मोहम्मद रफ़ी का एक गाना सोशल मीडिया में इस दावे के साथ वायरल है कि यह गाना जो एक फ़िल्म का हिस्सा था, वह 50 साल पहले फ़िल्म से कटवा दिया गया था। इस गाने के साथ के कैप्शन में लिखा है, “पचास साल पहले इस गाने को सेंसर ने कटवा दिया था लेकिन क्यों? सुने मोहम्मद रफी की आवाज में यह गीत जो कभी रिलीज नहीं हो पाया सुन कर बताइये! क्या कारण रहे होंगे”।
पचास साल पहले इस गाने को सेंसर ने कटवा दिया था ! लेकिन क्यों?
सुने मोहम्मद रफी की आवाज में यह गीत जो कभी रिलीज नहीं हो पायासुन कर बताइये ! क्या कारण रहे होंगे
Posted by Syed Iftekhar Hussain Hussain on Friday, 1 March 2019
कुछ ट्विटर यूजर्स ने भी इसी कैप्शन के साथ यह गाना शेयर किया है।
पचास साल पहले इस गाने को सेंसर ने कटवा दिया था ! लेकिन क्यों?
सुने मोहम्मद रफी की आवाज में यह गीत जो कभी रिलीज नहीं हो पाया pic.twitter.com/svkLjiZ6Ud— Rao Karan Singh (@RaoKaranSingh4) February 28, 2019
फ़िल्म से इस गाने को हटाए जाने का यह दावा सोशल मीडिया में वायरल है।
इस गाने के साथ शेयर किया गया एक अन्य कैप्शन बतलाता है कि यह गाना तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था। यह कैप्शन कहता है, “कश्मीर है भारत का — इस गाने का पाकिस्तान ने विरोध किया था और रेडियो सीलोन से इस गाने को नहीं चलाने के लिए कहा गया था। हमारी कांग्रेस सरकार ने भी चुपचाप इस गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस व्यक्ति को सलाम जो इस गाने को अब यूट्यूब पर लाए।”
KASHMIR HAI BHARAT KA
this song was opposed by Pakistan & Radio Ceylon was told not to play this song. Our Congress govt. also quietly banned this song.Hats off to the person who now brought this song to YouTubehttps://t.co/RMV8oMEyFU via @YouTube
— Naiti Agarwal (@MissNobody72) March 4, 2019
तथ्य-जांच
सोशल मीडिया में वायरल गाना ‘जन्नत की है तस्वीर…’ 1966 में रिलीज हुई ‘जौहर इन कश्मीर‘ फ़िल्म का हिस्सा है। इस फ़िल्म की कहानी, भारत विभाजन के बाद, 1940 के दशक के लगभग अंतिम दिनों की है।
ऑल्ट न्यूज़ ने 1966 के भारत के राजपत्र (Gazette) का आर्काइव ढूंढा, जिसमें सूचना और प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड के कार्यालय आदेश शामिल हैं। जैसा कि नीचे दिए जा रहे इसके स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है, इस गाने में से केवल ‘हाजी पीर’ शब्दों को हटाने के लिए कहा गया था। उस कार्यालय आदेश में जिक्र की गई कुछ पंक्तियां, ऑनलाइन उपलब्ध गाने में नहीं हैं, जिससे संकेत मिलता है कि सेंसर बोर्ड के आदेश के बाद इसके बोल संशोधित किए गए थे।
विस्तार से जानकारी के लिए मोहम्मद रफ़ी के पुत्र, शाहिद रफ़ी से ऑल्ट न्यूज़ ने संपर्क किया। शाहिद रफ़ी ने ऑल्ट न्यूज़ को बतलाया, “उस गाने को सेंसर किया गया, पूरी तरह गलत है। इसे न प्रतिबंधित किया गया, न सेंसर किया गया।” उन्होंने आगे कहा, “अगर यह प्रतिबंधित हुआ था तो कैसे यह गाना फ़िल्म का हिस्सा रहा। “
इसलिए, सोशल मीडिया के दावे आधारहीन हैं। पुलवामा हमला और उसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावों के साथ ही सीमा के दोनों तरफ भ्रामक सूचनाएं बड़ी संख्या में प्रसारित हो रही हैं। सोशल मीडिया यूजर्स को अज्ञात स्रोतों के प्राप्त अप्रमाणिक सूचनाओं के लिए खुद से सत्यापन का अभ्यास रखना चाहिए।
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