18 मई को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी महामारी से राजनीतिक लाभ हासिल करने का प्लान बना रही है. ऐसा कहने वालों के मुताबिक़, ये कथित प्लान एक टूलकिट के रूप में था जिसमें देश की छवि खराब करने, COVID वॉलंटियरिज्म को PR और मार्केटिंग ऐक्टिविटी के तौर पर इस्तेमाल करने और ‘मोदी स्ट्रैन’ जैसे शब्दों का प्रयोग कर प्रधानमंत्री को बदनाम करने की बात बताई है. 19 मई के आर्टिकल में ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे ये टूलकिट जाली लेटरहेड पर बनाई गयी थी.
इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि कैसे भाजपा नेताओं के कांग्रेस की कथित टूलकिट शेयर करने के 10 दिन पहले ही एक BJP समर्थक ट्विटर हैंडल ने इसके बारे में बात की थी.
लेकिन इस मामले की तह तक पहुंचने से पहले हम ये समझ लें कि ‘टूलकिट’ विवाद आखिर है क्या-
‘टूलकिट’ विवाद
18 मई को सुबह 10 बजकर 1 मिनट पर ट्विटर हैन्डल ‘टीम भारत’ (@teambharat_) ने दो दस्तावेज़ों के 4 स्क्रीनशॉट्स शेयर किये.
पहले 2 स्क्रीनशॉट्स एक कथित डॉक्युमेंट के थे जिसका टाइटल है – “COVID मैनेजमेंट पर नरेंद्र मोदी और भाजपा को दरकिनार करना”. इस आर्टिकल में इस डॉक्युमेंट को ‘टूलकिट’ के तौर पर संबोधित किया जाएगा. यही वो डॉक्युमेंट है जिसने विवाद पैदा किया है. दूसरे स्क्रीनशॉट्स के डॉक्युमेंट का टाइटल है – “सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास: महामारी के बीच मतलबी प्रोजेक्ट”. इस आर्टिकल में दूसरे डॉक्युमेंट को ‘विस्टा डॉक्युमेंट’ कहा जाएगा.
BIG EXPOSE: CONGRESS TOOLKIT
The real face of the congress party stands exposed. #CongressToolkitExposed pic.twitter.com/rA4IgWgunf
— TEAM BHARAT (@TeamBharat_) May 18, 2021
19 मई की सुबह भाजपा नेताओं ने इन 2 डॉक्युमेंट में से एक की फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ शेयर करना शुरू कर दिया. नीचे स्क्रीनशॉट के मुताबिक, फ़ाइल का नाम है ‘Central_Vista_Vanity_Project_AICC_Research_1_.pdf’. दावा किया गया कि ये फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ ‘विस्टा’ डॉक्युमेंट की है. जबकि ‘विस्टा’ डॉक्युमेंट के सिर्फ़ 4 ही स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किये गए हैं लेकिन फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ में डॉक्युमेंट के 6 पेज बताए गए हैं. यहां गौर करें कि ये स्क्रीनशॉट कई भाजपा नेताओं ने शेयर किये हैं.
भाजपा ने दावा किया कि ‘विस्टा’ और ‘टूलकिट’, दोनों डॉक्युमेंट्स कांग्रेस ने बनाए हैं. आर्टिकल लिखे जाने तक ऑल्ट न्यूज़ की प्रारम्भिक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट को 4 दिन और भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर इन स्क्रीनशॉट को शेयर करने के 5 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक भाजपा में से किसी ने भी अपने दावे को साबित करने के लिए ‘टूलकिट’ का मूल डॉक्युमेंट शेयर नहीं किया है. मूल डॉक्युमेंट की फ़ॉरेंसिक जांच से ही ‘टूलकिट’ डॉक्युमेंट की प्रामाणिकता साबित हो सकती है.
फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ का स्क्रीनशॉट सबसे पहले किसने शेयर किया था?
कथित ‘टूलकिट’ के स्क्रीनशॉट्स सबसे पहले ‘टीम भारत’ ने शेयर किये थे लेकिन उसने ‘विस्टा’ डॉक्युमेंट की फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ सबसे पहले शेयर नहीं की है.
‘टीम भारत’ ने 19 मई को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ का स्क्रीनशॉट शेयर किया था लेकिन इससे पहले भी कई यूज़र्स इसे शेयर कर चुके थे. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर ये स्क्रीनशॉट शेयर किया था.
फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ को उस कम्प्यूटर पर देखा जा सकता है जिसपर वो फ़ाइल मौजूद हो. ‘टीम भारत’ ने सबसे पहले इस कथित टूलकिट के बारे में ट्वीट किया था, लेकिन इस हैंडल ने फ़ाइल प्रॉपर्टी का स्क्रीनशॉट सबसे पहले नहीं शेयर किया और यही एक बात ये सवाल खड़ा करती है कि कहीं इस हैंडल को इस कथित खुलासे के लिए इस्तेमाल तो नहीं किया गया.
ट्विटर अडवांस सर्च के ज़रिए ऑल्ट न्यूज़ ने ये पता लगाया कि ये स्क्रीनशॉट सबसे पहले ट्विटर हैन्डल ‘मोदी भरोसा’ ने 9 बजकर 41 मिनट पर ट्वीट किया था.
Who has created a toolkit for Congress?
Ans: Saumya VarmaWho is Saumya Varma?
Ans: Political Researcher- Office of Rajeev Gowda at AICC Research DeptWho is RajeevGowda?
Ans: Ex-MP & national spokesperson- CongressSaumya ➡️Rajeev Gowda ➡️Congress#CongressToolkitExposed pic.twitter.com/biYWSzsd1l
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) May 19, 2021
ट्विटर अकाउंट ‘मोदी भरोसा’ कौन चलाता है?
‘मोदी भरोसा’ पोर्टल तब सुर्खियों में आया था जब फ़ेसबुक पॉलिसी हेड शिवनाथ ठुकराल के इस वेबसाइट से जुड़े होने की बात सामने आयी थी. ये पोर्टल साल 2014 के पहले से ऐक्टिव है और नरेंद्र मोदी एवं भाजपा को प्रमोट करता है. ‘मोदी भरोसा’ का संचालन पहले अनुज गुप्ता करते थे जो लिंक्ड-इन पर खुद को मिनिस्टर ऑफ़ रेलवे का OSD (ऑफ़िसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बताते हैं.
I dnt know who runs it, but its factual & informative -> @MeraBharosa
— Shailendra Singh (@shaksingh) October 29, 2013
आखिरी जानकारी (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, मोदी भरोसा को झंकृत ओझा चलाते हैं. उनके ट्विटर बायो में लिखा है – भारत सरकार के साथ काम करने वाले डिजिटल मीडिया और PR रणनीतिकार.
मोदी भरोसा ने ‘टूलकिट’ के बारे में 10 दिन पहले ही जानकारी दी थी
मोदी भरोसा ने ही सबसे पहले फ़ाइल प्रॉपर्टिज़ का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किया था. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उसके पास इस ‘टूलकिट’ का मूल वर्ज़न होगा. उन्हें शायद ये स्क्रीनशॉट किसी और सोर्स से मिला हो.
मोदी भरोसा हैन्डल के और भी ट्वीट्स का विश्लेषण करने पर एक और जाने-माने शख्स का नाम सामने आया. ऑल्ट न्यूज़ को 8 मई का एक ट्वीट मिला जो किसान प्रदर्शन के दौरान इस ‘टूलकिट’ के बारे में बताने वाला ट्वीट थ्रेड था. इसमें बताया गया है कि कैसे ऐसे ही ईकोसिस्टम ने ऐसी ही ‘टूलकिट’ के ज़रिए प्रधानमंत्री को महामारी के दौरान बदनाम करने की कोशिश की.
Have you remembered the ‘toolkit’ during Farmer’s protest & how anti India lobby worked worldwide? Now, when India is facing the pandemic, the same ecosystem is ready with new ‘toolkit’
Modi’s Rally, Kumbh & other Hindu Festivals (1/n) pic.twitter.com/T2zMtnGKbg
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) May 8, 2021
हमें ऐसी कई चीज़ें थ्रेड में देखने को मिलीं जो कांग्रेस की बताकर शेयर की जा रही ‘टूलकिट’ में भी शामिल हैं. इसके स्क्रीनशॉट इस थ्रेड के 10 दिन बाद शेयर किये गए थे. 18 मई को सामने आई ‘टूलकिट’ और 8 मई के मोदी भरोसा के थ्रेड की तुलना नीचे है:
‘सुपर स्प्रेडर कुम्भ’
‘टूलकिट’ में बताया गया है कि कुम्भ को कांग्रेस वॉलंटियर्स द्वारा हाईलाइट किया जाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि ‘सुपर स्प्रेडर कुम्भ’ शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए. इसमें लिखा है, “धर्म पर राजनीति करना और सुपर स्प्रेडर कुम्भ को अनुमति देना. विदेशी मीडिया ने पहले ही इसके बारे में बताया है”. 8 मई को मोदी भरोसा ने 4 विदेशी मीडिया की रिपोर्ट्स के स्क्रीनशॉट्स शेयर किये थे. इससे मिलती-जुलती बात 18 मई की ‘टूलकिट’ में भी शामिल है.
पॉइंट 1-c में, ‘टूलकिट’ में बताया गया है कि कैसे सबको सिर्फ़ कुम्भ पर ध्यान केंद्रित करना है, और कैसे ईद पर जमा हुई भीड़ के मुद्दे को नज़रंदाज़ करना है. टूलकिट के रिलीज़ होने के 4 दिन पहले, मोदी भरोसा ने भी यही वाक्य ट्वीट किया था.
प्रधानमंत्री मोदी की छवि
इस टूलकिट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री की रेटिंग इस महामारी के दौरान कितनी अच्छी है और उनकी लोकप्रियता को कैसे खत्म किया जाए, इस बारे में कुछ रणनीति बताई गयी हैं. शुरुआती कदम के तौर पर, विदेशी पत्रकारों और भारतीय ऑप-एड लेखकों से संपर्क करने को कहा है. 8 मई के मोदी भरोसा के ट्वीट में विदेशी मीडिया के ओपिनियन आर्टिकल्स के स्क्रीनशॉट्स शेयर किये गए हैं जिसमें महामारी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को ज़िम्मेदार बताया है.
प्रधानमंत्री मोदी की छवि वाले सेक्शन में बताया गया है कि अंतिम संस्कार और शवों की विचलित करने वाली तस्वीरें इस्तेमाल करें जो विदेशी मीडिया पहले से ही कर रहा था. 8 मई को मोदी भरोसा ने भी विदेशी मीडिया द्वारा शेयर की गई ऐसी तस्वीरें ट्वीट की है.
‘भारतीय वेरिएंट’
प्रधानमंत्री मोदी की छवि पर निशाना साधने के लिए ‘टूलकिट’ में ‘भारतीय स्ट्रेन’ और ‘मोदी स्ट्रेन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने को कहा है. ‘टूलकिट’ के रिलीज़ होने के 2 दिन बाद 12 मई को मोदी भरोसा ने ट्वीट करते हुए मीडिया संगठनों के B.1.617 वेरिएंट को ‘इंडिया वेरिएंट’कहने पर आलोचना की थी.
12 मई के एक और ट्वीट में भी इंडियन वेरिएंट की बात कही है.
PM केयर्स फंड
‘टूलकिट’ में एक पूरा सेक्शन PM केयर्स फ़ंड को दिया गया है और कैसे ये एक अपारदर्शी प्राइवेट ट्रस्ट है. 8 मई के मोदी भरोसा के ट्वीट में भी ऐसी ही बात कही गई थी जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
सेंट्रल विस्टा
‘टूलकिट’ के एक और सेक्शन में सिर्फ़ सेंट्रल विस्टा पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट की बात बताई गई है. 8 मई को मोदी भरोसा ने भी ट्वीट करते हुए इस प्रोजेक्ट के निशाने पर होने की बात कही थी और इसके 10 दिन बाद ‘टूलकिट’ में भी कांग्रेस सदस्यों को इस प्रोजेक्ट पर निशाना साधने को कहा है.
ऑल्ट न्यूज़ ने मोदी भरोसा की टीम से AICC के सेंट्रल विस्टा डॉक्युमेंट की फ़ाइल प्रॉपर्टीज़ का स्क्रीनशॉट शेयर करने और इस हैन्डल के 8 मई के ट्वीट थ्रेड में बताई गई बातें और इसके 10 बाद रिलीज़ हुए ‘टूलकिट’ स्क्रीनशॉट्स में दिखी समानताओं के बारे में बयान लेने के लिए संपर्क किया था. लेकिन हमें अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है. उनकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया मिलने पर ये आर्टिकल अपडेट किया जाएगा.
भाजपा नेताओं ने आर्टिकल लिखे जाने तक ‘टूलकिट’ का मूल डॉक्युमेंट शेयर नहीं किया है जो इस टूलकिट पर कई सवाल खड़े करता है. इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ‘टूलकिट’ का लेटरहेड ‘विस्टा’ डॉक्युमेंट से मैच नहीं करता है जो कि इसे बनावटी करार देता है. 21 मई को ट्विटर ने इस ‘टूलकिट’ के स्क्रीनशॉट्स शेयर करने वाले भाजपा नेताओं और समर्थनों के ट्वीट्स पर ‘manipulated media’ टैग लगाया था.
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