सोशल मीडिया में बच्चों को अगवा करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की झूठी अफवाहों के परिणामस्वरूप देश भर में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं हो रही हैं। पश्चिम बंगाल में एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को बच्चा-चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला गया। मध्य प्रदेश में ऐसी हिंसा के कम से कम 15 अलग-अलग मामले सामने आए हैं। राज्य में तीन कांग्रेसी नेताओं को अपहरणकर्ता के संदेह में पीटा गया है। ऐसे ही आरोपों के कारण बिहार में दो महिलाओं को स्थानीय लोगों ने पीट दिया।
बच्चों के अपहरण की अफवाहों के कारण पिछले साल कम से कम 30 लोग मॉब लिंचिंग के कारण मारे गए थे। कई व्यक्तियों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर बीना सोचे-समझे वीडियो और तस्वीरें साझा करने से इन अनियंत्रित भ्रामक सूचनाओं पर लोग फिर से विश्वास करने लगे हैं।
1. वीडियो: मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति पर बच्चा चोरी का झूठा आरोप
एक व्यक्ति जो साफ तौर पर मानसिक रूप से बीमार लग रहा है, उसका वीडियो इस दावे के साथ सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के लारांकेलो में मानव अंगों का व्यापार करने वाला एक गिरोह पकड़ा गया। दावा किया गया है कि गिरफ्तार सदस्यों ने खुलासा किया कि उनका 500 लोगों का गिरोह है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, और ये 15-20 के समूहों में विभाजित हो कर काम करते हैं। इस संदेश में लोगों से आग्रह किया गया है कि यदि आधी रात को बच्चे के रोने की आवाज सुनें तो वे अपने दरवाजे न खोलें।
आज तक मे अफवाह मान रहा था लेकिन जब रियल वीडियो देखा तो विश्वास हुआ बच्चा चौर का ।
आखिर प्रशासन का ध्यान इस तरफ क्यो नही जा रहा हे ।
हमारे मालवा क्षेत्र मे बहुत लोग सहमे हुये हे।
यह सच हे या नही इसकी जाँच प्रशासन को करनी चाहिये । pic.twitter.com/tGKbZxcIq4— O.P.Sharma Dipavat (@opsharm39653533) July 20, 2019
उपर्युक्त दावे के साथ सबसे अधिक साझा किया गया संदेश इस प्रकार है – “अलर्ट Ambala, Yamunanagar, kurukshetra, Karnal, Panipat ख़ासकर घरेलू महिलाओं से अनुरोध है किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला फेरी वाला बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो उसके लिए दरवाज़ा ना खोले ना ही कोई बात करे बस हल्ला करके भगा दें। ग़लती से भी ये शब्द ना कहे । “अभी घर में कोई नही है बाद में आना या चले जाओ “ घर में अगर कुत्ता है तो उसे खोल दो उसी टाइम और मेन गेट मत खोलो। अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखिए । सतर्क रहें। सुरक्षित रहें । Larankello से आज खबर मिली है की भिखारी के बेस में पांच सौ लोग निकले है जो रास्ते में जो मिलता है उसको काटकर कलेजे अौर कीडनी निकाल रहे है जिसमे से छः सात लोग पकड़े गाए है .जो पकडे़ गए हैं वही लोग को कडी़ पुछताच के बाद पांच सौ लोग आने की बात कबुल की है इसलिए हमारे भाईयों मेसेज को आपके जितने परिवार और मेंबर है सबको फाॅरवर्ड कीजिए: कृप्या सावधान रहे 15 से 20 लोगों की टोली आई है उनके साथ बच्चे और महीलांए हैं और उनके पास हथियार भी हैं और और आधी रात को किसी भी वक्त आते हैं और बच्चे के रोने की आवाज आती है कृपया दरवाजा ना खोले प्लीज ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में से शेयर करें पूरे एरिया में 2 से 3 दिन के अंदर फेल जाना चाहिए। अपनी सूरक्षा अपने हाथ, सावधान रहे, जनहित मे जारी”।
इस वीडियो में मानसिक रूप से बीमार एक व्यक्ति को देखा जा सकता है जिसे बच्चों का अपहरणकर्ता होने के झूठे आरोपों में मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थानीय लोगों द्वारा प्रताड़ित किया गया था। मंडीदीप पुलिस स्टेशन के एसएचओ राजेश मिश्रा ने यह वीडियो देखा और ऑल्ट न्यूज़ को इस बात की पुष्टि की कि उपयुक्त घटना उनके क्षेत्र में हुई थी। उन्होंने बताया, “यह घटना सरकिया गांव में हुई। यह कम से कम 10-12 दिन पहले हुई थी। हमने उस व्यक्ति की पहचान कर ली थी और बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले को लेकर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। वह मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति था। उसने किसी बच्चे का अपहरण नहीं किया था। वे लोग उससे सवाल पूछ रहे थे और वह कुछ भी जवाब दे रहा था।”
इस गलत सूचना को खारिज करने वाली ऑल्ट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट यहाँ पर पढ़ी जा सकती है।
2. मप्र में गिरफ्तार सेक्स रैकेट गिरोह की तस्वीर, बच्चा चोरी की अफवाहों से साझा
लोगों का एक समूह जिसमें महिला और पुरुष दोनों दिखाई दे रहे हैं, उसके पीछे खड़े पुलिसकर्मियों की एक तस्वीर इस दावे के साथ सोशल मीडिया में साझा की जा रही है कि मध्य प्रदेश में पुलिस ने बच्चा उठाने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया, जो 17-18 साल के बच्चों का अपहरण करते हैं। इस संदेश में चेतावनी दी गई है कि स्कूलों के बाहर से बच्चों को उठाने के लिए ऐसे 500 से 2000 लोग ताक में हैं।
इस तस्वीर के साथ प्रसारित पूरा संदेश इस प्रकार है- “सावधान मध्यप्रदेश में 500से 2000 लोगों की अलग अलग रोहिग्या मुस्लिमो की टोली आई है उनके साथ महिलाएं और उनके पास हथियार भी है और वो 17 या 18 साल तक के लड़कों को पकड़ के ले जाते है स्कूल के आस पास से .. इसको आप सारे ग्रुप में शेयर करें। भोपाल पुलिस C.S.P.Send to all group plz,”
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि तस्वीर बच्चा चोरी की घटना से संबंधित नहीं थी। पुलिसकर्मियों के साथ दिख रहे लोग कथित रूप से एक सेक्स रैकेट गिरोह के सदस्य थे। उन्हें मध्यप्रदेश में लेबाड़-नयागांव फोर-लेन रोड स्थित एक रेडलाइट एरिया से गिरफ्तार किया गया था। 15 जुलाई को पत्रिका ने इस घटना की रिपोर्ट की थी।
इस गलत सूचना को खारिज करने के बारे में ऑल्ट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट यहाँ पर पढ़ी जा सकती है।
3. ब्राजील में हुए दंगे का पुराना वीडियो, रोहिंग्या मुस्लिम गिरोह के रूप में साझा
एक कमरे में रखे शवों को दिखाने वाला एक वीडियो व्हाट्सएप पर इस दावे के साथ चल रहा है कि छोटे-छोटे समूहों में बंटे 500 से 2000 रोहिंग्या मुसलमान मध्यप्रदेश में 17 और 18 साल की उम्र के बच्चों को उठाने की ताक में हैं। इस संदेश से पता चलता है कि ये गिरोह सशस्त्र हैं और वे स्कूलों के बाहर से बच्चों को उठाते हैं। यह वीडियो यहां देखा जा सकता है।
इस वीडियो के साथ साझा किया गया संदेश यह है, “सावधान मध्यप्रदेश में 500से 2000 लोगों की अलग अलग रोहिग्या मुस्लिमो की टोली आई है उनके साथ महिलाएं और उनके पास हथियार भी है और वो 17 या 18 साल तक के लड़कों को पकड़ के ले जाते है स्कूल के आस पास से .. इसको आप सारे ग्रुप में शेयर करें।भोपाल पुलिस C.S.P. Send to all group plz.”
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की जून में पड़ताल की थी, जब यह झूठे दावे के साथ वायरल हुआ था कि बिहार से झारखंड जाने वाले अंग तस्कर शरीर के अंगों को बेचने के लिए निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे थे।
यह वीडियो में वास्तव में दंगों को दिखलाता है जो 14 जनवरी, 2017 को ब्राजील की अल्कजुज़ जेल में हुआ था।
इस गलत सूचना की तथ्य जांच के बारे में ऑल्ट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट यहाँ पढ़ी जा सकती है।
4. बच्चा चोरी की अफवाहों को बढ़ावा देता पिता-पुत्र का एक वीडियो
सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित एक वीडियो में, पिता-पुत्र को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कुछ बदमाशों ने उनके बेटे का अपहरण करने का प्रयास किया था। यह वीडियो, हिमाचल प्रदेश के लारांकेलो में, मानव अंगों के व्यापारियों को बच्चों को अगवा करने वाले गिरोह के गिरफ्तार किए जाने के दावे के साथ प्रसारित किया जा रहा है। इस संदेश में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया कि उनका 500 लोगों का एक समूह हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, और ये 15-20 के समूहों में काम करते हैं। इस संदेश में लोगों से आग्रह किया गया है कि यदि आधी रात को बच्चे के रोने की आवाज सुनें तो वे अपने दरवाजे न खोलें। इस संदेश में हरियाणा के शहरों अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत में अलर्ट जारी करने का प्रयास किया गया है।
अलर्ट Ambala, Yamunanagar, kurukshetra, Karnal, Panipat
ख़ासकर घरेलू महिलाओं से अनुरोध है किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला फेरी वाला बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो उसके लिए दरवाज़ा ना खोलेना ही कोई बात करे बस हल्ला करके भगा दें।
ग़लती से भी ये शब्द ना कहे ।
“अभी घर में कोई नही है बाद में आना या
चले जाओ “घर में अगर कुत्ता है तो उसे खोल दो उसी टाइम और मेन गेट मत खोलो ।
अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखिए ।
सतर्क रहें। सुरक्षित रहें ।
Larankello से आज खबर मिली है की भिखारी के बेस में पांच सौ लोग निकले है जो रास्ते में जो मिलता है उसको काटकर कलेजे अौर कीडनी निकाल रहे है जिसमे से छः सात लोग पकड़े गाए है .जो पकडे़ गए हैं वही लोग को कडी़ पुछताच के बाद पांच सौ लोग आने की बात कबुल की है इसलिए हमारे भाईयों मेसेज को आपके जितने परिवार और मेंबर है सबको फाॅरवर्ड कीजिए: कृप्या सावधान रहे 15 से 20 लोगों की टोली आई है उनके साथ बच्चे और महीलांए हैं और उनके पास हथियार भी हैं और और आधी रात को किसी भी वक्त आते हैं और बच्चे के रोने की आवाज आती है कृपया दरवाजा ना खोले प्लीज ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में से शेयर करें पूरे एरिया में 2 से 3 दिन के अंदर फेल जाना चाहिए। अपनी सूरक्षा अपने हाथ, सावधान रहे, जनहित मे जारी🙏🏼Posted by K.S. Tyagi on Thursday, 25 July 2019
वायरल मैसेज में लिखा है- “अलर्ट Ambala, Yamunanagar, kurukshetra, Karnal, Panipat ख़ासकर घरेलू महिलाओं से अनुरोध है किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला फेरी वाला बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो उसके लिए दरवाज़ा ना खोले ना ही कोई बात करे बस हल्ला करके भगा दें। ग़लती से भी ये शब्द ना कहे । “अभी घर में कोई नही है बाद में आना या चले जाओ “ घर में अगर कुत्ता है तो उसे खोल दो उसी टाइम और मेन गेट मत खोलो। अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखिए । सतर्क रहें। सुरक्षित रहें । Larankello से आज खबर मिली है की भिखारी के बेस में पांच सौ लोग निकले है जो रास्ते में जो मिलता है उसको काटकर कलेजे अौर कीडनी निकाल रहे है जिसमे से छः सात लोग पकड़े गाए है .जो पकडे़ गए हैं वही लोग को कडी़ पुछताच के बाद पांच सौ लोग आने की बात कबुल की है इसलिए हमारे भाईयों मेसेज को आपके जितने परिवार और मेंबर है सबको फाॅरवर्ड कीजिए: कृप्या सावधान रहे 15 से 20 लोगों की टोली आई है उनके साथ बच्चे और महीलांए हैं और उनके पास हथियार भी हैं और और आधी रात को किसी भी वक्त आते हैं और बच्चे के रोने की आवाज आती है कृपया दरवाजा ना खोले प्लीज ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में से शेयर करें पूरे एरिया में 2 से 3 दिन के अंदर फेल जाना चाहिए। अपनी सूरक्षा अपने हाथ, सावधान रहे, जनहित मे जारी .“
हमने सतलापुर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के संपर्क किया। SHO पियूष चार्ल्स ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि,“यह एक पुरानी घटना है। यह करीब 10-15 दिन पहले हुई थी। हमने बच्चे द्वारा किए गए दावे की पड़ताल की और इसे हमने असंभव पाया। बच्चे ने कहा कि अंधेरे में जब वह अपने घर के पीछे वाली बिल्डिंग के पास से गुज़र रहा था तब उसने किसी को अपने करीब आते हुए महसूस किया। लड़के के मुताबिक, किसी को अपने करीब आते हुए देखा, उसने जैसे ही उसे डराने के लिए अपना बेल्ट निकाला। बच्चे ने दावा किया कि वह व्यक्ति 6 फुट लंबी घेराबंद दीवार कूदकर वहां से भाग गया। हमने उसके दावे की जांच की और हमने पाया कि वहां पर पैरो के निशान मौजूद नहीं थे और उस दीवार को कोई भी व्यक्ति आसानी से पार नहीं कर सकता है। इसके संबंध में कोई भी FIR दर्ज नहीं की गई है क्योंकि यह मुमकिन नहीं था।”
इस वीडियो को खारिज करने वाली ऑल्ट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट यहाँ पर आप पढ़ी सकते है।
5. नशे में धुत महिला को रोहिंग्या मुस्लिम गिरोह की बच्चा चोर सदस्य बताया गया
भीड़ द्वारा एक महिला को पकड़ कर बच्चा चोर के संदेह में पूछताछ करने का वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित है। इसे इस दावे के साथ साझा किया गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों का गिरोह रात में बच्चों को अगवा करने की ताक में हैं।
Posted by Kirar Manoj Dhakad on Friday, 19 July 2019
इस वीडियो के साथ का एक संदेश भी साझा किया गया है, “सावधान भोपाल में 15 से 20 लोगों कीअलग अलग रोहिग्या मुस्लिमो की टोली आई है उनके साथ बच्चे और महिलाएं हैं और उनके पास हथियार भी है और 2 बजे आधी रात को और किसी भी वक्त आते हैं और बच्चे की रोने की आवाज आती है कृपया दरवाजा ना खोले प्लीज इसको आप सारे ग्रुप में शेयर करें। भोपाल पुलिस C.S.P. Send to all group plz.”
पत्रिका के अनुसार, बरेली [रायसेन जिले] में 19 जुलाई की रात को नशे में धुत एक महिला गलती से एक व्यक्ति के घर में घुस गई। उसे बच्चों को अगवा करने वाली गिरोह के सदस्य के गलत संदेह पर भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद महिला को बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑल्ट न्यूज़ ने बरेली पुलिस से इन घटनाओं के बारे में पुष्टि की है।
पूरी तथ्य-जांच की रिपोर्ट यहाँ पढ़ी जा सकती है।
6. गुजरात में अंगों के अवैध व्यापार के दावे से बच्चा चोरी की झूठी अफवाहें
पिछले महीने जून में, बच्चों के अपहरण की अफवाहें, इस दावे के साथ गुजरात में वायरल हुईं कि इको गाड़ी चला रहे बदमाशों ने बच्चों का अपहरण करते है और उनकी किडनी को बेच देते हैं।
इस वायरल संदेश का पाठ इस प्रकार है, “ઈકો ગાદી લઈને આવે છે નાના બાળકો લઈ જાય છે અને કિટની વેચે છે જલ્દી સારે મોબાઇલ મા ફોરવર્ડ કરો હમારા બાળકો ની જીદગી બચી જાય મહેસાણા પાટન પાલનપુર જલ્દી જપ્ત કરાવો GJ19AF 0827.”
पहली तस्वीर चोरों के एक गिरोह से संबंधित है जिसे 2017 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में गिरफ्तार किया गया था। पत्रिका द्वारा इस घटना की की खबर प्रकाशित की गई थी।
दूसरी तस्वीर की तथ्य-जांच एक कन्नड़ अखबार द्वारा 2018 में की गई थी जिसमें कर्नाटक पुलिस के हवाले से कहा गया था कि यह तस्वीर 3-4 साल पुरानी थी। ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इस तस्वीर को सत्यापित नहीं कर पाया है।
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे बच्चों के अपहरण से जुड़ी किसी भी अफवाह को समर्थन देने वाली तस्वीरों, वीडियो या संदेशों को फॉरवर्ड ना करें, जिनकी किसी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए पुष्टी ना की गई हो। इस तरह की जानकारी अफवाहों के सहारे चलती है, कई भड़काऊ विवरण के साथ बार-बार फैलाई जाती है, इससे भय की भावना पैदा होती है और मॉब लिंचिंग जैसी हिंसा करने के लिए लोगों को उकसाती है।
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