सोशल मीडिया पर वायरल एक दावे के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने ज़मीन में दफ़न लाशें निकालकर गंगा नदी में डालने के लिए नावेद आलम को गिरफ़्तार किया है. दावा किया जा रहा है कि नावेद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए ऐसा किया था. ये दावा अंग्रेज़ी और हिन्दी, दोनों भाषाओं में शेयर किया जा रहा है.
ट्विटर हैन्डल ‘@MJ_007Club’ द्वारा ट्वीट किये गए इस दावे को 500 रीट्वीट्स मिले हैं.
ट्विटर हैन्डल ‘@Vineetbhargava9’ और ‘@TheAbhishek_IND’ ने भी ये दावा ट्वीट किया है. ट्विटर हैन्डल ‘@agor1312’ ने लिखा है, “मुर्दा घर में पड़े लावारिस लाशों को पैसे देकर उठाया गया और नदियों में बहाया गया….दफन किए हुए शवों को खोदकर गंगा नदी में फेंकने वाले नावेद आलम को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. *टूलकिट*”. (आर्काइव लिंक)
नीचे फ़ेसबुक पर इस दावे को शेयर करने वाले पोस्ट्स शामिल हैं. इनमें से कुछ पोस्ट्स – ‘यूपी मुख्यमंत्री रिपोर्ट कार्ड’, ‘Narendra Modi for 2024 PM’ और ‘WE ARE WITH MODI JI’ के भी है.
व्हाट्सऐप पर भी ये दावा वायरल है. ऐसे दावों के फ़ैक्ट-चेक के लिए आप ऑल्ट न्यूज़ की मोबाइल ऐप (एंड्रॉइड, iOS) और व्हाट्सऐप नंबर (76000 11160) पर रीक्वेस्ट भेज सकते हैं.
फ़ैक्ट-चेक
मई के दूसरे सप्ताह में दैनिक भास्कर ने रिपोर्ट किया था कि उत्तर प्रदेश के कुछ ज़िलों में गंगा नदी के 1,140 किमी के किनारे से 2 हज़ार से ज़्यादा शव मिले हैं. और भी कई मीडिया संगठनों ने गंगा से शव बरामद होने की खबरें दी थीं जिसमें रॉइटर्स, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, मोजो स्टोरी और बीबीसी शामिल हैं.
ऑल्ट न्यूज़ ने दैनिक भास्कर के पत्रकार आदित्य तिवारी से बात की जिन्होंने ये स्टोरी लिखी की थी. उन्होंने कहा, “रिपोर्ट में हमने बताया है कि 1,140 किमी के क्षेत्रफल में 2 हज़ार से ज़्यादा शव मिले थे. जितनी मेरी जानकारी है, 24 मई तक यूपी पुलिस ने किसी नावेद आलम नाम के व्यक्ति को गंगा में शव फेंकने के लिए गिरफ़्तार नहीं किया.”
इसके अलावा, सोशल मीडिया के दावों की पुष्टि करने वाली कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस के नावेद आलम को गिरफ़्तार करने की बात बताई गई हो.
स्काइ न्यूज़ ने हाल ही में गंगा नदी किनारे की ड्रोन फुटेज ट्वीट की थी जिसमें नदी किनारों के आसपास दफ़न की गई लाशें दिखती हैं.
Drone footage shows hundreds of graves along the banks of the River Ganges in India. Many of those buried are thought to have died from #COVID19.
Get more news from around the world: https://t.co/pmROrmQ7e7 pic.twitter.com/ouln46gl1z
— Sky News (@SkyNews) May 22, 2021
ऑल्ट न्यूज ने यूपी के कानून और व्यवस्था के अतिरिक्त पुलिस महानिर्देशक प्रशांत कुमार से फ़ोन और ट्विटर पर संपर्क किया था. उनकी ओर से प्रतिक्रिया मिलने पर ये आर्टिकल अपडेट किया जाएगा.
सबसे पहले ये दावा किसने शेयर किया?
कई यूज़र्स सनातनी ठाकुर के इस दावे वाले ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं. ये ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया है. कई यूज़र्स ने सनातनी से इस दावे के सोर्स के बारे में भी पूछा है.
Unbelievable!!
Can you please share the source— Sriram (@ScientistMughal) May 22, 2021
सोशल मीडिया को मॉनिटर करने वाले टूल क्राउडटैंगल (CrowdTangle) की मदद से हम सनातनी के ट्वीट वाले पोस्ट्स ढूंढ पाए जो 21 मई को फ़ेसबुक पर सुबह 11 बजकर 1 मिनट के बाद पोस्ट किये गए थे. हमें इस झूठे दावे को शेयर करने का सबसे पहला उदाहरण यही मिला है.
इस तरह, इस बात की पुष्टि होती है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने गंगा में शव फेंकने के आरोप में किसी नावेद आलम को गिरफ़्तार नहीं किया है.
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