इंडिया टुडे के न्यूज़ डायरेक्टर राहुल कंवल ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने संकेत दिया है कि अमेरिका में तैयार की जा रही COVID-19 की वैक्सीन भारत को पहले मिल सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी Hydroxychloroquine (HCQ) की ‘रिक्वेस्ट’ मान ली थी. कंवल ने इस दावे के लिए फ़ॉक्स न्यूज़ के एक इंटरव्यू को सोर्स के रूप में इस्तेमाल किया.

कंवल का दावा राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा इस्तेमाल किये गए शब्द ‘retaliation’ से उपजे विवाद के बाद आया, जो उन्होंने भारत द्वारा HCQ के निर्यात पर बैन लगने के बाद कहा था.

भारत ने 4 अप्रैल को HCQ का निर्यात ‘बिना किसी अपवाद के’ पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, भारत ने 6 अप्रैल को अपना निर्णय बदला और ‘महामारी के समय मानवीयता के तहत’ अपने पड़ोसियों को HCQ और पैरासिटामॉल देने को राज़ी हुआ.

फैक्ट चेक: कंवल का COVID-19 की वैक्सीन भारत को पहले मिलने का दावा

ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ॉक्स न्यूज़ पर ट्रम्प और हैनिटी के फ़ोन इंटरव्यू को सुना जिसमें भारत को पहले वैक्सीन देने का कोई ज़िक्र नहीं मिला.

वीडियो में 8.35 पर ट्रम्प कहते सुने जा सकते हैं “मैंने (HCQ) के मिलियन्स डोज़ खरीदे हैं. मैंने पीएम मोदी से बात की है, इसका बड़ा हिस्सा भारत से आ रहा है. मैंने उनसे कहा क्या वो भेज सकते हैं? वह वाकई में अच्छे थे. उन्होंने रोका था क्योंकि वे इसे भारत के लिए चाहते थे. लेकिन इससे बहुत सारी अच्छी चीजें हो रही हैं.”

“बहुत सारे लोग इस तरफ देख रहे हैं और बोल रहे हैं, आपको पता है मैं बुरी बातें नहीं सुनता, अच्छी सुनता हूं. जहां मौत का मसला आता है वहां मैं कुछ नहीं सुनता, इसलिए यह वैसा नहीं है.” वे वैक्सीन के बारे में बात करना जारी रखते हैं “हम वैक्सीन बना रहे हैं. जॉनसन एन्ड जॉनसन को इसका टेस्ट करना है. जब आप टीके लगाते हैं, जब आप वैक्सीन के लाखों शॉट्स देते हैं तब यह सुरक्षित होता है. लेकिन यह (HCQ) मार्केट में दशकों से है. इसने अच्छा काम किया है. ऐसा पाया गया है ऐसे देशों जहां लोग यह (HCQ) ले रहे हैं, जैसे मलेरिया ग्रस्त देशों में इसका (कोरोना वायरस) का असर नहीं हुआ है.

यह ध्यान में रखने लायक है कि ट्रम्प द्वारा भारत को पहले वैक्सीन मिलने की बात को बड़ी मीडिया कवरेज मिली. हालांकि, इंडिया टुडे ने इस ‘खबर’ को कवर नहीं किया.

निराधार दावे

भारत द्वारा HCQ के निर्यात से बैन हटाने और अमेरिका को सप्लाई करने के फैसले के बाद पीएम मोदी के समर्थकों की तरफ से इसके सकारात्मक नतीजों वाले कई निराधार दावे सामने आए.

ट्विटर यूज़र ऋषि बागरी ने ट्वीट किया कि दवा के बदले अमेरिका ने भारतीय फ़ार्मा कंपनियों को पूरा एक्सेस दे दिया है और US FDA ने हर तरह के बैन हटा लिए हैं. यह ट्वीट 12 हजार से ज़्यादा बार शेयर किया गया और 35 हजार से ज़्यादा बार लाइक किया गया है.

हालांकि बागरी को कई मौकों पर झूठी जानकारी फैलाने वाले के रूप में जाना जाता है और कहने की जरूरत नहीं कि इस बार भी उनके दावे का कोई सबूत या मीडिया रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है.

यह आर्टिकल लिखे जाने तक कंवल के ट्वीट को 5.4 हजार रिट्वीट और 24 हजार लाइक्स मिल चुके हैं. कई ट्विटर यूज़र्स ने पत्रकार से पूछा है कि किस पॉइंट पर ट्रम्प ने भारत को COVID-19 वैक्सीन पहले मिलने की बात कही है, उनका कंवल ने न तो जवाब दिया है, न ही कोई स्पष्टीकरण दिया है.

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