सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल है. वीडियो में अज़ान की आवाज़ सुनाई दे रही है और सड़क पर खड़े लोग इसका वीडियो रिकार्ड कर रहे हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि जर्मनी के बर्लिन में आसमान से अज़ान सुनाई दी. असल में इसे चमत्कार बताया जा रहा है. फ़ेसबुक यूज़र अनवर गौर ने ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
प्रार्थना का आह्वान जर्मनी के बर्लिन शहर में आसमान से आया। ईश्वर की शक्ति से आप देख सकते हैं कि वहां के मुसलमान और ब्रिटिश लोग प्रार्थना के इस अनदेखे आह्वान की आवाज और वहां के दृश्य का वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं। अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर अकबर माशाअल्लाह माशाअल्लाह
Posted by Anwar Gour on Tuesday, 14 December 2021
साल 2020 में फ़ेसबुक यूज़र मोहम्मद अख्तर खान ने ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया था. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
आसमान से अज़ान की आवाज आ रही है बर्लिन जर्मनी में अल्लाह हुअकबर अल्लाह हूअकबर
Posted by Mohd Akhtar Khan Khan on Wednesday, 8 April 2020
फ़ेसबुक पर ये वीडियो वायरल है. व्हाट्सऐप पर भी ये वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर पर भी इसकी असलियत जानने के लिए रीक्वेस्ट आयी हैं.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो को गौर से देखने पर ऑल्ट न्यूज़ ने कुछ बातें नोटिस की जैसे रंगबिरंगी इमारत. किसी इमारत या ऐसी कोई संरचना को गूगल लेंस की मदद से सर्च करने पर सटीक रिज़ल्ट मिलता है. इसीलिए हमने इस इमारत को गूगल लेंस पर सर्च किया.
गूगल लेंस पर सर्च करने से हमें कुछ लिंक्स मिले जिसमें ये इमारत जर्मनी में बर्लिन के Flughafenstraße स्ट्रीट की बताई गई है.
गूगल स्ट्रीट व्यू की मदद से हमें इस इमारत के बगल में मौजूद एक मस्जिद के बारे में मालूम चला. मस्जिद का नाम ‘दार-अस-सलम’ है. स्ट्रीट व्यू में मौजूद तस्वीर 2008 की है. फ़िलहाल इस इमारत का रंग बदल दिया गया है.
नीचे, तस्वीर में आप वायरल वीडियो और स्ट्रीट व्यू में दिख रही इमारत के बीच समानताएं देख सकते हैं. इनमें रंग के अलावा काफी समानताएं दिख रही हैं. और दोनों के बगल में मौजूद मस्जिद भी एक ही है.
आगे, वीडियो के बारे में सर्च करते हुए हमें रप्टली की वीडियो रिपोर्ट मिली. 5 अप्रैल 2020 को मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि जर्मनी में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में उल्लंघन के बाद मस्जिद की नमाज़ रोक दी गई थी. वीडियो में 21 सेकंड पर एक व्यक्ति गाते हुए दिख रहा है. यानी, वीडियो में अज़ान की आवाज़ आसमान से नहीं आ रही थी जैसा कि दावा किया गया था.
4 अप्रैल के रप्टली के आर्टिकल के मुताबिक, बर्लिन के दार-अस-सलम मस्जिद के बाहर करीब 300 लोग इकट्ठा हुए थे. लेकिन कोरोना के नियमों के उल्लंघन के चलते भीड़ को हटा दिया गया था.
कुल मिलाकर, जर्मनी में अप्रैल 2020 में मस्जिद में हो रही अज़ान सुनकर वहां काफ़ी लोग इकट्ठा हो गये थे. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि आसमान से अज़ान की आवाज़ सुनाई दी.
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