न्यूयॉर्क टाइम्स के इन्टरनेशनल एडिसन में दिल्ली के सरकारी स्कूल की ख़बर छपने के बाद देश में सियासत गरमा गई है. ज्ञात हो कि न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर को ख़लीज़ टाइम्स ने रिपब्लिश किया है. कई भाजपा नेता और सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि खलीज़ टाइम्स अखबार में दिल्ली के सरकारी स्कूल के नाम पर छपी तस्वीर असल में एक प्राइवेट स्कूल मदर मैरी की है.

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ख़लीज़ टाइम्स और मदर मैरी स्कूल की वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा, “ये फ़ोटो दिल्ली के सरकारी स्कूल की नहीं बल्कि मयूर विहार के मदर मैरी स्कूल के बच्चों की हैं.” (आर्काइव लिंक) इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल और सिसोदिया पर देश और विदेश में झूठ बेचने का आरोप लगाया.

भाजपा नेता प्रवेश साहिब सिंह ने भी ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वीरेंद्र सिंधु ने भी मदर मैरी स्कूल के बच्चों की फ़ोटो ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

इसी प्रकार भाजपा कार्यकर्ता प्रीति गांधी, राकेश गोयल और सुमित भसीन समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी ऐसा ही दावा किया. राइट विंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट ऑपइंडिया हिंदी ने भी इन दावों के आधार पर एक आर्टिकल पब्लिश किया.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि ख़लीज़ टाइम्स में छपी तस्वीर 16 अगस्त 2022 को ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स‘ की वेबसाइट पर पब्लिश एक आर्टिकल में मौजूद है. इस तस्वीर के क्रेडिट लाइन में फोटोजर्नलिस्ट सौम्या खंडेलवाल का नाम है. गौर करें कि इसी आर्टिकल को खलीज़ टाइम्स ने 19 अगस्त को रिपब्लिश किया है.

आगे, हमने भाजपा नेता और सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा शेयर की जा रहीं अन्य तस्वीर से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने के लिए उसे गूगल पर रीवर्स इमेज सर्च किया. हमें ये तस्वीर मदर मैरी स्कूल, मयूर विहार की वेबसाइट पर मिली. जब हम इस स्कूल की वेबसाइट पर गए तो मालूम चला कि ये एक गर्ल्स स्कूल है. इसके अबाउट सेक्शन में साफ शब्दों में लिखा है, “मदर मैरी स्कूल एक लड़कियों का स्कूल है. हमारी दिल्ली में या बाहर कोई शाखा नहीं है. (Mother Mary’s School Is a Girls School. We Don’t Have Any Branch Either in Delhi or Outside.”) जबकि तस्वीर में दिख रहा है कि क्लास में लड़कियों की बगल वाले बेंच पर लड़के भी बैठे हैं. इस मुद्दे पर हमने मदर मैरी स्कूल के गार्ड से बात की, उन्होंने कन्फर्म किया कि ये गर्ल्स स्कूल है.

हमने खलीज़ टाइम्स में प्रकाशित तस्वीर और मदर मैरी स्कूल की वेबसाइट पर मौजूद छात्राओं की तस्वीरों का मिलान किया. जैसा कि आप नीचे तस्वीर में देख सकते हैं इनके ड्रेस में थोड़ा सा अंतर है. अखबार में प्रकाशित तस्वीर में छात्राओं की कॉलर का रंग उनकी कुर्ती से मेल खाता है, वहीं दूसरी ओर मदर मैरी स्कूल की छात्राओं के ड्रेस में उनके कॉलर का रंग उनकी कुर्ती के रंग से अलग है. या यूं कहें कि उनके कॉलर का रंग उनके कुर्ती से नहीं, बल्कि उनके जैकेट से मेल खाता है. दोनों ड्रेस में काफी अंतर है. दोनों स्कूलों की छात्राओं के ड्रेस के स्लीव्स में भी फर्क है.

अख़बार की तस्वीर को ज़ूम करके गौर से देखने पर मालूम चलता है ड्रेस के लोगो में स्कूल का नाम ‘सर्वोदय’ लिखा हुआ है. ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार राजधानी में 400 से अधिक सर्वोदय स्कूल चलाती है. हमें दिल्ली सरकार के एजुकेशन डिपार्टमेंट पर मौजूद 2018 का एक डॉक्यूमेंट मिला. इसमें सर्वोदय विद्यालय की लिस्ट में कुल 442 स्कूल हैं, जिनमें 70 से ज्यादा (Co-ed) विद्यालय हैं जिनमें लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ते हैं.

आम आदमी पार्टी की लीडर आतिशी मार्लेना ने एक ट्वीट में भाजपा नेता कपिल शर्मा को जवाब देते हुए कहा कि ये फ़ोटो सर्वोदय विद्यालय ककरोला का है. (आर्काइव लिंक)

इस तस्वीर को क्लिक करने वाली फ़ोटो जर्नलिस्ट सौम्या खंडेलवाल ने ‘दी लल्लनटॉप‘ से इस बात की पुष्टि की कि ये तस्वीर दिल्ली के काकरोला में मौजूद सर्वोदय विद्यालय की है. उन्होंने 5 जुलाई 2022 को अपने कैमरे में ये तस्वीर कैद की थी. तब वो न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए एक असाइनमेंट कर रही थीं. अब न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस तस्वीर को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया. इसके साथ ही सौम्या ने ‘दी लल्लनटॉप’ से इस तस्वीर का मेटाडाटा भी शेयर किया.

कुल मिलाकर, हमने पाया कि भाजपा नेताओं ने ख़लीज़ टाइम्स में छपी तस्वीर के साथ झूठा दावा किया कि वो मदर मैरी स्कूल की तस्वीर है. असल में वो तस्वीर दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जाने वाले सर्वोदय विद्यालय की है. मदर मैरी स्कूल एक गर्ल्स स्कूल है जबकि अख़बार में छपी तस्वीर में लड़के भी दिख रहे हैं.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).