किसानों के लगातार हो रहे प्रदर्शन के बाद पूरी दुनिया की नज़रें भारत पर हैं. खासकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर सबकी नज़रें टिकीं हैं कि आगे क्या फ़ैसला लिया जाएगा. इसी बीच ये मुद्दा विदेशी मीडिया में भी जगह बना चुका है. अंतर्राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स प्रदर्शन और इन्टरनेट सेवाएं बंद किये जाने के बारे में लिख रहे हैं.
हाल ही में सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी के बारे में एक तथाकथित आर्टिकल शेयर किया गया. दावे के शुरुआत में ही बताया गया है कि ये आर्टिकल द न्यू यॉर्क टाइम्स के एडिटर इन चीफ़ जोसेफ़ होप ने लिखा है. नीचे उस पूरे टेक्स्ट का स्क्रीनशॉट है.
ट्विटर यूज़र @angshguds ने 29 जनवरी को एक ट्विटर थ्रेड में ये दावा किया जिसे अबतक 650 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं.
फ़र्ज़ी आर्टिकल
इस टेक्स्ट की पहली लाइन में ही लिखा है कि इसे द न्यू यॉर्क टाइम्स के एडिटर जोसेफ होप ने लिखी है. लेकिन द न्यू यॉर्क टाइम्स के एडिटर डीन बेकेट हैं. टाइम्स की वेबसाइट खंगालने पर भी हमें उनके कर्मचारियों की सूची में किसी जोसेफ़ होप का नाम नहीं मिला.
इसके बाद पूरा मेसेज अजीबो-गरीब ढंग से लिखा है. प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ के पुल बांधे गए हैं. ये अपने आप में संदेहास्पद है कि कोई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया मोदी के लिए ये सब कहे. हर वाक्य व्याकरण और विराम चिन्हों की गलतियों से भरा है. ये लगभग नामुमकिन है कि इतने बड़े अख़बार के एडिटर इन चीफ़ ऐसी मामूली गलतियां करे. हमने नीचे उन वाक्यों को चिह्नित किया है जिनमें व्याकरण से जुड़ी गलतियां हैं.
ऑल्ट न्यूज़ ने द न्यू यॉर्क टाइम्स की कम्युनिकेशंस हेड ऐरी आइज़ैकमैन से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि न्यू यॉर्क टाइम्स ने ऐसा कोई आर्टिकल नरेंद्र मोदी के बारे में नहीं लिखा है. और न ही न्यू यॉर्क टाइम्स में कोई जोसेफ़ होप नाम का व्यक्ति है.
इसके अलावा, न्यू यॉर्क टाइम्स कम्युनिकेशंस के ट्विटर हैंडल पर भी सूचित किया गया है कि ये वायरल दावा फ़र्ज़ी है. ट्वीट में बताया गया, “भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और द न्यू यॉर्क टाइम्स के बारे में एक ग़लत दावा वायरल है. इसे फ़ैक्ट-चेक किया जा चुका है. ये सच नहीं है.” साथ ही कहा गया है कि जोसेफ होप नाम का कोई भी व्यक्ति द न्यू यॉर्क टाइम्स में नहीं है.
A false claim circulating in India related to Prime Minister Narendra Modi and The New York Times has been fact-checked; it is not true. https://t.co/wh8J0ll570 pic.twitter.com/UY3l7r0QLj
— NYTimes Communications (@NYTimesPR) January 30, 2021
यानी, न ही द न्यू यॉर्क टाइम्स ने भारत के प्रधानमंत्री की प्रशंसा में कोई आर्टिकल लिखा है और न ही वहां जोसेफ़ होप नाम का कोई एडिटर है. वायरल दावा फ़र्ज़ी है.
फ़र्ज़ी पत्रकारों की फ़र्ज़ी कहानी से लेकर किसानों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले BJP वर्कर्स की असलियत तक
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