भीड़ द्वारा दो महिलाओं को मारने का एक वीडियो सोशल मीडिया में बिना किसी संदर्भ के बिना साझा किया जा रहा है। 7 अगस्त को खुर्शीद अंसारी ने यह वीडियो इस संदेश के साथ साझा किया है,“आप ऐसी घटनाओं से विचलित ना हों।और ना ही इसे अपराध या अमानवीयता समझें। धरती के जिस जिस भाग में जब जब असुरों/राक्षसों का राज्य स्थापित हुवा है। वहाँ ऐसे आयोजन खेल और मनोरंजन के लिये किया जाना साधारण बात थी। ऐसे आयोजन से असुर सत्ता की शक्ति का विस्तार होता है”।
आप ऐसी घटनाओं से विचलित ना हों।
और ना ही इसे अपराध या अमानवीयता समझें।धरती के जिस जिस भाग में जब जब असुरों/राक्षसों का राज्य स्थापित हुवा है।
वहाँ ऐसे आयोजन खेल और मनोरंजन के लिये किया जाना साधारण बात थी।
ऐसे आयोजन से असुर सत्ता की शक्ति का विस्तार होता है।
😕👇#NewIndia pic.twitter.com/R0E8jZeH5q— Khurshid Ansari (@AnsariK786) August 7, 2019
वीडियो के साथ साझा किए गए संदेश में घटना के स्थान के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस वीडियो को पहले बिना किसी दावे से साझा किया जा रहा था, जिसे बाद में कई लोगों ने झूठे दावों के साथ भी साझा किया। ऑल्ट न्यूज़ को अपने एप्प पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
इस वीडियो को ट्विटर पर ‘फ्रेंड्स ऑफ़ कश्मीर‘ नाम के हैंडल से पोस्ट किया गया है, जिसे अब तक 2,000 बार रीट्वीट किया जा चूका है।
तथ्य जांच
बच्चा चोरी की अफवाहों के कारण उत्तरी राज्यों में लोगों के पिटाई की कई घटनाएं सामने आयी है। वीडियो को देखने से हमें संदेह हुआ कि यह ऐसी ही किसी घटनाओं में से एक हो सकती है। कई व्यक्तिओं द्वारा पोस्ट पर किए गए कमैंट्स के आधार पर हमने सबंधित समाचार की खोज की, जिसमें दो महिलाओं को बच्चा चोरी के संदेह में पीटा गया हो।
संगीता देवी और बेबी देवी, दो बहनें जो पटना के आलमगंज की निवासी हैं, इन दोनों को बच्चा चोरी के झूठे संदेह पर भीड़ द्वारा पीटा गया था। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ने एक टेम्पो (रिक्शा) किराए पर लिया था, एक महिला वाहन के पास खड़ी थी और दूसरी तीन बच्चों के साथ टेम्पो की ओर जा रही थी। एक बच्चे को गोद में उठाया और दूसरे को आगे चलने को कहते हुए तीसरे के हाथ खिंचकर अपने साथ ला रही थी। तभी वह रोने लगा। लोगों ने महिला से पूछताछ की तो वह घबराकर उल्टे-सीधे जवाब देने लगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि, वे घबरा गए और इसके बाद लोगों ने लाठी-डंडे व लात घुसों से महिलाओं की पिटाई की।
दैनिक जागरण में प्रकाशित, एसएचओ शशि भूषण प्रसाद के बयान के अनुसार, ये दोनों बहनें विक्रमगंज के रास्ते सासाराम शहर से गुप्त धाम की यात्रा करना चाहती थीं, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने गलती से एक गलत बस पकड़ ली और मलियाबाग पहुंच गईं। उन्होंने आगे बताया कि बस कंडक्टर द्वारा उन्हें सूचित किए जाने पर, दोनों मलियाबाग में उतर गए और किराए पर एक टेम्पो खोजने लगे।
इस मामले को लेकर ऑल्ट न्यूज़ ने दावथ पुलिस से संपर्क किया। एसएचओ प्रसाद ने कहा,“वे बच्चा चोर नहीं थे, हमने पटना में स्थानीय पुलिस के साथ इस बात की पुष्टि की है। 1000 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।” हमें सूचित किया गया कि पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है और इस घटना से जुड़े हुए फुटेज एकत्र कर लिए हैं।
टीवी 9 भारतवर्ष की रिपोर्ट में 1:22 मिनट पर, वीडियो में गलतफहमी की वजह से प्रताड़ित की गई दो महिलाओं के बारे में पूरी घटना बताते हुए और इस दावे को खारिज करते हुए भी सुना जा सकता है।
निष्कर्ष के तौर पर, दो महिलाओं को बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते भीड़ द्वारा पीटा गया और इस घटना के वीडियो को गलत व्याख्यान के साथ साझा किया गया। हाल ही में, ऑल्ट न्यूज़ ने बच्चा चोरी की अफवाहों से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो का एक संकलन को प्रकाशित किया था।
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