई ट्विटर यूज़र्स ने एक तस्वीर शेयर की है जिसमें एक नर्स दिख रही है जो कि एक शख्स के पैर धुल रही है. पैर धुलवाने वाले शख्स ने इस्लाम धर्म से जुड़ी हुई टोपी पहनी हुई है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई दावे देखने को मिले हैं जिनके अनुसार ये शख्स एक लोकल ईमाम है. इस शख्स के आलावा बाकी सभी लोगों ने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ है. दावे इस बात के भी हैं कि बीच में जो खड़े हैं वो आंध्र प्रदेश के कुरनूल ज़िले से विधायक हैं और उन्होंने ही नर्स को ईमान के पैर धोने का आदेश दिया. इस वक़्त कुरनूल से YSR कांग्रेस के अब्दुल हफ़ीज़ खान विधायक हैं.

We Are With You Swamiji’ नाम के फ़ेसबुक पेज ने भी ये तस्वीर पोस्ट की है और तेलुगु भाषा में लिखे टेक्स्ट से यही दावा किया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकला. इसके बाद हम अब्दुल हफ़ीज़ के फ़ेसबुक पेज पर गए. यहां हमें 23 अप्रैल का एक पोस्ट मिला जिसमें ये लिखा गया था कि सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के साथ चल रहे दावे ग़लत हैं.

Fake news alert

Posted by Hafeez Khan on Wednesday, 22 April 2020

ऑल्ट न्यूज़ ने अब्दुल हफ़ीज़ खान से बात की (हरे रंग से उन्हें दर्शाया गया है). उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम है कि जिस शख्स के पैर धुले जा रहे थे, वो कौन है.

अब्दुल हफ़ीज़ ने कहा, “ये तस्वीर मार्च में खींची गयी थी. हम रायलसीमा यूनिवर्सिटी में बने क्वारंटीन सेंटर में थे. वहां एक शख्स के पैर में चोट लग गयी थी और नर्स उसे अटेंड कर रही थी. हालात थोड़े गंभीर थे क्यूंकि जिसे चोट लगी थी वो डायबिटीज़ का मरीज़ था.” उन्होंने ये भी बताया कि 5 अप्रैल को उन्होंने फैल रही इस ग़लत जानकारी के बारे में कुरनूल के वन टाउन पुलिस थाने में एफ़आईआर भी लिखवाई है. एफ़आईआर के मुताबिक़ इन अफ़वाहों की शुरुआत 5 अप्रैल से हुई.

कुरनूल पुलिस ने भी इस ग़लत जानकारी के बारे में एक फ़ेसबुक पोस्ट पब्लिश किया था. पुसली के अनुसार, “तस्वीर में दिख रहे शख्स ने गलती से अपने ही पैर पर गेट बंद कर लिया और उसके पैर से काफ़ी खून बहने लगा था. वो डायबिटीज़ का मरीज़ था और खून नहीं रुक रहा था. इसलिये उसे एम्बुलेंस से GGH KNL भेजा गया. घाव गंभीर था और मरीज़ डायबिटिक था इसलिये सही उपचार की गैरमौजूदगी में उसे दिक्कत हो सकती थी. नर्स अपना काम कर रही थी और मरीज़ के खून को रोकने की कोशिश में लगी हुई थी.”

*ఇదీ నిజం* కర్నూలు -23-4-2020 – *రాయలసీమ యూనివర్సిటీ క్వారంటైన్ సెంటర్లో మార్చి నెల ఆఖరి వారంలో ఒక సీనియర్ సిటిజెన్…

Posted by Kurnool Police on Thursday, 23 April 2020

अब्दुल हफ़ीज़ ने इस वायरल तस्वीर में दिख रही नर्स का कांटेक्ट डीटेल भी हमें दिया. उनका नाम एम सरस्वती है. वो लाद्दागिरी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में काम करती हैं. उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए कहा, “ये रायलसीमा यूनिवर्सिटी के बॉयज़ हॉस्टल में बने क्वारंटीन सेंटर की तस्वीर है.” सरस्वती ने ये भी बताया कि उन्होंने एक वीडियो बनाकर भेजा था जिसमें उन्होंने इस मामले में अपनी बात रखी थी. ये वीडियो अब्दुल हफ़ीज़ खान के फ़ेसबुक पेज पर 23 अप्रैल को अपलोड किया गया था.

ఈ ఫోటోలో ఉన్నటువంటి పెద్దాయనకు షుగర్ (డయాబెటిక్) వలన కంటిచూపు తక్కువగా ఉంది. అతను పొరపాటున ఆ బిల్డింగ్ లో ఉన్న గేట్ కాలిమీద వేసుకున్నాడు. ఎక్కువ రక్తంకారటం వలన అక్కడ ఉన్న సరస్వతి అనే నర్స్ గారు వెంటనే గాయం కడిగి దూది పెట్టి కట్టు కట్టటం జరిగింది. కానీ ఆయన డయాబెటిక్ పేషెంట్ అవ్వటం వలన రక్తం కారటం ఆగలేదు. పైగా మాములు పేషెంట్స్ కంటే కూడా డయాబెటిక్ పేషెంట్స్ కి ఇటువంటి గాయాలు ఎంతో ప్రమాదం. కాబట్టి అంబులెన్స్ కి కాల్ చేసి పిలిపించి మంచి ట్రీట్మెంట్ కోసం హాస్పిటల్ కి పంపించడం జరిగింది. అక్కడ నర్స్ *సరస్వతి* గారు తన జాబ్ ఎంతో జాగ్రత్తగా చేస్తూ ఆ పేషెంట్ యొక్క గాయం తుడిచి, కట్టు కడుతూ, అంబులెన్స్ వస్తూ ఉంది కాబట్టి భయపడవద్దని పేషెంట్ కి ధైర్యం చెప్పడం జరిగింది.
కానీ కొంతమంది ఇక్కడ హఫీజ్ ఖాన్ గారు అక్కడ ఉన్న నర్స్ తో ఒక మత పెద్ద కాళ్ళు పట్టించారు అని స్థానిక ఎమ్మెల్యే హఫీజ్ ఖాన్ పై సోషల్ మీడియా లో లేని పోనీ దృష్ప్రచారం చేశారు.

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Posted by Hafeez Khan on Thursday, 23 April 2020

इस तरह से ये पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया पर इस तस्वीर से जुड़े दावे ग़लत हैं.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.