राजस्थान के जालोर में कथित तौर पर दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल को एक शिक्षक ने पीटा. बच्चा कान की बीमारी से पीड़ित था, चोट लगने पर उसके कान की नस फट गई और कई दिनों तक इलाज चलने के बाद उसकी मौत हो गई. इस ख़बर के बाद से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें लोगों की भीड़ हाथ में बैनर और तिरंगा लिए नज़र आ रही है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि ये इन्द्र कुमार मेघवाल के अंतिम यात्रा का वीडियो है.

समता टुडे नाम के अकाउंट ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “इंद्र मेघवाल की अंतिम यात्रा.” (आर्काइव लिंक)

शैलेश वर्मा नाम के यूज़र ने भी इसी दावे के साथ वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव लिंक)

ट्विटर यूज़र ‘DK मूलनिवासी’ ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर जमकर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

हमने वायरल वीडियो के एक फ्रेम को यानडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें इस वीडियो का थंबनेल बेहतर रिज़ोल्यूशन में मिला जिसे आकाश निगम नाम के यूज़र ने इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था. लेकिन इस थंबनेल के सर्च इंजन पर इंडेक्स होने के बाद आकाश निगम ने अपना यूज़रनेम बदल लिया इसलिए इस तस्वीर के साथ का लिंक मौजूद नहीं है. हमें यहां से कोई जानकारी नहीं मिली, इसलिए हमने इंस्टाग्राम पर मेनुवली आकाश निगम नाम के अकाउंट्स को खंगाला. हमें ये वीडियो बेहतर रिज़ोल्यूशन में आकाश निगम नाम के बदले हुए यूज़रनेम वाले अकाउंट पर 11 अगस्त 2021 को अपलोड किया हुआ मिला. यानी, ये वीडियो इंद्र मेघवाल की शवयात्रा का नहीं हो सकता.

इस बेहतर रिज़ोल्यूशन वाले वीडियो को हमने इनविड टूल की मदद से कई फ़्रेम्स में तोड़ा. इसके एक फ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये वीडियो ‘Akhileshiyans‘ नाम के यूट्यूब चैनल पर 15 अगस्त 2020 को अपलोड मिला. इस वीडियो के टाइटल में लिखा है, “जौनपुर के शहीद जिलाजीत यादव की अंतिम विदाई पर उमड़ी हजारों की भीड़”.

इस जानकारी के आधार पर हमने यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च किये. हमें शहीद जिलाजीत यादव से जुड़े अलग-अलग ऐंगल से कई ऐसे वीडियोज़ मिले जिसमें उनके पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस से ले जाया जा रहा था. नीचे दिए गए विज़ुअल कम्पेरिज़न में इसे बेहतर समझा जा सकता है.

न्यूज़18 और पत्रिका पर प्रकाशित एक आर्टिकल के मुताबिक, 12 अगस्त 2020 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए एक आतंकी हमले में जौनपुर के जिलाजीत यादव शहीद हो गए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद के एक परिजन को सरकारी नौकरी और परिवार को 50 लाख की धनराशि सहायता स्वरूप देने का वादा किया था. हालांकि, 11 अगस्त 2022 को ज़ी न्यूज़ पर पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा परिवार को सहयोग राशि तो मिल गई लेकिन वादे के मुताबिक परिवार से किसी सदस्य को अबतक नौकरी नहीं मिली है.

कुल मिलाकर, 2020 में आतंकवादी हमले में शहीद हुए जिलाजीत यादव की अंतिम विदाई का वीडियो सोशल मीडिया यूज़र्स ने राजस्थान के दलित छात्र इन्द्र कुमार मेघवाल की अंतिम यात्रा का बताकर शेयर किया.

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